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ताज महोत्सव में परंपराओं का संगम, राधा-कृष्ण ने खेली दर्शकों के साथ फूलों की होली

ताज महोत्सव के दूसरे दिन कलाकारों अपना प्रस्तुतियों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. ब्रज संस्कृती और फूलों की होली जो मथुरा में खेली जाती है उसका भी आनन्द लोगों ने महोत्सव के मंच पर लिया

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Published : Feb 20, 2019, 3:26 AM IST

ताज महोत्सव

आगरा : ताज महोत्सव का दूसरा दिन परंपराओं के संगम के नाम रहा. शिल्पग्राम के मुक्ताकाश मंच से शाम को कथक, भारतनाट्यम, शास्त्रीय गिटार वादन, स्वर तंरग, भोजपुरी गीत संगीत, शास्त्रीय संगीत और अवधी गायन गीत संगीत के बाद जब ब्रज संस्कृति की होली का नंबर आया तो भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की गीतों पर झूम उठे. हवा में हाथ लहराकर लोगों ने बृज की होली का आनंद उठाया. ऐसा लगा कि शिल्पग्राम वृदांवन और मथुरा में बदल गया. हर ओर से राधा और कृष्ण के नाम से गूंज उठा.

ताज महोत्सव.

ताज महोत्सव के शिल्पग्राम में मुक्ताकाश मंच से मंगलवार को भोजपुरी गायक राकेश श्रीवास्तव ने अपनी प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके बाद नंबर आया अवधी गायन की गायिका शिप्रा चंद्रा अवधी रंग में पंडाल में मौजूद लोगों रंग दिया. देशी-विदेशी पर्यटक और दर्शक झूमने को मजबूर हो गए. इसके बाद नंबर आया की मशहूर होली का. यश भारती सम्मानित पंडित मुरारी लाल शर्मा की टीम ने अपनी प्रस्तुतियों से शिल्पग्राम एक बार को मथुरा नगरी बन गया.


फागुन से पहले ही ताज महोत्सव होली के रंग गया. आज बरज में होली मेरे रसिया. होली खेलन आओ नटवर नंद किशोर. होली गीतों के साथ बृज का लठ्ठ मार होली, फूलों की होली भी दर्शकों को देखने को मिली. जहां पर लोग राधा और श्रीकृष्ण के रंग गए. सभी राधे-राधे झूम उठे. सब की ओर से राधे कृष्णा की नामों की गूंज सुनाई देने लगी. इसके बाद राधा कृष्ण बने रूपों ने दर्शकों के साथ फूलों की होली खेली.

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आगरा : ताज महोत्सव का दूसरा दिन परंपराओं के संगम के नाम रहा. शिल्पग्राम के मुक्ताकाश मंच से शाम को कथक, भारतनाट्यम, शास्त्रीय गिटार वादन, स्वर तंरग, भोजपुरी गीत संगीत, शास्त्रीय संगीत और अवधी गायन गीत संगीत के बाद जब ब्रज संस्कृति की होली का नंबर आया तो भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की गीतों पर झूम उठे. हवा में हाथ लहराकर लोगों ने बृज की होली का आनंद उठाया. ऐसा लगा कि शिल्पग्राम वृदांवन और मथुरा में बदल गया. हर ओर से राधा और कृष्ण के नाम से गूंज उठा.

ताज महोत्सव.

ताज महोत्सव के शिल्पग्राम में मुक्ताकाश मंच से मंगलवार को भोजपुरी गायक राकेश श्रीवास्तव ने अपनी प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके बाद नंबर आया अवधी गायन की गायिका शिप्रा चंद्रा अवधी रंग में पंडाल में मौजूद लोगों रंग दिया. देशी-विदेशी पर्यटक और दर्शक झूमने को मजबूर हो गए. इसके बाद नंबर आया की मशहूर होली का. यश भारती सम्मानित पंडित मुरारी लाल शर्मा की टीम ने अपनी प्रस्तुतियों से शिल्पग्राम एक बार को मथुरा नगरी बन गया.


फागुन से पहले ही ताज महोत्सव होली के रंग गया. आज बरज में होली मेरे रसिया. होली खेलन आओ नटवर नंद किशोर. होली गीतों के साथ बृज का लठ्ठ मार होली, फूलों की होली भी दर्शकों को देखने को मिली. जहां पर लोग राधा और श्रीकृष्ण के रंग गए. सभी राधे-राधे झूम उठे. सब की ओर से राधे कृष्णा की नामों की गूंज सुनाई देने लगी. इसके बाद राधा कृष्ण बने रूपों ने दर्शकों के साथ फूलों की होली खेली.

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Intro:आगरा।
ताज महोत्सव का दूसरा दिन परंपराओं के संगम के नाम रहा। शिल्पग्राम के मुक्ताकाश मंच से शाम को कथक, भारतनाट्यम, शास्त्रीय गिटार वादन, स्वर तंरग, भोजपुरी गीत संगीत, शास्त्रीय संगीत और अवधी गायन गीत संगीत के बाद जब ब्रज संस्कृति की होली का नंबर आया तो भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की गीतों पर झूम उठे। हवा में हाथ लहराकर लोगों ने बृज की होली का आनंद उठाया। ऐसा लगा कि शिल्पग्राम वृदांवन और मथुरा में बदल गया। हर ओर से राधा और कृष्ण के नाम से गूंज उठा।


Body:ताज महोत्सव के शिल्पग्राम में मुक्ताकाश मंच से मंगलवार को भोजपुरी गायक राकेश श्रीवास्तव ने अपनी प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद नंबर आया अवधी गायन की गायिका शिप्रा चंद्रा अवधी रंग में पंडाल में मौजूद लोगों रंग दिया। देशी-विदेशी पर्यटक और दर्शक झूमने को मजबूर हो गए। इसके बाद नंबर आया की मशहूर होली का। यश भारती सम्मानित पंडित मुरारी लाल शर्मा की टीम ने अपनी प्रस्तुतियों से शिल्पग्राम एक बार को मथुरा नगरी बन गया। फागुन से पहले ही ताज महोत्सव होली के रंग गया। आज बरज में होली मेरे रसिया। होली खेलन आओ नटवर नंद किशोर। होली गीतों के साथ बृज का लठ्ठ मार होली। फूलों की होली भी दर्शकों को देखने को मिली। जहां पर लोग राधा और श्रीकृष्ण के रंग गए । सभी राधे राधे झूम उठे। सब की ओर से राधे कृष्णा की नामों की गूंज सुनाई देने लगी। इसके बाद राधा कृष्ण बने रूपों ने दर्शकों के साथ फूलों की होली खेली।


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