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सीसीटीवी में दिखी परिवहन विभाग की लापरवाही, कमिश्नर ने ली अधिकारियों की क्लास

आगरा के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के सीसीटीवी कैमरों में परिवहन विभाग की लापरवाही कैद हुई है. कैमरों से पता चला है कि शहर में करीब एक लाख ऐसे वाहन चल रहे हैं, जिनका पंजीकरण निरस्त हो चुका हैं. इस संबंध में कमिश्नर अमित कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं.

सीसीटीवी में दिखी परिवहन विभाग की लापरवाही
सीसीटीवी में दिखी परिवहन विभाग की लापरवाही
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Published : Mar 25, 2021, 12:34 AM IST

आगरा: स्मार्ट सिटी के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के सीसीटीवी कैमरों ने परिवहन विभाग की पोल खोल कर रख दी है. शहर में करीब एक लाख ऐसे वाहन चल रहे हैं, जिनका पंजीकरण निरस्त हो चुका हैं. ये वाहन 15 साल या इससे अधिक पुराने हैं. ऐसे वाहन कई साल पहले ही प्रतिबंधित कर दिए गए थे. इसके बाद भी परिवहन विभाग के अधिकारियों की साठगांठ से सड़कों पर फर्राटा भर रहे थे.

प्रतिबंधित वाहनों में हजारों लोडिंग टेम्पो और ऐसी बसें शामिल हैं, जो सरेंडर हो चुकी हैं. इसको लेकर आगरा कमिश्नर ने मंगलवार को स्मार्ट सिटी कार्यालय में एक बैठक की. इमसें कमिश्नर ने परिवहन विभाग, यातायात पुलिस और अन्य विभाग के अधिकारियों को डांटा. साथ ही तत्काल प्रभाव से कमेटी बनाकर ऐसे वाहनों को जब्त करने के निर्देश दिए. इससे परिवहन विभाग में खलबली मच गई हैं.

सीसीटीवी कैमरे कैद हुए वाहन
बता दें कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के प्रमुख चैराहों, तिराहों, सड़कों और बाजारों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इससे शहर की हर गतिविधि पर नजर रखी जाती है. इसके साथ ही सीसीटीवी से यातायात नियमों की अनदेखी और नियमों को तोड़ने वाले वाहनों के चालान भी ऑनलाइन किए जाते हैं. इसी दौरान एक विशेष तरह का रिकाॅर्ड भी सेव हुआ है. यह रिकाॅर्ड था, ऐसे प्रबंधित वाहनों का, जो 15 साल या इससे अधिक साल पुराने हैं.

कमिश्नर ने जताई नाराजगी
स्मार्ट सिटी कार्यालय में मंगलवार को कमिश्नर अमित कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इसमें पुलिस, यातायात पुलिस, जिला प्रशासन के साथ ही परिवहन विभाग को भी शामिल किया गया. बैठक में स्मार्ट सिटी के कंट्रोल कमांड सेंटर के आंकड़ों को साझा किया गया है. कमिश्नर गुप्ता ने कहा कि कंट्रोल कमांड सेंटर से शहर में एक लाख से अधिक ऐसी गाड़ियां पकड में आईं हैं, जिनके रजिस्ट्रेशन को 15 साल या उससे ज्यादा समय हो चुका है. इनमें से 40 से 45 प्रतिशत गाड़ियां ऐसी हैं, जिनका यूज नहीं होना चाहिए. इसके बाद भी वै सड़कों पर चल रही हैं. इस पर कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त की है.

तत्काल सीज करने के आदेश
स्मार्ट सिटी के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर ने परिवहन विभाग के अधिकारियों की पोल खोल दी है. परिवहन विभाग ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन को निरस्त कर चुका था. मगर, ऐसे वाहनों की वर्तमान में सही संख्या का पता नहीं था. बैठक में कमिश्नर अमित कुमार गुप्ता ने ऐसी गाड़ियों को तत्काल सीज करने के निर्देशआरटीओ को निर्देश दिए हैं. अब शहर में परिवहन विभाग के साथ ही पुलिस और यातायात पुलिस भी इन वाहनों को जब्त करेगी. उन्हें सीज किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- आगरा और समरकंद को सिस्टर सिटी बनाने को ओर बढ़े कदम, उज्बेकिस्तान के साथ रिश्ते होंगे मजबूत

एडीएम के विशेष फंड पर भी चर्चा
कमिश्नर गुप्ता ने एडीएम और स्मार्ट सिटी सीईओ को निर्देश दिए कि जल्द ही स्मार्ट सिटी के लिए एडीएम की ओर से मिलने वाले विशेष फंड पर कार्य योजना बनाएं. चौराहों पर रेड सिग्नल के दौरान लेफ्ट टर्न को भी खोलने के लिए क्या व्यवस्था की जा सकती है, इस पर भी चर्चा की गई. बैठक में स्मार्ट सिटी की ओर से ताजगंज में रिनोवेट किए गए जच्चा-बच्चा केंद्र को संचालित करने पर भी चर्चा की गई. बैठक में एसएसपी बबलू कुमार, नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे, एआरटी प्रशासन एके सिंह, स्मार्ट सिटी के नोडल अधिकारी आरके सिंह, जीएम सुशील गुप्ता, आनंद मेनन आदि अधिकारी मौजूद रहे.

आगरा: स्मार्ट सिटी के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के सीसीटीवी कैमरों ने परिवहन विभाग की पोल खोल कर रख दी है. शहर में करीब एक लाख ऐसे वाहन चल रहे हैं, जिनका पंजीकरण निरस्त हो चुका हैं. ये वाहन 15 साल या इससे अधिक पुराने हैं. ऐसे वाहन कई साल पहले ही प्रतिबंधित कर दिए गए थे. इसके बाद भी परिवहन विभाग के अधिकारियों की साठगांठ से सड़कों पर फर्राटा भर रहे थे.

प्रतिबंधित वाहनों में हजारों लोडिंग टेम्पो और ऐसी बसें शामिल हैं, जो सरेंडर हो चुकी हैं. इसको लेकर आगरा कमिश्नर ने मंगलवार को स्मार्ट सिटी कार्यालय में एक बैठक की. इमसें कमिश्नर ने परिवहन विभाग, यातायात पुलिस और अन्य विभाग के अधिकारियों को डांटा. साथ ही तत्काल प्रभाव से कमेटी बनाकर ऐसे वाहनों को जब्त करने के निर्देश दिए. इससे परिवहन विभाग में खलबली मच गई हैं.

सीसीटीवी कैमरे कैद हुए वाहन
बता दें कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के प्रमुख चैराहों, तिराहों, सड़कों और बाजारों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इससे शहर की हर गतिविधि पर नजर रखी जाती है. इसके साथ ही सीसीटीवी से यातायात नियमों की अनदेखी और नियमों को तोड़ने वाले वाहनों के चालान भी ऑनलाइन किए जाते हैं. इसी दौरान एक विशेष तरह का रिकाॅर्ड भी सेव हुआ है. यह रिकाॅर्ड था, ऐसे प्रबंधित वाहनों का, जो 15 साल या इससे अधिक साल पुराने हैं.

कमिश्नर ने जताई नाराजगी
स्मार्ट सिटी कार्यालय में मंगलवार को कमिश्नर अमित कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इसमें पुलिस, यातायात पुलिस, जिला प्रशासन के साथ ही परिवहन विभाग को भी शामिल किया गया. बैठक में स्मार्ट सिटी के कंट्रोल कमांड सेंटर के आंकड़ों को साझा किया गया है. कमिश्नर गुप्ता ने कहा कि कंट्रोल कमांड सेंटर से शहर में एक लाख से अधिक ऐसी गाड़ियां पकड में आईं हैं, जिनके रजिस्ट्रेशन को 15 साल या उससे ज्यादा समय हो चुका है. इनमें से 40 से 45 प्रतिशत गाड़ियां ऐसी हैं, जिनका यूज नहीं होना चाहिए. इसके बाद भी वै सड़कों पर चल रही हैं. इस पर कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त की है.

तत्काल सीज करने के आदेश
स्मार्ट सिटी के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर ने परिवहन विभाग के अधिकारियों की पोल खोल दी है. परिवहन विभाग ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन को निरस्त कर चुका था. मगर, ऐसे वाहनों की वर्तमान में सही संख्या का पता नहीं था. बैठक में कमिश्नर अमित कुमार गुप्ता ने ऐसी गाड़ियों को तत्काल सीज करने के निर्देशआरटीओ को निर्देश दिए हैं. अब शहर में परिवहन विभाग के साथ ही पुलिस और यातायात पुलिस भी इन वाहनों को जब्त करेगी. उन्हें सीज किया जाएगा.

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एडीएम के विशेष फंड पर भी चर्चा
कमिश्नर गुप्ता ने एडीएम और स्मार्ट सिटी सीईओ को निर्देश दिए कि जल्द ही स्मार्ट सिटी के लिए एडीएम की ओर से मिलने वाले विशेष फंड पर कार्य योजना बनाएं. चौराहों पर रेड सिग्नल के दौरान लेफ्ट टर्न को भी खोलने के लिए क्या व्यवस्था की जा सकती है, इस पर भी चर्चा की गई. बैठक में स्मार्ट सिटी की ओर से ताजगंज में रिनोवेट किए गए जच्चा-बच्चा केंद्र को संचालित करने पर भी चर्चा की गई. बैठक में एसएसपी बबलू कुमार, नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे, एआरटी प्रशासन एके सिंह, स्मार्ट सिटी के नोडल अधिकारी आरके सिंह, जीएम सुशील गुप्ता, आनंद मेनन आदि अधिकारी मौजूद रहे.

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