आगरा: कड़ाके की सर्द गरीबों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं. मुसीबत तब और गंभीर हो जाती है, जब रहने के लिए सिर पर छत न हो. हालांकि सरकार ने हर सिर को छत मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी, लेकिन अभी भी कई ऐसे परिवार हैं, जो कच्चे घर, तिरपाल और घास-फूस से बनी झोपड़ियों में दिन गुजार रहे हैं. ऐसा ही एक परिवार आगरा के बाह ब्लॉक क्षेत्र स्थित बटेश्वर मई गांव में रह रहा है. परिवार कड़कड़ाती सर्दी और बारिश में कच्ची दीवारों पर तिरपाल तानकर रहने को मजबूर है. इस परिवार को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला. अब आवास से महरूम परिवार के मुखिया ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर घर दिलाने की मांग की है.
ग्राम प्रधान की उदासीनता के चलते गरीब परिवार को नहीं मिला आवास
बटेश्वर मई गांव निवासी हुकुम सिंह अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ कच्ची दीवार पर तिरपाल तानकर रह रहे हैं. केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी प्रधानमंत्री आवास योजना लागू होने के बाद उन्हें भी आशा थी कि घर या घर बनाने के लिए धनराशि मिलेगी, लेकिन ब्लॉक स्तर के अधिकारियों और ग्राम प्रधान की उदासीनता के चलते गरीब ग्रामीण सरकार की योजनाओं से वंचित हैं. आरोप है कि ग्राम प्रधान ने अपने नजदीकी और चहेतों को योजना का लाभ दे दिया.
हुकुम सिंह का कहना है पक्के आवास के लिए ब्लॉक और तहसील स्तर के अधिकारियों के दफ्तर के कई चक्कर काट चुके हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा हाथ में कुछ नहीं आया, उन्हें आवास नहीं मिला. इतना ही नहीं हुकुम सिंह का परिवार स्वास्थ्य सुविधाओं से भी वंचित है. पात्र होने के बावजूद उन्हें स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाओं का लाभ नहीं दिया गया.
बेटियों की शादी के लिए भी पीएम से गुहार
हुकुम सिंह की पत्नी मीना देवी का कहना है कि उनके पास आवास नहीं है. उन्होंने मेहनत मजदूरी करके इकट्ठा किए गए पैसों से शौचालय का निर्माण कराया है. उनके पास रोजगार और आवास न होना चिंता का विषय बनता जा रहा है. मीना देवी बताती हैं उनकी दो बेटियां निशा और प्रियंका हैं. अब उन्हें बेटियों की शादी की चिंता सता रही है. इसलिए अब गरीब हुकुम सिंह के परिवार ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आवास योजना का लाभ दिलाने एवं बेटियों की शादी के लिए मदद की गुहार लगाई है.