आगराः अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पूर्व बसपा विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो सहित नौ आरोपियों को बरी कर दिया है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम एवं अन्य धारा में पूर्व बसपा विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो सहित नौ आरोपियों पर आरोप सिद्ध नहीं हुए. साक्ष्यों के अभाव में आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया गया है.
बचाव पक्ष के अधिवक्ता शफीक अहमद वादी ने बताया कि अमर नाथ ने 25 जनवरी 2012 को मंटोला थाना में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें वादी एवं दलवीर सिंह कोबरा मोबाइल से गश्त कर रहे थे. उसी दौरान कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो अपने समर्थकों के साथ जुलूस के रूप में सदर भट्टी चौराहा से मदीना तिराहा की तरफ जा रहे हैं. सूचना पर वादी मुकदमा एवं पुलिस कर्मी दलवीर सिंह रात सवा दस बजे मंटोला तिराहा पहुंचे. उन्होंने वहां देखा कि विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो अपने समर्थकों के साथ जलूस के रूप में आ रहे हैं. पुलिसकर्मी ने जुलूस रोक कर जलूस निकालने की अनुमति मांगी. उनके पास जुलूस की अनुमति नहीं थी. इसकी सूचना एसओ मंटोला को दी गई. एसओ मंटोला एवं अन्य थाने के फोर्स के पहुंचने क बाद भीड़ तितर-बितर हो गई.
वादी अमर नाथ की तहरीर पर पूर्व बसपा विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो, मो. साजिद चांद बाबू, बंटू, संतु गुड्डू, चां, मुल्ला पाको सभि निवासीगण ढोलीखार थाना (मंटोला) और साबिर निवासी, घटिया मामू भांजा के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकमदा दर्ज हुआ था. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे के विचारण के लिए मुख्य आरक्षी अमरनाथ, एसओ जेएस अस्थाना, पुलिस कर्मी दलवीर सिंह, कांस्टेबल राम धनी मौर्य, हेड कांस्टेबल रमेश चन्द्र एवं उप निरीक्षक राजेश चौहान को गवाही के लिए अदालत में पेश किया गया. मुकदमे के विचारण में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने गवाहों की गवाही में विरोधाभास आया. बचाव पक्ष के अधिवक्ता शफीक अहमद के तर्क पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश दिया.