आगरा: जिले में अबुल उलाह की दरगाह से अरविंद हुंडई तक सड़क को करीब दो साल पहले सीवर लाइन डालने के लिए खोदा गया था. पाइप डालने के बाद गड्ढों को मिट्टी से पाट दिया गया, जिससे शहर में धूल का गुबार देखने को मिलता है. लोग इस उबड़-खाबड़ सड़क पर चलने को मजबूर हैं. वहीं रोजाना उड़ने वाली धूल से सड़क किनारे स्थित दुकानदारों और राहगीरों को सांस लेने में परेशानी हो रही है.
आगरा को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद जारी है, लेकिन सड़कों की बदहाल स्थिति आगरा को स्मार्ट सिटी बनाने में रोड़ा साबित हो रही हैं. इसका नमूना अरविंद हुंडई शोरूम से लेकर अबुल उलाह की दरगाह तक देखने को मिल जाएगा. यहां सड़क किनारे सैकड़ों की संख्या में कार एसेसरीज की दुकानें मौजूद हैं, जहां पर रोजाना हजारों लोग आगरा सहित आसपास के जिलों से अपनी गाड़ियों की रिेपेयरिंग के लिए पहुंचते हैं.
सीवर लाइन के लिए खोदी थी सड़क
कार एसेसरीज की दुकान चलाने वाले इंद्रजीत चावला ने बताया कि 2018 की शुरुआत में इस सड़क को सीवर लाइन डालने के लिए खोदा गया था, करीब 2 से 3 महीने तक यहां सीवर लाइन के पाइप डालने का काम चलता रहा, लेकिन खुदी हुई सड़क को सिर्फ मिट्टी से बंद कर दिया गया.
रोजाना गुजरती हैं लाखों गाड़ियां
भगवान टॉकीज, खंदारी, और दयालबाग से रामबाग जाने के लिए फ्लाईओवर के बगल से यह मुख्य सर्विस रोड है, जिसकी वजह से यहां से व्यावसायिक वाहनों के साथ-साथ लाखों वाहन गुजरते हैं, जिससे कई बार यहां जाम की स्थिति बन जाती है. व्यापारियों का कहना है कि धूल मिट्टी होने से उनके रोजगार पर असर पड़ रहा है. मिट्टी उड़ने की वजह से अब सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी है. कई दुकानदार सांस की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं.
रोजाना गुजरते हैं वीआईपी
भगवान टॉकीज से रामबाग जाने के लिए सिर्फ यही एक सर्विस रोड है, जहां से रोजाना वीआईपी गुजरते हैं, लेकिन किसी ने इस जर्जर सड़क की मरम्मत कराने पर ध्यान नहीं दिया. दुकानदारों का कहना है कि कई बार क्षेत्रीय विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल को सड़क की समस्या के बारे में अवगत कराया गया, लेकिन आश्वासन मिला पर सड़क निर्माण पर ध्यान नहीं दिया.
आगरा में बढ़ रहा है वायु प्रदूषण
आगरा में हवा दिन पर दिन प्रदूषित होती जा रही है. मौसम सर्द होने से शहर में धुंध छाई हुई है, जिससे आगरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स बृहस्पतिवार को 373 दर्ज किया गया. इसका मुख्य कारण सड़कों पर उड़ने वाली धूल मिट्टी को बताया जा रहा है. महापौर नवीन जैन ने शहर की बदहाल सड़कों का ठीकरा एनएचएआई के सिर फोड़ा. उनका कहना है कि सड़क के संबंध में एनएचएआई को कई बार मीटिंग के दौरान भी अवगत कराया गया है, लेकिन एनएचएआई न तो इस सड़क की मरम्मत कर रही है और न ही हमें एनओसी दे रही है.