आगरा: देश के प्रधानमंत्री पूरे देश को ओडीएफ (ओपन डिफेकेशन फ्री ) करने में लगे हैं. इतना ही नहीं घरों में शौचालय बनाने के लिए लोन तक दे रहे हैं. इसके बाद भी जिले के वार्ड-32 की डेरा सरस बहेलिया बस्ती में पिछले 30 वर्षों से शौचालय नहीं है. इससे यहां के लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है कि उन्हें मजबूरी में खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. इतना ही नहीं लंबे समय से यहां की साफ-सफाई नहीं हुई है. कोई सफाई कर्मचारी भी यहां नहीं आता है. सरकारी हैडपंप भी खराब पड़े हैं. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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पानी के लिए तरस रहे लोग
डेरा सरस बहेलिया बस्ती निवासी गायत्री ने बताया कि बस्ती में काफी अरसे से विकास तो दूर किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है. हैंडपंप तो लगे हैं, लेकिन पानी नहीं आता. सरकारी टंकी है, लेकिन पानी खारा है. लोग गंदा और बदबूदार पानी मजबूरन पी रहे हैं.
खुले में शौच जाने को मजबूर हैं यहां के निवासी
नाला चून पचान निवासी विमला ने बताया कि तकरीबन 30- 40 सालों से बस्ती में शौचालय नहीं है. इससे लोगों को मजबूरन खुले में शौच जाना पड़ता है. आसमाजिक तत्व छींटाकशी करते हैं, जिससे परेशानियों का सामना करना पड़ता है .
तीन फीट तक भर जाता है पानी
स्थानीय निवासी राजेंद्र ने बताया कि बस्ती से गुजर रहे नाले की वजह से गंदगी का अंबार लगा हुआ है. महीनों तक कोई भी सफाई कर्मचारी नहीं आता. बारिश के दिनों में नाले का गंदा पानी घरों तक में घुस जाता है. इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
संक्रामक रोग फैलने का बना रहता है खतरा
स्थानीय मोहम्मद शकील ने बताया कि गंदगी की वजह से मच्छर भी पनपने लगे हैं. घरों में बड़े-बुजुर्ग और बच्चे सभी मच्छरों के काटने से बीमार पड़ रहे हैं .
शौचालय बनवाने के लिए नगर निगम में फाइल लगा दी गई है. जल्द से जल्द शौचालय का निर्माण कराया जाएगा. नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की कमी के कारण गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
-रवींद्र चौधरी, पार्षद, वार्ड 32