आगरा: ताजनगरी की अदालतों में स्टांप वेंडर मनमानी ढंग से पैसे वसूल रहे हैं. 10 रुपये का स्टांप 50 और 60 रुपये में बेचा जा रहा है. लगातार मिल रही शिकायत पर डीएम प्रभु नारायण सिंह कलेक्ट्रेट पर खुद के नाम से स्टांप खरीदने के लिए एक कर्मचारी को भेजा. वेंडर ने डीएम के नाम 10 रुपये का स्टांप देने के एवज में 50 रुपये की मांग की. वहीं दूसरे वेंडर ने स्टांप की कीमत 100 रुपये बताई और सौदेबाजी की. इस पर डीएम ने स्टांप की अधिक कीमत लेने वाले और रजिस्टर में एंट्री सही न रखने वाले तीन स्टांप वेंडरों का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की है.
डीएम ने यूं जानी कालाबाजारी की हकीकत
डीएम प्रभु नारायण सिंह ने कार्यालय के कर्मचारी को पीएन सिंह के नाम से दो स्टांप खरीदकर लाने के लिए भेजा. कर्मचारी सबसे पहले स्टांप वेंडर राजकुमार से पीएन सिंह के नाम से दस रुपये का स्टांप मांगा. वेंडर राजकुमार ने स्टांप के 50 रुपए मांगे. इससे कम रुपए में स्टांप देने से इनकार कर दिया. इसके बाद कर्मचारी स्टांप वेंडर रविद्र कुमार गुप्ता के बस्ता पर पहुंचा. वेंडर रविद्र ने दस रुपये के स्टांप के 100 रुपये मांगे. इसके बाद कर्मचारी ने वेंडर्स की मनमानी और कालाबाजारी की जानकारी डीएम को दी.
डीएम ने मारा छापा
कर्मचारी की जानकारी के बाद डीएम प्रभु नारायण सिंह, एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी और अन्य अधिकारियों ने वेंडर्स के बस्तों पर छापा मारा. इससे वेंडर्स में खलबली मच गई. कलेक्ट्रेट से तमाम वेंडर्स अपना बस्ता समेट कर भाग गए. डीएम प्रभु नारायण सिंह ने कालाबाजारी करने वाले दोनों वेंडरों के स्टांप रजिस्टर सहित अन्य दस्तावेज जब्त करवा लिए. इसके साथ ही डीएम ने स्टांप वेंडर राजकुमार, रविद्र और एक अन्य वेंडर के लाइसेंस के निलंबन की संस्तुति की है.
स्टांप वेंडर्स को जारी किया नोटिस
एडीएम वित्त एवं राजस्व योगेंद्र कुमार का कहना है कि तय कीमत से अधिक पर स्टांप की बिक्री नहीं की जा सकती है. इस बारे में सभी वेंडरों के लिए एक नोटिस जारी किया है. ज्यादा कीमत पर स्टांप बेचने पर वेंडर का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा.
आगरा में स्टांप वेंडर
- 350 वेंडर जिले में हैं.
- 150 वेंडर सदर तहसील में हैं.
- 20 वेंडर कलेक्ट्रेट में हैं.
- 180 वेंडर जिले की अलग-अलग तहसील में हैं.