आगरा: ताजमहल भारत की शान है. यह स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है. मोहब्बत की निशानी ताजमहल के दीदार को हर कोई बेताब रहता है. फिर चाहे देशी पर्यटक हों या विदेशी टूरिस्ट. हर कोई इस बेजोड़ संगमरमरी हुस्न के कायल हैं. चांद की दूधिया रोशनी में जब ताज नहाता है, तो उसकी खूबसूरती को लेकर पर्यटक जितनी उपमा दें, वे फीकी नजर आती हैं. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सुविधाएं भी बढ़ रही हैं. ऐसे में यदि आगरा में टूरिस्टों का नाइट स्टे बढ़े तो यह आगरा के पर्यटन कारोबार के लिए बेहतर होगा. इसलिए अब यमुना किनारे, मेहताब बाग से पर्यटक चांदनी रात में ताज का दीदार कर सकते हैं.
टोकन टिकट सिस्टम
ताजमहल में पर्यटकों की सुविधा को देखकर टोकन टिकट सिस्टम लागू किया है. एक टोकन की वैलिडिटी 3 घंटे है. 3 घंटे से ज्यादा ताज परिसर में रुकने पर टूरिस्ट को फिर से टोकन को रिचार्ज कराना पड़ेगा. इतना ही नहीं टोकन खोने पर जुर्माना भी देना पड़ता है.
यह है टोकन फीस
ताजमहल में इंडियन टूरिस्ट के लिए एंट्री फीस ₹50 है. टूरिस्ट मुख्य गुंबद पर जाता है तो उसे ₹200 का टिकट लेना पड़ेगा. ऐसे में इंडियन टूरिस्ट के ताजमहल घूमने के लिए ढाई सौ रुपए खर्च होते हैं. ऐसे ही विदेशी टूरिस्ट की टिकट 1300 रुपए है.
नाइट विजिट
हर माह तीन दिन ताज की नाइट विजिट के लिए टिकट जारी की जाती है. नाइट में ताज महल पूर्णिमा से एक दिन पहले और पूर्णिमा के एक दिन बाद का विजिट रहता है. जिससे टूरिस्ट दूधिया रोशनी में ताज निहार सकें.
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा
एएसआई की ओर से ताजमहल डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन बुकिंग कराने पर इंडियन टूरिस्ट को ₹5 का डिस्काउंट दिया जाता है. विदेशी टूरिस्ट को ऑनलाइन टिकट पर ₹50 का डिस्काउंट दिया जाता है. 15 साल से कम उम्र के बच्चों का टिकट भी नहीं लगता है.
22 साल लगे मोहब्बत की निशानी में
मुगल शहंशाह शाहजहां ने अपनी दूसरी पत्नी मुमताज महल की याद में ताजमहल का निर्माण कराया था. यह यमुना के किनारे सफेद पत्थरों से निर्मित अलौकिक सुंदरता की तस्वीर है. ताजमहल न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में जाना जाता है. इस मोहब्बत की निशानी को देखने हजारों सैलानी प्रतिदिन आगरा आते हैं. ताजमहल का निर्माण 1630 में शुरू हुआ और करीब 22 साल में ताजमहल बनकर तैयार हुआ. ताजमहल बनाने में 20 हजार मजदूरों का योगदान है. ताजमहल का मुख्य गुंबद 60 फीट ऊंचा और 80 फीट चौड़ा है.
यहां से आई ताज के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री
ताजमहल के निर्माण में लगा सफेद संगमरमर राजस्थान के मकराना से मंगाया गया. इसके साथ ही कई प्रकार की कीमती पत्थर और रत्न को बगदाद, अफगानिस्तान, तिब्बत, इजिप्ट, रूस, ईरान, इराक समेत अन्य देशों से मंगाए गए. फिर इसके बाद ताजमहल में इन्हें उपयोग किया गया.
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टूरिस्ट ने किया ताज विजिट
अगर हम बात करें 2016 से 2019 के आकड़ों की तो साल 2018 में सबसे ज्यादा पर्यटकों ने ताज का दीदार किया था.जिसमें छप्पन लाख उन्यासी हजार आठ सौ 32 भारतीय पर्यटक, सात लाख तिरासी हजार 140 विदेशी पर्यटक शामिल हैं. वहीं सार्क टूरिस्टों की संख्या 1 लाख 11 हजार आठ सौ छियासी रही
सन इंडियन टूरिस्ट विदेशी पर्यटक सार्क टूरिस्ट
2016 5547838 617850 76355
2017 5604461 760554 96902
2018 5679832 783140 111886
2019 3185578 449777 61505
टूरिस्ट से रिवेन्यू रुपये करोड़ में हैं
वहीं अगर हम बात करें साल 2016 से 2019 तक के राजस्व की तो साल 2018 में सबसे ज्यादा लगभग 22 करोड़ रुपये देशी पर्यटकों से और लगभग 43 करोड़ रुपये विदेशी पर्यटकों से इकट्ठा हुए थे.
सन् रिवेन्यू इंडियन रिवेन्यू फोर्रनर रिवेन्यू सार्क
2016 3.75 करोड़ 25.34 करोड़ 0.18 करोड़
2017 16.81 करोड़ 38.02 करोड़ 0.29 करोड़
2018 22.06 करोड़ 43.18 करोड़ 0.54 करोड़
2019 30.46 करोड़ 34.98करोड़ 1.25 करोड़
अगली बार परिवार संग आऊंगा
बिहार के पंश्चिमी चंपारण के टूरिस्ट संदीप कुमार ने बताया कि पहली बार ताजमहल देखने आया. उसे ताज बहुत ही खूबसूरत लगा है. अब आगे परिवार के साथ ताजमहल देखने आएगे. ताजमहल पर जो भी सुविधाएं हैं, वह बहुत ही शानदार हैं. देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक इसका दीदार करने आते हैं. इटली की टूरिस्ट जलीशा ने बताया कि, मैं पहली बार भारत आई हूं. ताज बहुत खूबसूरत है. स्पेन की टूरिस्ट वेरलाइशी अकोस्टा ने बताया कि आई लाइक वेरी मच.
डायना सीट पर फोटो सेशन का क्रेज
फोटोग्राफर अजीत सिंह चौहान ने बताया कि वैसे तो ताजमहल बहुत ही खूबसूरत है. जहां से भी फोटोग्राफी की जाए, वहां से खूबसूरत लगता है. मगर देखा जाए तो टूरिस्ट तीन प्वाइंट्स से फोटो सेशन कराना पसंद करते हैं. पहला रॉयल गेट से उतरते ही कैनाल के फोटोज शानदार आते हैं. दूसरा गार्डन और सबसे ज्यादा टूरिस्ट डायना सीट पर फोटो सेशन कराना पसंद करते हैं.
पच्चीकारी में लगा 28 तरह का स्टोन
टूरिस्ट गाइड उमाकांत सेंगर ने बताया कि टूरिस्ट सबसे ज्यादा सवाल मुख्य गुंबद को लेकर के करते हैं. अगर हम मुख्य गुंबद की बात करें, जिसमें सरकार की ओर से कई चीज बंद कर दी गई हैं. ताज में स्टोन की बात की जाए तो तीन तरह का स्टोन लगा है. पहला व्हाइट स्टोन, दूसरा रेडस्टोन और तीसरा अन्य है. ताजमहल के अंदर जो पच्चीकारी की गई है, उसके स्टोन की बात की जाए तो वह 28 तरह का स्टोन उपयोग किया गया है. जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक, ईरान और अन्य देशों से मंगाया गया था.
जिंदा है मुगल कालीन कला
इम्पोरियम संचालक संजीव ने बताया कि, आज भी आगरा में मुगलकालीन पच्चीकारी की कला जिंदा है. जो परिवार पहले पच्चीकारी करते थे. उनके परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी यह काम किया जा रहा है. आज भी छोटे आइटम पर लेवर्क किया करते हैं. जो बहुत खूबसूरत होता है. देशी विदेशी पर्यटक इसे पसंद करते हैं और लेवर्क के आइटम यहां से खरीद कर भी जाते हैं.
टूरिस्ट देख सकते हैं सन् 1962 में लिया ताज का फोटो
एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि टूरिस्टों की सुविधा को ध्यान में रखकर वर्ल्ड क्लास लेवल की तमाम सुविधाएं ताजमहल परिसर में विकसित की जा रही है. टूरिस्टों के लिए विशेष तौर पर एक फोटो प्रदर्शनी भी बनाई गई है. जहां पर टूरिस्ट सन् 1962 में ताजमहल किस तरह का दिखता था, फिर कैसे-कैसे एसआई ने वहां पर संरक्षण का कार्य किया और 1962 से लेकर के अब तक ताजमहल किस तरह का दिखता है. यह सब फोटो प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया है. इसके साथ ही ड्रिंकिंग वाटर फाउंटेन भी लगाए जा रहे हैं. बच्चों को स्तनपान कराने के लिए बेबी फीडिंग रूम भी बनाया गया है. और अन्य तमाम तरह की सुविधाएं, जो टूरिस्टों के लिए जरूरी हैं. उन्हें उपलब्ध कराया जा रहा है.