आगरा: जिले से बीजेपी सांसद एसपी सिंह बघेल और इटावा से सांसद रामशंकर कठेरिया के गुटों के बीच तलवारें खिंच गईं हैं. इन दो गुटों की आपसी लड़ाई में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी फंस गई है. वहीं एक गुट जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आया है. इस गुट के 28 जिला पंचायत सदस्यों ने जिला पंचायत कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
- शुक्रवार सुबह 10:30 बजे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जिला पंचायत अध्यक्ष कार्यालय पहुंच गए.
- इसके बाद वहां जिला पंचायत सदस्यों का पहुंचना शुरू हुआ.
- विरोधी खेमे के जिला पंचायत सदस्य एक बस में आए.
- जिला पंचायत कार्यालय के गेट पर पुलिस और प्रशासन ने उनकी गाड़ी को रुकवा लिया.
- इस पर विरोधी खेमे के जिला पंचायत सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया.
हमारे साथ 28 सदस्य हैं लेकिन हमें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है. सांसद राम शंकर कठेरिया के दबाव में ऐसा किया जा रहा है. उनके इशारे पर ही पुलिस और प्रशासन हमें अंदर नहीं जाने दे रहा है.
- शिवजी रघुवंशी, जिला पंचायत सदस्य
हम सभी गाड़ी से आ रहे थे, तभी वर्तमान जिला पंचायत सदस्य अध्यक्ष प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल के साथी कार से आए और हमारे चार सदस्यों को जबरन अपने साथ ले गए. उनके साथ मारपीट भी की गई है. हमारे साथ 28 सदस्य हैं और हम अविश्वास प्रस्ताव पास कराके जाएंगे.
- सतीश त्यागी, जिला पंचायत सदस्य
जिला पंचायत सदस्यों की मांग थी कि उनके साथ एक हेल्पर साथ जाना चाहिए. जिस पर एक राय बन गई और जिला पंचायत सदस्य आ रहे हैं. सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस और प्रशासन मुस्तैद किया गया है.
- केपी सिंह, एडीएम सिटी
बता दें कि आगरा में पहली बार ऐसा हो रहा है कि जब जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. बीजेपी के आगरा से सांसद एसपी सिंह बघेल और इटावा से सांसद व एससी एसटी आयोग अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया के अलग-अलग गुट बने हुए हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल का सिर्फ डेढ़ साल का कार्यकाल बाकी रह गया है. इसके बाद भी 28 सदस्यों ने बीते दिनों जिला अधिकारी एनजी रवि कुमार को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था. इस पर बहस और मतदान के लिए 12 जुलाई की तारीख दी गई थी.