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मौत वाली मॉकड्रिल: पारस हॉस्पिटल सील, पुलिस बल तैनात

आगरा पारस हॉस्पिटल की 'मौत वाली मॉकड्रिल' से हर कोई हैरान है. वीडियो वायरल होने पर जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर हॉस्पिटल सील कर दिया. हॉस्पिटल के बाहर पुलिस तैनात है.

पारस हॉस्पिटल सील
पारस हॉस्पिटल सील
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Published : Jun 9, 2021, 10:22 AM IST

आगरा: जिले के बहुचर्चित पारस हॉस्पिटल की 'मौत वाली मॉकड्रिल' से हर कोई हैरान है. वीडियो वायरल होने पर जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर हॉस्पिटल सील कर दिया. मंगलवार देर रात एक बजे तक पारस हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एसएन मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया. हॉस्पिटल के बाहर पुलिस तैनात है. इधर, जब बुधवार सुबह आठ बजे हॉस्पिटल ड्यूटी पर कर्मचारी पहुंचे तो उन्हें लौटा दिया गया. गिने-चुने कर्मचारी और प्रबंधन के कुछ लोग हॉस्पिटल में मौजूद हैं.

रात दस बजे के बाद पहुंची एंबुलेंस
डीएम प्रभु नारायण सिंह ने मंगलवार दोपहर पारस हॉस्पिटल सील करने और संचालक के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए थे. डीएम ने कहा था कि, हॉस्पिटल में भर्ती 55 मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की टीम संभावित अस्पतालों में शिफ्ट करेगी. लेकिन, मंगलवार रात 10 बजे के बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम एंबुलेंस लेकर पारस हॉस्पिटल पहुंची. तब तक तमाम तीमारदार अपने मरीजों को पारस हॉस्पिटल से अन्य हॉस्पिटलों में रेफर करा ले गए. फिर रात में पहुंची पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दोनों हॉस्पिटल में मौजूद मरीजों को एंबुलेंस से एसएन मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया. हॉस्पिटल पर पुलिसकर्मियों की तैनाती है.

यह था मामला
बता दें कि, आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन के सात जून को चार वीडियो वायरल हुए. जिसमें डॉ. अरिंजय जैन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के पर की गई आक्सीजन हटाने की 'मॉक ड्रिल' की बात कर रहे हैं. यह 'मौत वाली मॉक ड्रिल' 26 अप्रैल-2021 को हुई थी. वीडियो वायरल से यूपी में खलबली मच गई. मंगलवार को हंगामा हुआ. कांग्रेस नेता सामने आए तो जिला प्रशासन हरकत में आया. छानबीन के बाद जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन को दोषी माना और हॉस्पिटल सील करने के निर्देश दिए थे.

इसे भी पढ़ें-मौत वाली मॉक ड्रिल: कोविड के मरीजों के कातिल पर जिला प्रशासन मेहरबान

'मौत वाली मॉक ड्रिल' अस्पताल में भर्ती थे 96 मरीज
पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन ने जिस समय 'मौत वाली मॉक ड्रिल' की थी. उस समय हॉस्पिटल में 96 मरीज भर्ती थे. पांच मिनट की मॉक ड्रिल में मरीजों की ऑक्सीजन हटाई गई थी. जिससे गंभीर 22 मरीजों की हालत खराब हो गई थी.

पिछले साल बना था कोरोना एपिक सेंटर
बता दें, 2020 में पारस हॉस्पिटल आगरा का कोरोना एपिक सेंटर बना था. पारस हॉस्पिटल से ही सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज निकले थे. आगरा के साथ ही यहां से फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, इटावा, कासगंज, हाथरस, मथुरा और फर्रुखाबाद बाद तक कोरोना संक्रमण पहुंचा था. जिसकी वजह से प्रशासन ने हॉस्पिटल के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा भी दर्ज किया था. हॉस्पिटल बंद भी हुआ था.

हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी नहीं थी
डीएम प्रभु नारायण सिंह के मुताबिक, वायरल वीडियो 28 अप्रैल 2021 का है. हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी. जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल को 25 अप्रैल को 149 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. 26 अप्रैल को 121 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. 27 अप्रैल को 117 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. हॉस्पिटल के पास में भी 20 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का रिजर्व था. हॉस्पिटल संचालक ने वीडियो में गलत कहा था. कि, मोदीनगर में ऑक्सीजन खत्म हो गई है.

इसे भी पढ़ें-मौत वाली मॉकड्रिल: 5 मिनट तक नहीं दी 96 मरीजों को ऑक्सीजन, सामने आया वीडियो

लाइसेंस निरस्त, जांच कमेटी गठित
सीएमओ डॉ. आरसी पांडेय ने 'मौत वाली मॉक ड्रिल' के मामले में पारस हॉस्पिटल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया. इसके साथ ही हॉस्पिटल संचालक डॉ अरिंजय जैन को नोटिस दिया है. सीएमओ ने मामले की जांच एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र भारती और एसीएमओ डॉ. संजीव वर्मन की दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है. समिति को दो दिन में जांच रिपोर्ट देनी है.

आगरा: जिले के बहुचर्चित पारस हॉस्पिटल की 'मौत वाली मॉकड्रिल' से हर कोई हैरान है. वीडियो वायरल होने पर जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर हॉस्पिटल सील कर दिया. मंगलवार देर रात एक बजे तक पारस हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एसएन मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया. हॉस्पिटल के बाहर पुलिस तैनात है. इधर, जब बुधवार सुबह आठ बजे हॉस्पिटल ड्यूटी पर कर्मचारी पहुंचे तो उन्हें लौटा दिया गया. गिने-चुने कर्मचारी और प्रबंधन के कुछ लोग हॉस्पिटल में मौजूद हैं.

रात दस बजे के बाद पहुंची एंबुलेंस
डीएम प्रभु नारायण सिंह ने मंगलवार दोपहर पारस हॉस्पिटल सील करने और संचालक के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए थे. डीएम ने कहा था कि, हॉस्पिटल में भर्ती 55 मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की टीम संभावित अस्पतालों में शिफ्ट करेगी. लेकिन, मंगलवार रात 10 बजे के बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम एंबुलेंस लेकर पारस हॉस्पिटल पहुंची. तब तक तमाम तीमारदार अपने मरीजों को पारस हॉस्पिटल से अन्य हॉस्पिटलों में रेफर करा ले गए. फिर रात में पहुंची पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दोनों हॉस्पिटल में मौजूद मरीजों को एंबुलेंस से एसएन मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया. हॉस्पिटल पर पुलिसकर्मियों की तैनाती है.

यह था मामला
बता दें कि, आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन के सात जून को चार वीडियो वायरल हुए. जिसमें डॉ. अरिंजय जैन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के पर की गई आक्सीजन हटाने की 'मॉक ड्रिल' की बात कर रहे हैं. यह 'मौत वाली मॉक ड्रिल' 26 अप्रैल-2021 को हुई थी. वीडियो वायरल से यूपी में खलबली मच गई. मंगलवार को हंगामा हुआ. कांग्रेस नेता सामने आए तो जिला प्रशासन हरकत में आया. छानबीन के बाद जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन को दोषी माना और हॉस्पिटल सील करने के निर्देश दिए थे.

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'मौत वाली मॉक ड्रिल' अस्पताल में भर्ती थे 96 मरीज
पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन ने जिस समय 'मौत वाली मॉक ड्रिल' की थी. उस समय हॉस्पिटल में 96 मरीज भर्ती थे. पांच मिनट की मॉक ड्रिल में मरीजों की ऑक्सीजन हटाई गई थी. जिससे गंभीर 22 मरीजों की हालत खराब हो गई थी.

पिछले साल बना था कोरोना एपिक सेंटर
बता दें, 2020 में पारस हॉस्पिटल आगरा का कोरोना एपिक सेंटर बना था. पारस हॉस्पिटल से ही सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज निकले थे. आगरा के साथ ही यहां से फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, इटावा, कासगंज, हाथरस, मथुरा और फर्रुखाबाद बाद तक कोरोना संक्रमण पहुंचा था. जिसकी वजह से प्रशासन ने हॉस्पिटल के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा भी दर्ज किया था. हॉस्पिटल बंद भी हुआ था.

हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी नहीं थी
डीएम प्रभु नारायण सिंह के मुताबिक, वायरल वीडियो 28 अप्रैल 2021 का है. हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी. जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल को 25 अप्रैल को 149 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. 26 अप्रैल को 121 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. 27 अप्रैल को 117 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. हॉस्पिटल के पास में भी 20 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का रिजर्व था. हॉस्पिटल संचालक ने वीडियो में गलत कहा था. कि, मोदीनगर में ऑक्सीजन खत्म हो गई है.

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लाइसेंस निरस्त, जांच कमेटी गठित
सीएमओ डॉ. आरसी पांडेय ने 'मौत वाली मॉक ड्रिल' के मामले में पारस हॉस्पिटल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया. इसके साथ ही हॉस्पिटल संचालक डॉ अरिंजय जैन को नोटिस दिया है. सीएमओ ने मामले की जांच एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र भारती और एसीएमओ डॉ. संजीव वर्मन की दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है. समिति को दो दिन में जांच रिपोर्ट देनी है.

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