आगराः नए साल से एक दिन पहले आगरा में हुई हिंसा का मुख्य आरोपी भी पुलिस ने खोज निकाला है. ताजगंज पुलिस का दावा है कि फतेहाबाद रोड पर पुलिस की पिटाई, हंगामा, बवाल और तोरा पुलिस चौकी में आगजनी का आरोपी करभना निवासी शैला यादव है. उसने ही लोगों को बवाल के लिए उकसाय और भड़काया था. 12 दिन की जांच के बाद पुलिस ने शैला यादव को बवाल का मुख्य आरोपित माना है. पुलिस के अनुसार शैला यादव पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी.
दो मुकदमा दर्ज, 60 बवाली चिन्हित
एसएसपी बललू कुमार ने आगरा हिंसा में दो अलग अलग मुकदमा दर्ज कराए हैं. जिनमें पुलिस अब तक 16 लोगों को जेल भेज चुकी है. फोटो और वायरल वीडियो से करीब 60 आरोपियों को चिन्हित किया है. इस बवाल के कारण सीओ का देहात स्थानांतरण हो गया था. इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार और चैकी इंचार्ज सहित चार को निलंबित किया गया था. सात सिपाहियों को लाइन हाजिर किया गया.
शैला ने कहा था, पुलिस को घेरकर पीटो
इंस्पेक्टर ताजगंज उमेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि पुलिसस की छानबीन में मुख्य आरोपी के रूप में शैला यादव का नाम सामने आया है. वह प्रधानी के चुनाव की तैयारी कर रहा है था. उसने ही भीड़ को उकसाया था. शैला यादव ने बोला था कि पुलिस को घेरकर पीटो. आग लगा दो. उसकी तलाश की जा रही है. शैला ने दबंग नेता बनने के लिए बवाल कराया था. शैला यादव फरार है, जिसकी तलाश में दबिश दी जा रही है. शैला के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी.
यह था मामला
बता दें कि 31 दिसंबर 2020 को गांव करभना निवासी पवन कुमार यादव ट्रैक्टर-ट्रॉली में यमुना की बालू लेकर आ रहा था. इस पर तोरा पुलिस चैकी के सिपाहियों ने अवैध खनन की बालू को लेकर उसे रुकवाने का प्रयास किया था. इस पर पवन ने ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर भागने लगा. इसी दौरान बेकाबू होकर ट्रैक्टर ट्रॉली पलट गई और पवन की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद भीड़ ने पुलिस की पिटाई की थी और फतेहाबाद रोड जाम कर दिया था. इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस चैकी को फूंक दिया था.