आगरा: यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए दर्दनाक हादसे के बाद रोडवेज की बसों की स्पीड कंट्रोल करने का काम तेजी से चल रहा है. अब रोडवेज बसों में लगाई जा रही स्पीड कंट्रोल डिवाइस से बसों की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं हो सकेगी. हर हालत में अगस्त माह तक सभी रोडवेज बसों में स्पीड कंट्रोल लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
- आठ जुलाई 2019 की सुबह आगरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर दर्दनाक हादसा हुआ.
- लखनऊ से दिल्ली जा रही बेकाबू रोडवेज बस डिवाइडर पर चढ़ गई.
- रोडवेज बस यमुना एक्सप्रेस-वे से 45 मीटर नीचे झरना नाले में गिर गई थी.
- इस हादसे में बस में सवार 29 सवारियों की जान चली गई थी.
लखनऊ से मिले निर्देश के आधार पर रोडवेज बसों में स्पीड कंट्रोल डिवाइस लगा रहे हैं. मिस्त्री के जरिए हम एसएलडी को फिट कर रहे हैं. सबसे पहले हम जैक लगाकर एसएलडी से गाड़ी की स्पीड चेक करते हैं. एसएलडी से बस की स्पीड नियंत्रित की जा सकेगी. ड्राइवर कितना भी गाड़ी को भगाना चाहे, लेकिन वह 80 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा की रफ्तार में नहीं दौड़ा सकेगा.
-इकबाल अली, फोरमैन, उत्तर प्रदेश परिवहनअक्टूबर 2015 के बाद की रोडवेज की जो गाड़ियां हैं, उनमें एसएलडी पहले से ही लगी हैं. अब हम अक्टूबर 2015 से पहले की सभी बसों में एसएलडी लगाने का काम कर रहे हैं. अभी तक 155 रोडवेज बसों में एसएलडी भी लगाई जा चुकी है. 15 अगस्त 2019 तक बाकी की सभी रोडवेज बसों में एसएलडी लगाई जा सकेंगी.
-एसपी सिंह, सेवा प्रबंधक, क्षेत्रीय मंडल कार्यालय आगरा