आगरा: जनपद में कोरोना महामारी के बाद अब ब्लैक फंगस के मामले आने लगे हैं. हालांकि ब्लैक फंगस से अभी तक आगरा में किसी की मौत नहीं हुई है लेकिन, ब्लैक फंगस के उपचार से जुड़ी दवाइयां और इंजेक्शन जिले में उपलब्ध नहीं हैं. इसलिए अधिकांश मरीजों को दिल्ली रेफर किया जा रहा है. इस बीमारी से जुड़े एक ही मरीज का उपचार आगरा के एसएन मेडिकल में किया जा रहा है. एसएस मेडिकल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आशीष गौतम ने ब्लैक फंगस से जुड़ी अहम जानकारियां दी.
कोरोना के इलाज का साइड इफेक्ट है ब्लैक फंगस
डॉ. आशीष गौतम ने बताया कि ब्लैक फंगस कोई नई बीमारी नहीं है. ब्लैक फंगस बीमारी बहुत वक्त से चली आ रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के समय जो मेडिसिन प्रयोग में लाई जाती है, यह उसका साइड इफेक्ट है. इस वजह से अभी ब्लैक फंगस के मामले में बढ़ोतरी हुई है.
घर पर न करें ब्लैक फंगस का इलाज
डॉ. आशीष गौतम ने बताया कि ब्लैक फंगस एक खतरनाक बीमारी है. यदि किसी व्यक्ति को ब्लैक फंगस के जरा भी लक्षण दिखाई देते हैं जैसे- आंखों के पास काले धब्बे पड़ना, आंखों में जलन होना यह इसके शुरुआती लक्षण हैं. इनमें से कोई भी लक्षण व्यक्ति में नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें न कि घर पर इसका इलाज करें, क्योंकि घर पर इलाज करने से मरीज की जान भी जा सकती है.
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