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काशी में देव दीपावली पर डिजिटल दीया; सात समंदर पार बैठे लोग भी कर सकेंगे दीपदान, मुफ्त सुविधा

अलग-अलग राज्यों के साथ ही देश-विदेश से आते हैं पर्यटक, होटल और गेस्ट हाउस हो जाते हैं फुल

काशी में देव दीपावली (फाइल फोटो)
काशी में देव दीपावली (फाइल फोटो) (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 9, 2024, 5:57 PM IST

वाराणसी : काशी की देव दीपावली विश्व प्रसिद्ध है. देश-दुनिया से कोने-कोने से लोग वाराणसी आकर मां गंगा की गोद में अपने नाम से दीप प्रज्वलित करते हैं. ऐसे लाखों लोग भी होते हैं जो इस देव दीपावली के साक्षी नहीं बन पाते हैं. उनकी दीप जलाने की मंशा अधूरी रह जाती है. इस बार ऐसे लोगों की इच्छा पूरी होने जा रही है. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग पहली बार डिजिटल दीया का कॉन्सेप्ट लाया है. इसके माध्यम से कोई भी देव दीपावली पर दीया जला सकेगा. यह सुविधा नि:शुल्क रहेगी.

धार्मिक नगरी काशी में पर्व और त्योहारों का बहुत ही खास महत्व होता है. यहां पर लोग किसी भी पर्व को बहुत ही उल्लास के साथ मनाते हैं. फिर अगर बात दीपावली की हो रही है तो उसमें कोई कैसे पीछे रह सकता है? दीपावली पर्व के ठीक 15 दिन बाद काशीवासी विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली मनाते हैं. देव दीपावली पर सिर्फ उत्तर प्रदेश से ही नहीं बल्कि अलग-अलग राज्यों के साथ ही देश-विदेश से भी पर्यटक आते हैं. इस दिन होटल और गेस्ट हाउस आदि पूरी तरीक से फुल रहते हैं.

'एक दीया काशी के नाम' कैंपेन : पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया कि, देव दीपावली एक ऐसा त्योहार है, जिसका वाराणसी में बहुत इंतजार रहता है. इस उत्सव में अन्य प्रदेश के लोग भी शामिल होते हैं. 'एक दीया काशी के नाम' एक कैंपेन है, जो पर्यटन विभाग की पहल है. इसमें प्रत्येक नागरिक अपने नाम से एक दीया ऐप के माध्यम से दे सकता है. इस बार ये एक खास आकर्षण भी रहेगा. उन्होंने कहा कि देव दीपावली पर बड़ी संख्या में पर्यटकों का आना होता है.

'बड़ी संख्या में आएंगे गाय के गोबर के दीये' : उन्होंने बताया कि, इस कैंपेन में कोई भी दीया दान कर सकता है. ऐप के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि, टूरिस्ट खुद से दीया दे सकते हैं. देवरिया जिले की चेयरमैन ने कहा कि वे गाय के गोबर के दीये बड़ी संख्या में देंगी. एक एनजीओ है जो इस तरीके से दीये बनाती है. हम और भी लोगों से अपील करेंगे कि अगर वे दीया दान में देना चाहते हैं तो इस कैंपेन के अंतर्गत दे सकते हैं. ये दीपक देव दीपावली पर इस्तेमाल होंगे. खास बात यह है कि ये पूरी सुविधा निःशुल्क होगी.

काशी की देव दीपावली पर यह होगा खास
- पर्यटन विभाग चलाएगा 'एक दीया काशी के नाम' कैंपेन.
- ऐप के माध्यम से दीया दान करने की रहेगी व्यवस्था.
- काशी की देव दीपावली पर लोग दीये कर सकेंगे दान.
- सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाएगा ऐप.
- देव दीपावली पर दीया जलाने की डिजिटल सुविधा रहेगी नि:शुल्क.

'सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचाएंगे ऐप' : पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया कि, 'एक दीया काशी के नाम' कैंपेन ऐप के माध्यम से संचालित किया जाएगा. इसको लेकर बड़ी संख्या में लोगों में आकर्षण है. लोग इसको लेकर जानकारी भी ले रहे हैं. इससे पहले पर्यटन विभाग द्वारा ऐसा कैंपेन अयोध्या में शुरू किया गया था. ऐप के माध्यम से दान के रूप में दीया दिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि यह ऐप लोगों तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचाया जाएगा.



काशी की देव दीपावली : दीपावली के ठीक 15 दिन बाद वाराणसी में देव दीपावली धूमधाम से मनाई जाती है. देव दीपावली को कार्तिक पूर्णिमा भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन देवता स्वर्ग से काशी के पवित्र गंगा घाटों पर आते हैं और महाआरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं. वहीं, इस दिन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने के बाद नदी में स्नान करके दीपदान किया जाता है. बड़ी संख्या में लोग यहां पर दीया जलाने के लिए आते हैं.

यह भी पढ़ें : देव दीपावली पर पर्यटकों ने खर्च कर डाले 1200 करोड़: 500 करोड़ रुपए के तो गोलगप्पे, चाट-कचौड़ी, जलेबी खा गए

यह भी पढ़ें : Dev Diwali 2023: काशी की धरती पर आज उतरेगा देवलोक, जगमग होंगे 12 लाख दीप, 70 देशों के राजदूत संग सीएम योगी बनेंगे गवाह

वाराणसी : काशी की देव दीपावली विश्व प्रसिद्ध है. देश-दुनिया से कोने-कोने से लोग वाराणसी आकर मां गंगा की गोद में अपने नाम से दीप प्रज्वलित करते हैं. ऐसे लाखों लोग भी होते हैं जो इस देव दीपावली के साक्षी नहीं बन पाते हैं. उनकी दीप जलाने की मंशा अधूरी रह जाती है. इस बार ऐसे लोगों की इच्छा पूरी होने जा रही है. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग पहली बार डिजिटल दीया का कॉन्सेप्ट लाया है. इसके माध्यम से कोई भी देव दीपावली पर दीया जला सकेगा. यह सुविधा नि:शुल्क रहेगी.

धार्मिक नगरी काशी में पर्व और त्योहारों का बहुत ही खास महत्व होता है. यहां पर लोग किसी भी पर्व को बहुत ही उल्लास के साथ मनाते हैं. फिर अगर बात दीपावली की हो रही है तो उसमें कोई कैसे पीछे रह सकता है? दीपावली पर्व के ठीक 15 दिन बाद काशीवासी विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली मनाते हैं. देव दीपावली पर सिर्फ उत्तर प्रदेश से ही नहीं बल्कि अलग-अलग राज्यों के साथ ही देश-विदेश से भी पर्यटक आते हैं. इस दिन होटल और गेस्ट हाउस आदि पूरी तरीक से फुल रहते हैं.

'एक दीया काशी के नाम' कैंपेन : पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया कि, देव दीपावली एक ऐसा त्योहार है, जिसका वाराणसी में बहुत इंतजार रहता है. इस उत्सव में अन्य प्रदेश के लोग भी शामिल होते हैं. 'एक दीया काशी के नाम' एक कैंपेन है, जो पर्यटन विभाग की पहल है. इसमें प्रत्येक नागरिक अपने नाम से एक दीया ऐप के माध्यम से दे सकता है. इस बार ये एक खास आकर्षण भी रहेगा. उन्होंने कहा कि देव दीपावली पर बड़ी संख्या में पर्यटकों का आना होता है.

'बड़ी संख्या में आएंगे गाय के गोबर के दीये' : उन्होंने बताया कि, इस कैंपेन में कोई भी दीया दान कर सकता है. ऐप के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि, टूरिस्ट खुद से दीया दे सकते हैं. देवरिया जिले की चेयरमैन ने कहा कि वे गाय के गोबर के दीये बड़ी संख्या में देंगी. एक एनजीओ है जो इस तरीके से दीये बनाती है. हम और भी लोगों से अपील करेंगे कि अगर वे दीया दान में देना चाहते हैं तो इस कैंपेन के अंतर्गत दे सकते हैं. ये दीपक देव दीपावली पर इस्तेमाल होंगे. खास बात यह है कि ये पूरी सुविधा निःशुल्क होगी.

काशी की देव दीपावली पर यह होगा खास
- पर्यटन विभाग चलाएगा 'एक दीया काशी के नाम' कैंपेन.
- ऐप के माध्यम से दीया दान करने की रहेगी व्यवस्था.
- काशी की देव दीपावली पर लोग दीये कर सकेंगे दान.
- सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाएगा ऐप.
- देव दीपावली पर दीया जलाने की डिजिटल सुविधा रहेगी नि:शुल्क.

'सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचाएंगे ऐप' : पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया कि, 'एक दीया काशी के नाम' कैंपेन ऐप के माध्यम से संचालित किया जाएगा. इसको लेकर बड़ी संख्या में लोगों में आकर्षण है. लोग इसको लेकर जानकारी भी ले रहे हैं. इससे पहले पर्यटन विभाग द्वारा ऐसा कैंपेन अयोध्या में शुरू किया गया था. ऐप के माध्यम से दान के रूप में दीया दिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि यह ऐप लोगों तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचाया जाएगा.



काशी की देव दीपावली : दीपावली के ठीक 15 दिन बाद वाराणसी में देव दीपावली धूमधाम से मनाई जाती है. देव दीपावली को कार्तिक पूर्णिमा भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन देवता स्वर्ग से काशी के पवित्र गंगा घाटों पर आते हैं और महाआरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं. वहीं, इस दिन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने के बाद नदी में स्नान करके दीपदान किया जाता है. बड़ी संख्या में लोग यहां पर दीया जलाने के लिए आते हैं.

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