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एनजीटी ने जमीन से जल दोहन करने वाले 380 होटल और मैरिज हॉल पर लगाई पेनल्टी, सरकार की एनओसी अनिवार्य

एनजीटी ने घर, खेती और जल वितरण के अलावा किसी अन्य व्यवसायिक काम में भूगर्भ जल का प्रयोग करने पर पेनल्टी लगा रही है. आगरा में 380 होटल और मैरिज हॉलों पर पेनल्टी लगाई जा चुकी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 12, 2023, 10:47 AM IST

आगरा: ताजनगरी में घर, खेती और जल वितरण योजना के अलावा किसी अन्य व्यवसायिक काम में भूगर्भ जल का प्रयोग करने पर पेनल्टी लगने लगी है. आगरा के 380 होटल और मैरिज हॉल पर लाखों रुपये की पेनल्टी लगाई जा चुकी है. ऐसे में जल दोहन और भूगर्भ जल के रिचार्ज को लेकर नीर संस्था के पदाधिकारियों ने होटल संचालक, मैरिज हॉल संचालकों और अन्य लोगों को जागरूक करने के लिए सोमवार को एक कार्यशाला आयोजित की. इसमें सभी को भूगर्भ जल दोहन, रिचार्ज और एनजीटी के नियमों की जानकारी दी गई.

एनजीटी की सुनवाई पर टिकी निगाहें
बता दें कि एनजीटी ने 17 अक्टूबर 2022 को आगरा के 380 होटल्स पर 10.50 लाख तक की पेनल्टी लगाई थी. जिसकी रिपोर्ट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड आगरा के माध्यम से 15 मई 2023 तक एनजीटी में जानी थी. लेकिन आगरा होटल एसोसिएशन ने इसके अगेन्स्ट में एनजीटी में अपील की तो एनजीटी ने सुनवाई 12 अक्टूबर 2023 निर्धारित की है. इससे आगरा के साथ ही यूपी के अन्य महानगर में भी होटल संचालक और मैरिज होम संचालक एनजीटी की सुनवाई पर टकटकी लगाए बैठे हैं.

जागरुकता कार्यशाला में यह संस्थाएं हुई शामिल
दिल्ली की नीर संस्था ने जागरूरता के उद्देश्य से सोमवार को फतेहाबाद रोड स्थित एक होटल में कार्यशाला आयोजित की गई. जिसमें आगरा होटल्स एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती सहित कई संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया. जिसमें होटल कारोबारियों और अन्य कारोबारियों को भूगर्भ जल के लिए एनओसी लेनी की प्रक्रिया की जानकारी दी गई.



वाॅटर रिचार्ज बेहद जरूरी
नीर संस्था के निदेशक दीपक जैन ने बताया कि भारत में भूगर्भ जल से संबंधित सिर्फ 130 कन्सलटेंट हैं. आगरा के 15 में से 11 ब्लॉक नोटीफाइड ब्लॉक में शामिल हैं. यहां भूगर्भ जलस्तर और गुणवत्ता ठीक नहीं है. पश्चिम भारत के लगभग 80 फीसदी ब्लॉक नोटीफाइड सूची में शामिल हैं. इसलिए भूगर्भ जल दोहन के साथ इसका रिचार्ज भी जरूरी है. यह तभी संभव है, जब एनओसी में लेने के समय जो नियम हैं, उनका पालन किया जाए. इस पर संस्थानों ने अपनी सहमति जताई है.


भूगर्भ जल दोहन की जानकारी
नीर संस्था के निदेशक दीपक जैन ने बताया कि जल्द ही जूता व्यवसाय, सर्राफा व्यवसाय और अस्पताल संचालकों के साथ मीटिंग की जाएगी. उन्हें भी भूगर्भ जल दोहन के बारे में जानकारी दी जाएगी. इस दौरान लोगों में वर्तमान एक्ट के अनुसार सिर्फ प्रदेश सरकार से एनओसी ही लेनी होगी. 6 अक्टूबर 2020 के बाद से प्रदेश सरकार ही एनओसी दे रही है. जबकि इससे पहले सभी एनओसी केंद्र की ओर से प्रदान की जाती थी.


यह भी पढे़ं- गंगा में प्रदूषण का मामला एनजीटी स्थानांतरित करने के आदेश पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल

यह भी पढे़ं- यूपी में नौ IAS व दो पीसीएस अधिकारियों के तबादले, राजेश पांडेय जालौन के नये डीएम बनाये गये

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एनजीटी की सुनवाई पर टिकी निगाहें
बता दें कि एनजीटी ने 17 अक्टूबर 2022 को आगरा के 380 होटल्स पर 10.50 लाख तक की पेनल्टी लगाई थी. जिसकी रिपोर्ट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड आगरा के माध्यम से 15 मई 2023 तक एनजीटी में जानी थी. लेकिन आगरा होटल एसोसिएशन ने इसके अगेन्स्ट में एनजीटी में अपील की तो एनजीटी ने सुनवाई 12 अक्टूबर 2023 निर्धारित की है. इससे आगरा के साथ ही यूपी के अन्य महानगर में भी होटल संचालक और मैरिज होम संचालक एनजीटी की सुनवाई पर टकटकी लगाए बैठे हैं.

जागरुकता कार्यशाला में यह संस्थाएं हुई शामिल
दिल्ली की नीर संस्था ने जागरूरता के उद्देश्य से सोमवार को फतेहाबाद रोड स्थित एक होटल में कार्यशाला आयोजित की गई. जिसमें आगरा होटल्स एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती सहित कई संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया. जिसमें होटल कारोबारियों और अन्य कारोबारियों को भूगर्भ जल के लिए एनओसी लेनी की प्रक्रिया की जानकारी दी गई.



वाॅटर रिचार्ज बेहद जरूरी
नीर संस्था के निदेशक दीपक जैन ने बताया कि भारत में भूगर्भ जल से संबंधित सिर्फ 130 कन्सलटेंट हैं. आगरा के 15 में से 11 ब्लॉक नोटीफाइड ब्लॉक में शामिल हैं. यहां भूगर्भ जलस्तर और गुणवत्ता ठीक नहीं है. पश्चिम भारत के लगभग 80 फीसदी ब्लॉक नोटीफाइड सूची में शामिल हैं. इसलिए भूगर्भ जल दोहन के साथ इसका रिचार्ज भी जरूरी है. यह तभी संभव है, जब एनओसी में लेने के समय जो नियम हैं, उनका पालन किया जाए. इस पर संस्थानों ने अपनी सहमति जताई है.


भूगर्भ जल दोहन की जानकारी
नीर संस्था के निदेशक दीपक जैन ने बताया कि जल्द ही जूता व्यवसाय, सर्राफा व्यवसाय और अस्पताल संचालकों के साथ मीटिंग की जाएगी. उन्हें भी भूगर्भ जल दोहन के बारे में जानकारी दी जाएगी. इस दौरान लोगों में वर्तमान एक्ट के अनुसार सिर्फ प्रदेश सरकार से एनओसी ही लेनी होगी. 6 अक्टूबर 2020 के बाद से प्रदेश सरकार ही एनओसी दे रही है. जबकि इससे पहले सभी एनओसी केंद्र की ओर से प्रदान की जाती थी.


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