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'श्रीकृष्ण' की ताजमहल में नो एंट्री, बिना दीदार के बैरंग लौटा पर्यटक, जानें पूरा मामला

ताजनगरी आगरा में एक पर्यटक को सुरक्षा और प्रमोशनल एक्टिविटी के चलते भारतीय पुरातत्व विभाग के कर्मचारी और सीआईएसएफ के सुरक्षा गार्डों ने ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया. दरअसल, पर्यटक शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण की वेशभूषा में ताजमहल देखने पहुंच गया था, जिसकी वजह से उसे बैरंग वापस कर दिया गया.

'श्रीकृष्ण' की ताजमहल में नो एंट्री, बिना दीदार के बैरंग लौटा पर्यटक
'श्रीकृष्ण' की ताजमहल में नो एंट्री, बिना दीदार के बैरंग लौटा पर्यटक
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Published : Aug 28, 2021, 11:04 PM IST

आगरा: ताजनगरी में एक पर्यटक शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण की वेशभूषा में मोहब्बत की निशानी देखने पहुंच गया. पर्यटक की वेशभूषा देखकर वहां पर भीड जमा हो गई. पर्यटक की वेशभूषा ही उसके ताजमहल देखने की चाहत के आड़े आ गई. सुरक्षा और प्रमोशनल एक्टिविटी के चलते भारतीय पुरातत्व विभाग के कर्मचारी और सीआईएसएफ के सुरक्षा गार्डों ने पर्यटक को ताजमहल देखने के लिए प्रवेश नहीं दिया गया. इस पर पर्यटक बिना ताजमहल का दीदार किए ही लौट गया.


बता दें कि, शनिवार शाम एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. यह फोटो एक पर्यटक का था, जो भगवान श्रीकृष्ण की वेशभूषा में था. पर्यटक हाथ में मुरली लिए और अन्य पोशाक पहने था. ताजमहल के वेस्ट गेट पर एएसआई कर्मचारी और सुरक्षा गार्ड ने उसे रोक लिया. कहा कि, वेश भूषा में आप ताजमहल देखने नहीं जा सकते हैं. इस पर पर्यटक यूं ही वहां पर घूमता रहा और फिर चला गया. मगर, पर्यटक के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि, वह कहां से आया था और कौन था.

प्रमोशनल एक्टिविटी पर रोक

एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि, ताजमहल परिसर या अन्य स्मारक पर बिना अनुमति के प्रमोशनल एक्टिविटी पर रोक है. पर्यटक जिस वेशभूषा में आया था, वह प्रमोशनल थी. इसलिए उसे ताजमहल देखने के लिए प्रवेश नहीं दिया गया है. वहीं, सीआईएसएफ के सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि, सुरक्षा के लिहाज से पर्यटक को एंट्री नहीं दी गई थी.


पहले भी हुआ था ऐसा विवाद

पूर्व में संवासनियों के रामनामी दुपट्टा उतरवाने पर भी ताजमहल विवाद में आया था. उस समय आगरा के तत्कालीन सांसद राम शंकर कठेरिया ने कई दिन प्रदर्शन भी किया था. इसके साथ ही विश्व की मॉडल्स के दल के ताजमहल में पहने रामनामी दुपट्टे उतरवा लिए गए थे.

यह है सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि, ताजमहल में बिना अनुमति के किसी भी तरह की कमर्शियल प्रमोशनल एक्टिविटी नहीं हो सकती है. ताजमहल में कोई नई परंपरा भी शुरू नहीं की जा सकी है. इसके साथ ही ताजमहल में किसी दूसरे देश के झंडा ले जाने पर भी प्रतिबंध है.

आगरा: ताजनगरी में एक पर्यटक शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण की वेशभूषा में मोहब्बत की निशानी देखने पहुंच गया. पर्यटक की वेशभूषा देखकर वहां पर भीड जमा हो गई. पर्यटक की वेशभूषा ही उसके ताजमहल देखने की चाहत के आड़े आ गई. सुरक्षा और प्रमोशनल एक्टिविटी के चलते भारतीय पुरातत्व विभाग के कर्मचारी और सीआईएसएफ के सुरक्षा गार्डों ने पर्यटक को ताजमहल देखने के लिए प्रवेश नहीं दिया गया. इस पर पर्यटक बिना ताजमहल का दीदार किए ही लौट गया.


बता दें कि, शनिवार शाम एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. यह फोटो एक पर्यटक का था, जो भगवान श्रीकृष्ण की वेशभूषा में था. पर्यटक हाथ में मुरली लिए और अन्य पोशाक पहने था. ताजमहल के वेस्ट गेट पर एएसआई कर्मचारी और सुरक्षा गार्ड ने उसे रोक लिया. कहा कि, वेश भूषा में आप ताजमहल देखने नहीं जा सकते हैं. इस पर पर्यटक यूं ही वहां पर घूमता रहा और फिर चला गया. मगर, पर्यटक के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि, वह कहां से आया था और कौन था.

प्रमोशनल एक्टिविटी पर रोक

एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि, ताजमहल परिसर या अन्य स्मारक पर बिना अनुमति के प्रमोशनल एक्टिविटी पर रोक है. पर्यटक जिस वेशभूषा में आया था, वह प्रमोशनल थी. इसलिए उसे ताजमहल देखने के लिए प्रवेश नहीं दिया गया है. वहीं, सीआईएसएफ के सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि, सुरक्षा के लिहाज से पर्यटक को एंट्री नहीं दी गई थी.


पहले भी हुआ था ऐसा विवाद

पूर्व में संवासनियों के रामनामी दुपट्टा उतरवाने पर भी ताजमहल विवाद में आया था. उस समय आगरा के तत्कालीन सांसद राम शंकर कठेरिया ने कई दिन प्रदर्शन भी किया था. इसके साथ ही विश्व की मॉडल्स के दल के ताजमहल में पहने रामनामी दुपट्टे उतरवा लिए गए थे.

यह है सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि, ताजमहल में बिना अनुमति के किसी भी तरह की कमर्शियल प्रमोशनल एक्टिविटी नहीं हो सकती है. ताजमहल में कोई नई परंपरा भी शुरू नहीं की जा सकी है. इसके साथ ही ताजमहल में किसी दूसरे देश के झंडा ले जाने पर भी प्रतिबंध है.

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