आगरा: जनपद के यमुना पार स्थित वार्ड नंबर 65 प्रकाश नगर में इन दिनों क्षेत्रीय लोगों का आवागमन ठप है. रेलवे अंडरपास(Railway Bridge Underpass) में पानी भरा(Water Logging) होने के चलते यहां लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पानी भरा होने से मजबूरन लोग रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजर रहे हैं जबकि दो दिन पहले ही रात के समय एक व्यक्ति की रेलवे लाइन पर कटकर मौत हो गई थी. ऐसे में यह जलजमाव लोगों के लिए मुसीबत तो है ही, साथ ही कई हादसों को भी दावत दे रहा है. लोगों का कहना है कि शिकायत के बावजूद भी क्षेत्रीय विधायक व सांसद ने समस्या का निवारण नहीं कराया.
वार्ड नंबर 65 प्रकाश नगर के मुख्य रास्ते पर रेलवे अंडरपास के पास जलजमाव कोई नई बात नहीं है. यहां अक्सर बरसात के दिनों में बारिश का पानी भर जाता है और आवागमन ठप हो जाता है. जिसमें सबसे ज्यादा दिक्कत मरीजों व्यापियों और स्कूल जाने वाले बच्चों को होती है. जिन्हें मजबूरन जान जोखिम में डालकर इस खतरनाक रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. लोगों के वाहन डूबते हैं जानें जाती हैं, लेकिन जिम्मेदारों की आंखें बंद रहती हैं.
आगरा: मौत का पुलिया बना रेलवे अंडरपास, मौत को दे रहा दावत - जलजमाव आगरा
आगरा जिले के यमुना पार स्थित वार्ड नंबर 65 प्रकाश नगर स्थित रेलवे अंडरपास में जलजमाव(Waterlogging Under Railway Bridge Underpass) हो गया है. जिससे लोगों का आवागमन ठप है. लोगों का कहना है कि शिकायत के बाद भी समस्या का कोई हल नहीं निकला.
आगरा: जनपद के यमुना पार स्थित वार्ड नंबर 65 प्रकाश नगर में इन दिनों क्षेत्रीय लोगों का आवागमन ठप है. रेलवे अंडरपास(Railway Bridge Underpass) में पानी भरा(Water Logging) होने के चलते यहां लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पानी भरा होने से मजबूरन लोग रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजर रहे हैं जबकि दो दिन पहले ही रात के समय एक व्यक्ति की रेलवे लाइन पर कटकर मौत हो गई थी. ऐसे में यह जलजमाव लोगों के लिए मुसीबत तो है ही, साथ ही कई हादसों को भी दावत दे रहा है. लोगों का कहना है कि शिकायत के बावजूद भी क्षेत्रीय विधायक व सांसद ने समस्या का निवारण नहीं कराया.
वार्ड नंबर 65 प्रकाश नगर के मुख्य रास्ते पर रेलवे अंडरपास के पास जलजमाव कोई नई बात नहीं है. यहां अक्सर बरसात के दिनों में बारिश का पानी भर जाता है और आवागमन ठप हो जाता है. जिसमें सबसे ज्यादा दिक्कत मरीजों व्यापियों और स्कूल जाने वाले बच्चों को होती है. जिन्हें मजबूरन जान जोखिम में डालकर इस खतरनाक रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. लोगों के वाहन डूबते हैं जानें जाती हैं, लेकिन जिम्मेदारों की आंखें बंद रहती हैं.