आगरा : आगरा की बहुचर्चित 'मौत वाली मॉकड्रिल' से प्रदेश में खलबली मची हुई है. कांग्रेसी हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अस्पताल पहुंच गए. इधर, जिला प्रशासन की ओर से हॉस्पिटल सील करने की कार्रवाई को लेकर हॉस्पिटल प्रबंधन ने स्टाफ को आगे कर दिया गया. जिसके बाद हॉस्पिटल के बाहर हंगामा शुरू हो गया. कांग्रेसी और हॉस्पिटल स्टाफ के बीच खूब नोकझोंक और तकरार हुई. पुलिस ने जैसे-तैसे दोनों पक्ष को समझा करके मामला शांत किया.
एक-दूसरे पर गंभीर आरोप
यूपी कांग्रेस के प्रदेश सचिव अमित सिंह ने न्यू आगरा थाना में पारस हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ शिकायत दी. इसके बाद कांग्रेसी पारस हॉस्पिटल पर आ गए. भारी भीड़ जमा हो गई. प्रशासनिक टीम की कार्रवाई का चाबुक चलने से घबराए हॉस्पिटल प्रशासन अपने स्टाफ को आगे कर दिया. हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई होने पर कर्मचारियों को बेरोजगार होने का वास्ता दिया. स्टाफ ने हॉस्पिटल के गेट पर हंगामा किया. कांग्रेसी और स्टाफ के बीच तीखी तकरार हुई. पुलिस ने जैसे-तैसे दोनों पक्ष के लोगों को समझाकर शांत किया. हॉस्पिटल स्टाफ का आरोप था कि डॉक्टर को फंसाया जा रहा है. पहले उसे काफी समय से ब्लैकमेल किया जा रहा था. अब फिर कार्रवाई हो रही है.
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यह था मामला
शहर आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित पारस हॉस्पिटल संचालक डॉ अरिंजय जैन के सोमवार को चार वीडियो वायरल हुए. जिसमें डॉ. अरिंजय जैन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के ऊपर की गई आक्सीजन हटाने की मॉकड्रिल की बात कर रहे हैं. यह बात 26 अप्रैल-2021 को हुई थी. जिला प्रशासन ने पारस हॉस्पिटल को कोविड बनाया है. उस समय हॉस्पिटल में 96 मरीज भर्ती थे. जिन पर पांच मिनट की मॉकड्रिल की गई थी. जिसमें 5 मिनट तक ऑक्सीजन हटाई गई थी. जिससे गंभीर 22 मरीजों की हालत खराब हो गई थी.