आगराः स्कूलों का नया सत्र शुरू होते ही प्राइवेट स्कूलों के संचालकों की मनमानी शुरू हो गई है. योगी सरकार के हिदायत के बावजूद स्कूल संचालकों की मनमानी हजारों अभिभावकों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. मगर, जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं. बेलगाम स्कूल संचालक मनमानी से अभिभावकों को तय दुकान ने यूनीफाॅर्म और कॉपी-किताब खरीदने को मजबूर कर रहे हैं. ऊपर से दुकानदार ओवर रेट पर किताबें बेच रहे हैं. अभिवावक लगातार इसकी शिकायतें अधिकारियों से कर रहे हैं. शिक्षा के नाम पर हो रही इस ठगी को लेकर टीम 'पापा' (प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ पैरेंट्स अवेयरनेस) भी प्रदर्शन कर रहा है. डीएम से शिकायत पर भी इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है.
बिल देने से इनकारः अभिभावक सविता जैन ने बताया, 'नौवीं क्लास का रिजल्ट आया है. स्कूल से बोला गया कि अब राठी स्टोर से किताबें लीजिए. यहां पर आए तो बताया कि, किताबें बिक गईं हैं. बाद में आइए. हमें परेशान किया जा रहा है. बिल भी नहीं देते हैं. अभिभावक डाॅ. गीताराम त्यागी ने बताया कि किताबों का पूरा सेट दे रहे हैं. कुछ अभिभावक को पुरानी किताबें अरेंज हो गईं हैं. उन्हें जरूरी किताबें नहीं दी जा रही हैं. अभिभावक परेशान हैं. बाकी किताबों की परेशानी हो रही है. बिल की जगह एक लिस्ट दे रहे हैं. इसमें किताबों का नाम और मूल्य लिखा हुआ है. पता नहीं, वो बिल है या लिस्ट है.'
किताब खरीदना अभिवावक की मजबूरीः अभिभावक पीयूष मित्तल ने कहा कि एडमिशन का फाॅर्म अक्टूबर में भरे गए है. रिजल्ट अब आया है. अब जो किताबों को ठेकेदार बना रखे हैं. उन्हें पहले ही किताबों की लिस्ट दे रखी है. वहीं, से किताबें खरीदना हर अभिभावक की मजबूरी है. वहीं, प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ पैरेंट्स अवेयरनेस (टीम पापा) के राष्ट्रीय संयोजक दीपक सिंह सरीन ने बताया कि, किताब और कापी के दाम में वृद्धि की शिकायतें आईं हैं. ओवर रेट पर किताबें बेची जा रही हैं. बिल नहीं दिया जा रहा है. किताबों के साथ कापियां जबरन दी जा रही हैं. इस बारे में आगरा डीएम को शिकायत दी गई थी. इस बारे में अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है. इससे साफ लग रहा है कि, जिला प्रशासन भी अभिभावकों के साथ हो रही इस लूट में स्कूल वालों के साथ मिला हुआ है.
शिकायत पर होगी सख्त कार्रवाईः बीएसए प्रवीण कुतार तिवारी ने कहा कि सत्र शुरू होने से 15 दिन पहले ही आदेश जारी किया गया था. सभी स्कूलों में नियमानुसार प्रवेश के बारे में लिखा गया था. आदेश में यह भी लिखा गया था कि किसी दुकान विशेष से अभिभावकों को किताबें लेने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही स्कूल बार-बार किताबों का परिवर्तन नहीं करें. क्योंकि, ऐसा करने से अभिभावकों पर वित्तीय बोझ बढ़ता है. यदि ऐसी कोई शिकायत है तो स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बीएसएस ने कहा, 'यदि कोई स्कूल संचालक उन्हें किसी दुकान विशेष से किताबें और अन्य पाठय सामग्री खरीदने को कह रहा है तो इसकी शिकायत सीधे मेरे मोबाइल नंबर पर करें. मुख्य विकास अधिकारी से भी छापेमार कार्रवाई के लिए टीमें बनाने के लिए अनुराध किया है. इसके साथ ही एडी बेसिक की ओर से गठित की गई टीम स्कूलों में विजिट कर रही हैं. मैं और जिले के एबीएसए भी अपने-अपने क्षेत्र में स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण कर रहे हैं.'
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