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धरातल पर सपा का संगठन धड़ाम, कैसे आएंगे निकाय चुनाव में बेहतर परिणाम

यूपी के निकाय चुनाव को लेकर सभी पार्टियां संगठन मजबूत करने में लगी हैं. लेकिन विधानसभा चुनाव में हार के बाद से समाजवादी पार्टी उबर नहीं पा रही है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में हार के बाद सपा ने वार्ड स्तर से लेकर जिला स्तर तक की कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी.

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Published : Sep 13, 2022, 7:37 PM IST

आगरा: यूपी में नगर निकाय चुनाव सिर पर हैं. सभी दल संगठन मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं. मगर विधानसभा चुनाव और उपचुनाव में मिली हार के बाद सपा उबर नहीं पा रही है. क्योंकि हर जिले में सपा की जिला, महानगर और छात्रसभा कार्यकारिणी भंग हैं. इससे सपा का जिला स्तर, महानगर, विधानसभा और वार्ड स्तर पर संगठन बिखरा हुआ है.

बता दें कि यूपी में नगर निकाय चुनाव की तैयारी में सभी दल लगे हैं. आगरा की बात करें तो भाजपा का परचम लहरा रहा है. सभी 9 विधानसभा सीटों पर भाजपा के विधायक हैं. सांसद और जिला पंचायत अध्यक्ष भी भाजपा के हैं. बीएसपी, कांग्रेस, सपा और आरएलडी का सूपड़ा साफ है.

लगातार मिल रही हार से समाजवादी पार्टी धड़ाम है. विधानसभा चुनाव के बाद आगरा समेत तमाम जिलों की कार्यकारणी और महानगर की कार्यकारिणी सपा ने भंग कर दी है. हालांकि सपा की ओर से नगर निकाय चुनाव को लेकर चुनाव प्रभारी बनाए हैं. आगरा के नगरीय निकाय चुनाव को लेकर तीन विधायक प्रभारी बनाए हैं. जिसमें विधायक सचिन यादव, विधायक आशुतोष कठेरिया और बदायूं से विधायक शाक्य शामिल हैं. लेकिन माना जा रहा है कि नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी को लेकर सपा चाहे जो भी दावे करे, मगर धरातल पर सपा का संगठन धड़ाम है.

यह भी पढ़ें- अखिलेश यादव फिर निकाय चुनाव में चलेंगे पुराना दांव, छोटे दलों के साथ खेलेंगे बड़ी राजनीतिक पारी

आगरा के निवर्तमान सपा महानगर अध्यक्ष वाजिद निसार का कहना है कि जिला, महानगर समेत अन्य समतियां भंग हैं. अब संगठन मजबूत करने की जिम्मेदारी निवर्तमान अध्यक्ष और पदाधिकारियों की है. इसके साथ ही जो प्रभारी बनाए गए हैं. उनके मुताबिक ही नगर निकाय चुनाव को लेकर रणनीति बनाई है. हमारी पूरी तैयारी है. पिछली बार पांच पार्षद चुने गए थे. इस बार आगरा नगर निगम में सपा के 50 पार्षद जीतेंगे.

यह भी पढ़ें- निकाय चुनाव में ऐतिहासिक जीत के लिए भाजपा ने बनाई ये रणनीति

आगरा: यूपी में नगर निकाय चुनाव सिर पर हैं. सभी दल संगठन मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं. मगर विधानसभा चुनाव और उपचुनाव में मिली हार के बाद सपा उबर नहीं पा रही है. क्योंकि हर जिले में सपा की जिला, महानगर और छात्रसभा कार्यकारिणी भंग हैं. इससे सपा का जिला स्तर, महानगर, विधानसभा और वार्ड स्तर पर संगठन बिखरा हुआ है.

बता दें कि यूपी में नगर निकाय चुनाव की तैयारी में सभी दल लगे हैं. आगरा की बात करें तो भाजपा का परचम लहरा रहा है. सभी 9 विधानसभा सीटों पर भाजपा के विधायक हैं. सांसद और जिला पंचायत अध्यक्ष भी भाजपा के हैं. बीएसपी, कांग्रेस, सपा और आरएलडी का सूपड़ा साफ है.

लगातार मिल रही हार से समाजवादी पार्टी धड़ाम है. विधानसभा चुनाव के बाद आगरा समेत तमाम जिलों की कार्यकारणी और महानगर की कार्यकारिणी सपा ने भंग कर दी है. हालांकि सपा की ओर से नगर निकाय चुनाव को लेकर चुनाव प्रभारी बनाए हैं. आगरा के नगरीय निकाय चुनाव को लेकर तीन विधायक प्रभारी बनाए हैं. जिसमें विधायक सचिन यादव, विधायक आशुतोष कठेरिया और बदायूं से विधायक शाक्य शामिल हैं. लेकिन माना जा रहा है कि नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी को लेकर सपा चाहे जो भी दावे करे, मगर धरातल पर सपा का संगठन धड़ाम है.

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आगरा के निवर्तमान सपा महानगर अध्यक्ष वाजिद निसार का कहना है कि जिला, महानगर समेत अन्य समतियां भंग हैं. अब संगठन मजबूत करने की जिम्मेदारी निवर्तमान अध्यक्ष और पदाधिकारियों की है. इसके साथ ही जो प्रभारी बनाए गए हैं. उनके मुताबिक ही नगर निकाय चुनाव को लेकर रणनीति बनाई है. हमारी पूरी तैयारी है. पिछली बार पांच पार्षद चुने गए थे. इस बार आगरा नगर निगम में सपा के 50 पार्षद जीतेंगे.

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