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मुंबई हाईकोर्ट के फैसले पर बोलीं एसिड अटैक पीड़िताएं, आरोपी को मिले फांसी की सजा

आगरा में एसिड अटैक पीड़िताओं का कहना है कि इस घिनौने कुकृत्य के लिए आरोपियों को सिर्फ फांसी की सजा होनी चाहिए. पीड़िताओं ने कहा कि आरोपी लड़का हो या लड़की, सजा सभी को मिले. दरअसल मुंबई हाईकोर्ट ने प्रीठी राठी पर तेजाब डालने वाले आरोपी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है.

एसिट अटैक पीड़िताएं.
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Published : Jun 19, 2019, 9:14 PM IST

आगरा: साल 2013 में महाराष्ट्र में प्रीति राठी पर एसिड अटैक करने वाले आरोपी की सजा को मुम्बई हाईकोर्ट ने फांसी से उम्रकैद में बदल दिया है. इस फैसले पर जिले में एसिड अटैक पीड़िताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. ईटीवी भारत से बातचीत में उनका कहना है कि इस तरह के कांड में शामिल होने वालों को इतनी कठोर सजा मिलनी चाहिए कि ऐसा करने से पहले वो सौ बार सोचें.

एसिड अटैक पीड़िताओं ने दी प्रतिक्रियाएं.

आरोपी को मिले फांसी की सजा...

  • साल 2016 में महाराष्ट्र विशेष महिला कोर्ट ने प्रीति राठी तेजाब कांड में आरोपी अंकुर पवार को फांसी की सजा सुनाई थी.
  • कोर्ट के इस फैसले का जनता ने स्वागत किया था.
  • इसके बाद अब 2019 में महाराष्ट्र हाईकोर्ट द्वारा अंकुर पवार की सजा को बदलकर उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया.
  • हाइकोर्ट के इस फैसले के बाद आगरा की एसिड अटैक का शिकार महिलाओं और लड़कियों में खासा रोष है.
  • एसिड पीड़िताओं का कहना है कि ऐसे आरोपियों की सजा कम नहीं होनी चाहिए, ताकि कोई भी यह करने से डरे.
  • पीड़िताओं ने यूपी में तेजाब को जगह-जगह आसानी से मिलने पर चिंता जताई.
  • उन्होंने सरकार से बिना आईडी प्रूफ दिए तेजाब की बिक्री पर रोक लगाने की अपील की.

हालांकि, इस मामले में न्यायालय का फैसला सभी के लिए मान्य है और लोग बस अपनी प्रतिक्रिया ही दे सकते हैं पर तेजाब पीड़िताओं का यह दर्द आज लोगों को इस तरह का कार्य करने से रोकने की हिम्मत जरूर देता है.

आगरा: साल 2013 में महाराष्ट्र में प्रीति राठी पर एसिड अटैक करने वाले आरोपी की सजा को मुम्बई हाईकोर्ट ने फांसी से उम्रकैद में बदल दिया है. इस फैसले पर जिले में एसिड अटैक पीड़िताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. ईटीवी भारत से बातचीत में उनका कहना है कि इस तरह के कांड में शामिल होने वालों को इतनी कठोर सजा मिलनी चाहिए कि ऐसा करने से पहले वो सौ बार सोचें.

एसिड अटैक पीड़िताओं ने दी प्रतिक्रियाएं.

आरोपी को मिले फांसी की सजा...

  • साल 2016 में महाराष्ट्र विशेष महिला कोर्ट ने प्रीति राठी तेजाब कांड में आरोपी अंकुर पवार को फांसी की सजा सुनाई थी.
  • कोर्ट के इस फैसले का जनता ने स्वागत किया था.
  • इसके बाद अब 2019 में महाराष्ट्र हाईकोर्ट द्वारा अंकुर पवार की सजा को बदलकर उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया.
  • हाइकोर्ट के इस फैसले के बाद आगरा की एसिड अटैक का शिकार महिलाओं और लड़कियों में खासा रोष है.
  • एसिड पीड़िताओं का कहना है कि ऐसे आरोपियों की सजा कम नहीं होनी चाहिए, ताकि कोई भी यह करने से डरे.
  • पीड़िताओं ने यूपी में तेजाब को जगह-जगह आसानी से मिलने पर चिंता जताई.
  • उन्होंने सरकार से बिना आईडी प्रूफ दिए तेजाब की बिक्री पर रोक लगाने की अपील की.

हालांकि, इस मामले में न्यायालय का फैसला सभी के लिए मान्य है और लोग बस अपनी प्रतिक्रिया ही दे सकते हैं पर तेजाब पीड़िताओं का यह दर्द आज लोगों को इस तरह का कार्य करने से रोकने की हिम्मत जरूर देता है.

Intro:साल 2013 में महाराष्ट्र में प्रीति राठी पर एसिड अटैक करने वाले अंकुर पवार की सजा को मुम्बई हाईकोर्ट द्वारा फांसी से उम्रकैद में बदले जाने के बाद मोहब्बत की नगरी आगरा में रह रही एसिड अटैक पीड़िताओं ने तीखी प्रक्रिया व्यक्त की है।ईटीवी से बातचीत में उनका कहना है कि इस तरह के कांड में शामिल होने वालो को इतनी कठोर सजा मिलनी चाहिए कि ऐसा करने से पहले वो सौ बार सोचे।सीधे शब्दों में कहा जाए तो उनका कहना है कि ऐसे आरोपियों को सिर्फ फांसी की सजा होनी चाहिए।इसके साथ ही उन्होंने लड़का या लड़की हर आरोपी पर समान कार्यवाही की मांग के साथ यूपी में एसिड बिक्री पर रोक लगाने की बात कही है।


Body:बता दे कि साल 2016 में महाराष्ट्र विशेष महिला कोर्ट ने प्रीति राठी तेजाब कांड में आरोपी अंकुर पवार को फांसी की सजा सुनाई थी।उस समय इस फैसले का जनता ने स्वागत किया था।इसके बाद अब 2019 में महाराष्ट्र हाई कोर्ट द्वारा अंकुर पवार की सजा को बदलकर उम्रकैद में तब्दील कर दिया।इस फैसले को सुनने के बाद आगरा की एसिड अटैक सर्वाइवर्स में खासा रोष है।आज हमारे द्वारा विशेष बातचीत में उन्होंने साफ कहा कि ऐसे आरोपियों की सजा कम नही होनी चाहिए ताकि कोई भी यह करने से डरे।अभी बुलनद शहर में लड़कियों द्वारा युवक़ो पर तेजाब डालने के मामले को भी उन्होंने समानता से देखे जाने की बात कही और सजा देने में अधिक समय न लगाएं जाने की अपील की।तेजाब पीड़िताओं ने यूपी में तेजाब जगह जगह आसानी से मिलने पर चिंता जताई और सरकार से बिना आईडीप्रूफ़ दिए तेजाब बिक्री पर रोक लगाने की अपील की।

बाईट -तेजाब पीड़िताएं नाम बोले गए हैं।

पीटीसी अविनाश जायसवाल


Conclusion:हालांकि इस मामले में न्यायालय का फैसला सभी के लिए मान्य है और लोग बस अपनी प्रतिक्रिया ही दे सकते हैं पर तेजाब पीड़िताओं का यह दर्द आज लोगो को इस तरह का कार्य करने से रोकने की हिम्मत जरूर देता है।
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