हैदराबाद: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में प्रादेशिक सेना के दो जवानों का अपहरण किया गया था. इसमें एक जवान किसी तरह बचकर भाग निकला, जबकि दूसरे जवान का गोलियों से छलनी शव मिला है. मृतक जवान की पहचान हिलाल अहमद भट के रूप में हुई है. पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि क्या आतंकियों ने इस वारदात को अंजाम दिया.
जम्मू-कश्मीर में पहले भी सेना के जवानों की अपहरण के बाद हत्या की कई घटनाएं हो चुकी हैं. पूर्वोत्तर भारत में भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं.
समीर अहमद मल्ला हत्याकांड
जम्मू-कश्मीर में ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी है. इससे पहले, 7 मार्च 2022 को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने सेना की जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के जवान समीर अहमद मल्ला का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी थी, जिनका शव बडगाम के एक बाग में मिला था. जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री (जेएकेएलआई) के जवान समीर मध्य कश्मीर के बडगाम में अपने पैतृक गांव लोकीपोरा से लापता हो गए थे. जम्मू में तैनात मल्ला छुट्टी पर घर आए थे, क्योंकि उनकी पत्नी ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया था. उनका शव तीन दिन बाद मध्य कश्मीर के बडगाम के खग इलाके से मिला था.
शाकिर मंजूर की हत्या
इससे पहले, 2 अगस्त 2020 को प्रादेशिक सेना की 162 बटालियन के जवान शाकिर मंजूर को उनकी कार से अगवा कर लिया गया था. हालांकि शाकिर ड्यूटी पर नहीं थे. अपहरण के एक साल बाद 22 सितंबर 2021 को मंजूर वागे का क्षत-विक्षत शव कुलगाम इलाके में मिला था.
भारतीय सेना के जवान औरंगजेब की हत्या
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 15 जून 2018 में आतंकवादियों द्वारा अगवा किए गए भारतीय सेना के जवान औरंगजेब का शव मिला था. औरंगजेब का शव गोलियों से छलनी था. उनके शरीर पर पंद्रह गोलियों के घाव थे. औरंगजेब जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री में राइफलमैन थे. पुंछ के रहने वाले औरंगजेब 44 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे. औरंगजेब को आतंकवादियों ने पुलवामा के कलामपोरा में उस समय अगवा कर लिया था, जब वह ईद मनाने के लिए राजौरी जिले में अपने घर जा रहे थे.
लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या
9-10 मई, 2017 की रात को भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को आतंकवादियों ने अगवा कर प्रताड़ित किया और मार डाला. सेना के युवा अधिकारी फैयाज को शोपियां में एक पारिवारिक समारोह से अगवा किया गया था. आतंकियों ने मारने से पहले उन्हें बेरहमी से प्रताड़ित किया. राजपूताना राइफल्स के लेफ्टिनेंट फैयाज के शरीर पर चोट के निशान थे, जिससे पता चलता था कि बंदूक की बट से उनकी बेरहमी से पिटाई की गई थी. उनके जबड़े और पेट पर गोली के घाव थे. पुलिस की जांच में पता चलता है कि हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने इस कृत्य को अंजाम दिया था.
आतंकियों से बचकर भागने में सफल रहे ये जवान
2019 में, बडगाम के काजीपोरा में आतंकियों ने घर में घुसकर सेना के जवान यासीन भट का अपहरण करने का प्रयास किया था, लेकिन वह भागने में सफल रहे. उनकी आतंकवादियों से हाथापाई हुई, जिस कारण भट अपनी जान बचाने में कामयाब हुए.
जावेद अहमद वानी का अपहरण
29 जुलाई 2024 को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले से 25 वर्षीय सेना के जवान जावेद अहमद वानी लापता हो गए थे. हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 3 अगस्त, 2024 को उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ अवस्था में बरामद किया था. उस समय वानी छुट्टी पर अपने पैतृक गांव आए थे.
मणिपुर में सैन्य अधिकारी का अपहरण
पूर्वोत्तर के हिंसा प्रभावित मणिपुर में 8 मार्च 2024 को अज्ञात हथियारबंद लोगों ने सेना के एक जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) का अपहरण कर लिया था. हालां अपहरण के कुछ घंटों बाद सुरक्षा बलों ने सैन्य अधिकारी को बचा लिया. जेसीओ कोनसम खेड़ा सिंह को काकचिंग जिले के वैखोंग इलाके से बचाया गया था.
भारतीय सेना के जवान सेरटो थांगथांग कोम की हत्या
इससे पहले, 16 सितंबर 2023 को भारतीय सेना के जवान सेरटो थांगथांग कोम (41) को इंफाल पश्चिम के हैप्पी वैली के तरुंग में उनके घर से अगवा किया गया था. उन्हें लगभग 14 किलोमीटर दूर ले जाकर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. कोम रक्षा सेवा कोर (डीएससी) में थे, मणिपुर के लीमाखोंग में 302 कंपनी, सेना सेवा कोर (एएससी) से जुड़े थे.
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