आगरा: G20 की मेजबानी भारत कर रहा है. G20 देशों के मेहमानों की अगवानी के लिए ताजनगरी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. आगरा में G20 के प्रतिनिधियों की बैठक फरवरी में होनी है. ऐसे में ताजमहल भ्रमण के दौरान विदेशी मेहमानों पर बंदर झपट्टा न मार दें. विदेशी मेहमानों को ताजमहल में बंदर दिखें नहीं. इसलिए, पिंचरा लगाकर बंदर पकड़े जा रहे हैं. सोमवार देर शाम तक ताजमहल में दशहरा घाट पर 52 बंदर पकड़े गए हैं. ताजमहल से 750 बंदर पकड़े जाने हैं.
बता दें कि पुराने आगरा शहर के साथ ही ताजमहल, सिकंदरा और एत्मादउद्दौला स्मारक पर बंदरों का आतंक है. उत्पाती बंदरों के दर्जनों झुंड हैं. जो ताजमहल पर देशी-विदेशी पर्यटकों पर झपट्टा मारकर या हमला करके चोटिल कर देते हैं. बंदरों की वजह से ताजमहल पर पर्यटक भी दहशत में रहते हैं. क्योंकि, आए दिन पर्यटक ताजमहल परिसर या आसपास बंदरों के उत्पात का शिकार होते हैं, जिससे पर्यटक सुखद अनुभव की बजाय आगरा से बुरा अनुभव लेकर लौटते हैं.
पर्यटक के साथ ही यह आगरा के पर्यटन कारोबार के लिए अच्छी बात नहीं हैं. इसलिए, आगरा में पर्यटक, टूरिस्ट गाइड, पर्यटन कारोबारी, एएसआई और सीआईएसएफ की ओर से लगातार ताजमहल पर बंदर पकड़ने की मांग की जा रही थी. अब G 20 के मेहमानों की वजह से ताजमहल और उसके आसपास बंदरों के झुंड पकड़ने के लिए दशहरा घाट पर पिंजरा लगया गया है.
750 बंदर पकड़ने की मिली अनुमति
दरअसल, ताजमहल पर बंदरों के आतंक और हमला करके पर्यटकों को काटने की घटनाओं को लेकर एएसआई, नगर निगम, जिला प्रशासन, वन विभाग और वाइल्ड लाइफ एसओएस के अधिकारियों की बैठकें हुईं थीं. इसमें ताजमहल समेत अन्य स्मारक से बंदरों को पकड़ने को लेकर मंथन हुआ और बंदरों को पकड़ने पर एक राय बनी. इस पर बंदर पकड़ने और उनकी नसबंदी का प्लान बनाकर सरकार को भेजा गया. एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल का कहना है कि ताजमहल में उत्पाती बंदर पर्यटकों पर हमला कर देते हैं. सरकार ने ताजमहल से 250 बंदर पकड़ने की एएसआई को अनुमति दी. यह वे बंदर हैं, जो अक्सर ताजमहल परिसर में ही जमे रहते हैं.
नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अजय कुमार सिंह ने बताया कि ताजमहल और आसपास से 500 बंदर पकड़ने की अनुमति निगम को मिली है. इसलिए, बीते दिनों बंदर पकड़ने के लिए वाइल्ड लाइफ एसओएस ने दशहरा घाट पर पिंजरा लगाया था. पिंजरे में लगातार बंदरों के लिए खाना डाला जा रहा था, जिससे बंदरों की पिंजरे में आवाजाही शुरू हो गई थी. सोमवार को पिंजरे की मदद से 52 बंदर पकड़े गए हैं. पिंजरे में आए बंदरों की नसबंदी और वेक्सीनेशन करके उन्हें यहीं पर छोड़ा जाएगा.
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