आगरा : आगरा के लाल सतीश चाहर बीएसएफ में तैनात थे. वर्तमान में उनकी तैनाती गुजरात के भुज में थी. अपनी बटालियन के साथ वह युद्धाभ्यास के लिए पोखरण जैसलमेर आए थे. मंगलवार रात करीब 10 बजे सेना की यूनिट ने परिजनों को युद्धाभ्यास के दौरान बैरल फट जाने से सतीश चाहर की शहादत की खबर दी. बेटे की शहादत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. सतीश चाहर के शहीद होने की खबर मिलते ही चाहरवाटी क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई.
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गुरुवार सुबह 7 बजे शहीद का शव पैतृक गांव अकोला पहुंचा
शव गांव पहुंचते ही शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा सतीश तेरा नाम रहेगा के जयकारों से गांव गूंज उठा. शहीद की शहादत को सलाम करने के लिए फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर व आगरा के डीएम प्रभु एन सिंह, एसएसपी बबलू कुमार, चौधरी बाबूलाल, चौधरी गोपीचंद आदि गांव पहुंचे. परिवारीजनों को ढांढस बंधाया. मथुरा से 20 जवानों की यूनिट चाहर वाटी क्षेत्र अकोला में पहुंची. मातमी धुन के साथ 36 राउंड फायरिंग कर सलामी दी गई. शहीद के पार्थिव शरीर को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. शहीद को मुखाग्नि सबसे छोटे भाई संदीप चाहर ने दी. अपने लाल की शहादत पर ग्रामीण व परिवार के लोग अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे थे. हजारों नम आंखों ने सतीश चाहर को अंतिम विदाई दी.
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राज्य सरकार की ओर से 50 लाख का चेक आया
क्षेत्रीय सांसद राजकुमार चाहर ने परिवारी जनों को समझाया कि राज्य सरकार की ओर से 50 लाख का जो चेक आया है, वह परिजनों को दिया जा रहा है. कहा कि मुख्यमंत्री से मिलकर छोटे बेटे को नौकरी दिलवाने का प्रयास करेंगे.