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छत्रपति शिवाजी महाराज प्रेरणा स्थल के रूप में एक नई पहचान बनाएगा ताजनगरी आगरा

छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रेरणा स्थल के रूप में एक नई पहचान बनाएगा आगरा. सुधीर मुनगंटीवार ने केंद्र सरकार से स्मारक स्थल को विकसित करने के लिए यथासंभव सहयोग करने का किया निवेदन. मुगल बादशाह औरंगजेब ने शिवाजी को छल से बनाया था बंदी.

ताजनगरी आगरा
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Published : Nov 19, 2021, 2:46 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में ताजनगरी के लिए फेमस आगरा अब छत्रपति शिवाजी महाराज प्रेरणा स्थल के रूप में एक नई पहचान बनाएगा. भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व वित्त, वन एवं नियोजन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने लखनऊ में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि केवल ताजमहल ही नहीं बल्कि छत्रपति शिवाजी का इतिहास भी आगरा से जुड़ा हुआ है.


इस बाबत सुधीर ने कहा कि मैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM yogi adityanath) से यह कहने आया हूं कि जिस संपत्ति को छत्रपति शिवाजी के प्रेरणा स्थल के लिए यूपी सरकार चयनित करेगी उसको विकसित व आकर्षक पर्यटन स्थल बनाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरक बनाने के लिए महाराष्ट्र यथासंभव अधिक से अधिक सहयोग करने को तैयार हैं.

छत्रपति शिवाजी महाराज प्रेरणा स्थल
छत्रपति शिवाजी महाराज प्रेरणा स्थल
उन्होंने कहा कि मैं केंद्र सरकार के पर्यटन विभाग से स्मारक स्थल को विकसित करने के लिए यथासंभव सहयोग करने का निवेदन भी करूंगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्य में महाराष्ट्र की जनता की ओर से सीएम योगी, पर्यटन एवं संस्कृत कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी और भाजपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक आगरा विधायक योगेंद्र उपाध्याय का आभार व्यक्त करता हूं. जिन्होंने इस पुनीत कार्य के लिए सहयोग का आश्वासन दिया है.यह भी पढ़ें- कंगना के 'आजादी की लड़ाई' के खिलाफ समाजवादी लोहिया वाहिनी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, बोले- 'सरकार वापस ले पद्मश्री'

केवल ताजमहल ही नहीं बल्कि छत्रपति शिवाजी भी हैं आगरा का इतिहास

उन्होंने आगरा के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि तत्कालीन मुगल बादशाह औरंगजेब ने शिवाजी को छल से बंदी बना लिया था. परन्तु तत्कालीन दुनिया की सबसे बड़ी ताकत कहे जाने वाले औरंगजेब की चाक-चौबंद व्यवस्था की आंखों में धूल झोंक कर किस प्रकार से शिवा जी महाराज निकल गये थे. यह भी युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरक प्रसंग है. अभी तक हमें यही बताया गया कि औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को आगरा के लाल किले में बंदी बनाकर रखा था जबकि अन्य इतिहासकारों का यह भी मानना है कि आगरा के लाल किला में ऐसा कोई स्थान नहीं है. जहां शिवाजी को बंदी बनाया गया था. कई इतिहासकारों का यह भी मत है कि तत्कालीन जयपुर के महाराज मिर्जा राजा जयसिंह के पुत्र राम सिंह की आगरा स्थित कोठी में शिवाजी को नजरबंद रखा गया था.

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल ने इतिहासकारों एवं उत्तर प्रदेश विधान मंडल दल के मुख्य सचेतक आगरा दक्षिण से विधायक योगेंद्र उपाध्याय को शोध कार्य के लिए प्रेरित किया. ऐतिहासिक दस्तावेजों के अध्ययन, इतिहासकारों के विचार विमर्श एवं जयपुर के राजघराने के पुराने राजस्व अभिलेखों को खंगालने के उपरांत 2018 में भारत के नामचीन इतिहासकारों की एक सेमिनार हुई, जिसमें शोध से जो मत सामने आए उससे यह पता चला कि शिवाजी महाराज को राजाराम सिंह की कोठी में ही बंदी बनाया गया था.

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लखनऊः उत्तर प्रदेश में ताजनगरी के लिए फेमस आगरा अब छत्रपति शिवाजी महाराज प्रेरणा स्थल के रूप में एक नई पहचान बनाएगा. भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व वित्त, वन एवं नियोजन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने लखनऊ में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि केवल ताजमहल ही नहीं बल्कि छत्रपति शिवाजी का इतिहास भी आगरा से जुड़ा हुआ है.


इस बाबत सुधीर ने कहा कि मैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM yogi adityanath) से यह कहने आया हूं कि जिस संपत्ति को छत्रपति शिवाजी के प्रेरणा स्थल के लिए यूपी सरकार चयनित करेगी उसको विकसित व आकर्षक पर्यटन स्थल बनाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरक बनाने के लिए महाराष्ट्र यथासंभव अधिक से अधिक सहयोग करने को तैयार हैं.

छत्रपति शिवाजी महाराज प्रेरणा स्थल
छत्रपति शिवाजी महाराज प्रेरणा स्थल
उन्होंने कहा कि मैं केंद्र सरकार के पर्यटन विभाग से स्मारक स्थल को विकसित करने के लिए यथासंभव सहयोग करने का निवेदन भी करूंगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्य में महाराष्ट्र की जनता की ओर से सीएम योगी, पर्यटन एवं संस्कृत कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी और भाजपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक आगरा विधायक योगेंद्र उपाध्याय का आभार व्यक्त करता हूं. जिन्होंने इस पुनीत कार्य के लिए सहयोग का आश्वासन दिया है.यह भी पढ़ें- कंगना के 'आजादी की लड़ाई' के खिलाफ समाजवादी लोहिया वाहिनी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, बोले- 'सरकार वापस ले पद्मश्री'

केवल ताजमहल ही नहीं बल्कि छत्रपति शिवाजी भी हैं आगरा का इतिहास

उन्होंने आगरा के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि तत्कालीन मुगल बादशाह औरंगजेब ने शिवाजी को छल से बंदी बना लिया था. परन्तु तत्कालीन दुनिया की सबसे बड़ी ताकत कहे जाने वाले औरंगजेब की चाक-चौबंद व्यवस्था की आंखों में धूल झोंक कर किस प्रकार से शिवा जी महाराज निकल गये थे. यह भी युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरक प्रसंग है. अभी तक हमें यही बताया गया कि औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को आगरा के लाल किले में बंदी बनाकर रखा था जबकि अन्य इतिहासकारों का यह भी मानना है कि आगरा के लाल किला में ऐसा कोई स्थान नहीं है. जहां शिवाजी को बंदी बनाया गया था. कई इतिहासकारों का यह भी मत है कि तत्कालीन जयपुर के महाराज मिर्जा राजा जयसिंह के पुत्र राम सिंह की आगरा स्थित कोठी में शिवाजी को नजरबंद रखा गया था.

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल ने इतिहासकारों एवं उत्तर प्रदेश विधान मंडल दल के मुख्य सचेतक आगरा दक्षिण से विधायक योगेंद्र उपाध्याय को शोध कार्य के लिए प्रेरित किया. ऐतिहासिक दस्तावेजों के अध्ययन, इतिहासकारों के विचार विमर्श एवं जयपुर के राजघराने के पुराने राजस्व अभिलेखों को खंगालने के उपरांत 2018 में भारत के नामचीन इतिहासकारों की एक सेमिनार हुई, जिसमें शोध से जो मत सामने आए उससे यह पता चला कि शिवाजी महाराज को राजाराम सिंह की कोठी में ही बंदी बनाया गया था.

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