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आगरा: कोख का सौदा करने वाले गैंग का एक और सदस्य गिरफ्तार - surrogacy-gang-in-agra

यूपी की ताजनगरी आगरा में सरोगेसी के जरिए बच्चों की तस्करी के मामले में एक और शख्स की गिरफ्तारी हुई है. बीते 19 जून को इस मामले में पुलिस ने तीन युवकों और दो महिला को तीन नवजात शिशुओं के साथ गिरफ्तार किया था.

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सरोगेसी मामले में एक और गिरफ्तारी. .
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Published : Jul 8, 2020, 11:56 PM IST

आगरा: जनपद में कोख के सौदागरों के गैंग की सरगना नीलम को रिमांड में लेने के बाद पुलिस ने एक कैरियर बॉय को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार कैरियर बॉय से इस गैंग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां पुलिस के सामने आई हैं. अब पुलिस कैरियर बॉय को रिमांड पर लेकर, गैंग के और लोगों को भी सलाखों के पीछे भेजने की तैयारी कर रही है.

दरअसल, बीते 19 जून को आगरा के फतेहबाद थाना क्षेत्र में एक्सप्रेस-वे पर पुलिस ने तीन युवकों और दो महिलाओं को गिरफ्तार कर उनके पास से तीन नवजात शिशु और दो गाड़ियां बरामद की थीं. पूछताछ में मामला सरोगेसी का निकला था. सरगना नीलम ने फरीदाबाद में बच्चों की डिलीवरी के बाद उन्हें नेपाल के एक अस्पताल की मालकिन को डिलीवर करने की बात कही थी. पुलिस ने फरीदाबाद से जानकारी जुटाई. डॉक्टरों और अन्य के बयान दर्ज किए तो नीलम द्वारा कुछ तथ्य भ्रामक पाये गये. इसके बाद पुलिस ने नीलम को 48 घंटे की रिमांड पर लिया. फरीदाबाद में जाकर पुलिस ने सभी तथ्यों की पुष्टि की. बुधवार यानी आज पुलिस की पकड़ में उनका एक साथी राहुल सारस्वत आया.

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सरोगेसी मामले में एक और गिरफ्तारी.

5 लाख रुपये में लेते थे सरोगेसी का ठेका

कैरियर राहुल ने पूछताछ में बताया कि वो दो नवजात बालकों को सिलीगुड़ी में डिलीवर कर चुका है. ये तीन नवजात बालिकाएं भी सिलीगुड़ी जा रही थीं. पुलिस को दोनों से पूछताछ में पता चला है कि इनके साथ अन्य लोग भी इस धंधे में जुड़े हैं. ये लोग पांच लाख रुपए में सरोगेसी का ठेका लेते थे. इसमें से एक लाख डॉक्टरी खर्च, एक लाख कमीशन और तीन लाख रुपये कोख का किराया होता था.

कभी-कभी सरोगेसी करवाने वाले अपना स्पर्म देते थे. डोनर को 25 हजार रुपये देकर स्पर्म या एग खरीदे जाते थे. इनमें से 20 हजार डोनर और पांच हजार कैरियर का कमीशन होता था. नीलम की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को एक डॉक्टर और एक महिला की तलाश है. महिला इस गैंग की सबसे मुख्य कड़ी मानी जा रही है. महिला द्वारा ही किराये की कोख की डिमांड होती थी. वही महिला इन्हें पेमेंट देती थी.

पुलिस को नीलाम के खाते में अब तक नौ बच्चों की पेमेंट आने की जानकारी मिली है. हालांकि अभी पुलिस इस गैंग का इंटरनेशनल कनेक्शन नहीं पकड़ पाई है. खास बात यह है कि अब पुलिस की तफ्तीश नेपाल की जगह सिलीगुड़ी, फरीदाबाद और दिल्ली की तरफ मुड़ गयी है.

एसएसपी बबलू कुमार के अनुसार सरोगेसी का यह धंधा 2016 से चल रहा था. अभी दो साल के रिकॉर्ड उनके सामने आए हैं. पुलिस पकड़े गये कैरियर दिल्ली निवासी आनन्द राहुल सारस्वत को रिमांड पर लेकर सिलीगुड़ी जायेगी. इस केस की पूरी तरह छानबीन के लिए एक टीम अलग से बनायी गयी है, जो सिर्फ इसी केस पर काम करेगी.

आगरा: जनपद में कोख के सौदागरों के गैंग की सरगना नीलम को रिमांड में लेने के बाद पुलिस ने एक कैरियर बॉय को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार कैरियर बॉय से इस गैंग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां पुलिस के सामने आई हैं. अब पुलिस कैरियर बॉय को रिमांड पर लेकर, गैंग के और लोगों को भी सलाखों के पीछे भेजने की तैयारी कर रही है.

दरअसल, बीते 19 जून को आगरा के फतेहबाद थाना क्षेत्र में एक्सप्रेस-वे पर पुलिस ने तीन युवकों और दो महिलाओं को गिरफ्तार कर उनके पास से तीन नवजात शिशु और दो गाड़ियां बरामद की थीं. पूछताछ में मामला सरोगेसी का निकला था. सरगना नीलम ने फरीदाबाद में बच्चों की डिलीवरी के बाद उन्हें नेपाल के एक अस्पताल की मालकिन को डिलीवर करने की बात कही थी. पुलिस ने फरीदाबाद से जानकारी जुटाई. डॉक्टरों और अन्य के बयान दर्ज किए तो नीलम द्वारा कुछ तथ्य भ्रामक पाये गये. इसके बाद पुलिस ने नीलम को 48 घंटे की रिमांड पर लिया. फरीदाबाद में जाकर पुलिस ने सभी तथ्यों की पुष्टि की. बुधवार यानी आज पुलिस की पकड़ में उनका एक साथी राहुल सारस्वत आया.

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सरोगेसी मामले में एक और गिरफ्तारी.

5 लाख रुपये में लेते थे सरोगेसी का ठेका

कैरियर राहुल ने पूछताछ में बताया कि वो दो नवजात बालकों को सिलीगुड़ी में डिलीवर कर चुका है. ये तीन नवजात बालिकाएं भी सिलीगुड़ी जा रही थीं. पुलिस को दोनों से पूछताछ में पता चला है कि इनके साथ अन्य लोग भी इस धंधे में जुड़े हैं. ये लोग पांच लाख रुपए में सरोगेसी का ठेका लेते थे. इसमें से एक लाख डॉक्टरी खर्च, एक लाख कमीशन और तीन लाख रुपये कोख का किराया होता था.

कभी-कभी सरोगेसी करवाने वाले अपना स्पर्म देते थे. डोनर को 25 हजार रुपये देकर स्पर्म या एग खरीदे जाते थे. इनमें से 20 हजार डोनर और पांच हजार कैरियर का कमीशन होता था. नीलम की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को एक डॉक्टर और एक महिला की तलाश है. महिला इस गैंग की सबसे मुख्य कड़ी मानी जा रही है. महिला द्वारा ही किराये की कोख की डिमांड होती थी. वही महिला इन्हें पेमेंट देती थी.

पुलिस को नीलाम के खाते में अब तक नौ बच्चों की पेमेंट आने की जानकारी मिली है. हालांकि अभी पुलिस इस गैंग का इंटरनेशनल कनेक्शन नहीं पकड़ पाई है. खास बात यह है कि अब पुलिस की तफ्तीश नेपाल की जगह सिलीगुड़ी, फरीदाबाद और दिल्ली की तरफ मुड़ गयी है.

एसएसपी बबलू कुमार के अनुसार सरोगेसी का यह धंधा 2016 से चल रहा था. अभी दो साल के रिकॉर्ड उनके सामने आए हैं. पुलिस पकड़े गये कैरियर दिल्ली निवासी आनन्द राहुल सारस्वत को रिमांड पर लेकर सिलीगुड़ी जायेगी. इस केस की पूरी तरह छानबीन के लिए एक टीम अलग से बनायी गयी है, जो सिर्फ इसी केस पर काम करेगी.

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