आगरा: ताजमहल पर बंदरों का आतंक नहीं थम रहा है. बंदरों के झुंड आए दिन ताजमहल में पर्यटकों पर झपट्टा मार रहे हैं या हमला करके जख्मी कर रहे हैं. ताजमहल पर बंदरों का उत्पात अब एएसआई, जिला प्रशासन, वन विभाग और नगर निगम के सिर दर्द बन गया है. क्योंकि, बंदरों की वजह से विश्व पटल पर
आगरा की छवि धूमिल हो रही है. बंदरों के आतंक के चलते पर्यटक डर और दहशत में ताजमहल का दीदार करते हैं. इसलिए, यहां से पर्यटक सुखद अनुभव नहीं लेकर जा रहे हैं. इससे एएसआई की भी खूब फजीहत भी हो रही है. एएसआई ने बंदरों को डराने और भगाने के लिए कर्मचारियों को डंडा लेकर ड्यूटी पर लगाया था. मगर, यह एएसआई की युक्ति कारगर साबित नहीं हो रही है. एएसआई अब ताजमहल में बंदरों के एंट्री प्वाइंट पर कटीले तार की फेंसिंग कराने और ताजमहल परिसर की दीवारों से हटे पेड़ों की टहनियों की भी छंटाई की जाएगी.
खाने की तलाश हमलावर बंदर
खाने की तलाश में बंदर ताजमहल परिसर में पर्यटकों पर हमला या छीना झपटी करते हैं. कई बार पर्यटकों के हाथ से कीमती सामान जैसे मोबाइल, पर्स, खाने-पीने की चीजें छीन कर बंदर भाग जाते हैं. बंदरों को लगता है कि, यह खाने की चीज है.
नगर निगम और वन विभाग नाकाम
ताजमहल पर उत्पाती बंदरों को लेकर एएसआई लगातार जिम्मेदार नगर निगम और वन विभाग के अधिकारियों को पत्राचार कर रहा है. क्योंकि, उत्पाती बंदर जहां पर्यटकों को घायल कर रहे हैं और ताजमहल परिसर में फुव्वारा और स्मारक परिसर में तोडफोड करके नुकसान पहुंचा रहे हैं. इतना ही नहीं, सीआईएसएफ के जवानों को भी डयूटी करने में बंदरों की वजह से परेशानी होती है. मगर, एएसआई की शिकायत पर नगर निगम और वन विभाग अभी तक ताजमहल पर बंदरों की समस्या के समाधान पर कोई इंतजाम नहीं कर सका है. जिससे आगरा की छवि विदेशों में खराब हो रही है.
पर्यटन सीजन से पहले बदनामी का सता रहा डर
बता दें कि, आगरा का पर्यटन सीजन अगले माह अक्टूबर से शुरू होगा. जो मार्च 2023 तक रहेगा. मगर, जिस तरह से लगातार उत्पाती बंदर ताजमहल या आसपास के क्षेत्र में पर्यटकों पर हमला या झपटटा मारकर जख्मी कर रहे हैं. इससे आगरा की छवि विदेशों भी खराब हो रही है. जिससे पर्यटन कारोबारियों को डर सता रहा है. कहीं , विदेशी पर्यटक आगरा आने से परहेज करने लगे तो पहले ही कोरोना से आगरा का पर्यटन कारोबार बेपटरी है. उसे पटरी पर आने में अभी और वक्त लगेगा.
एएसआई ने गुलेल लेकर लगाए कर्मचारी
ताजमहल में झुंड के झुंड बंदर आकर पर्यटकों को निशाना बना रहे हैं. इसलिए पहले हमने बंदरों को डराने और भगाने के लिए एएसआई के कर्मचारियों की डंडा लेकर ड्यूटी लगाई थी. यह व्यवस्था भी लगातार चल रही है. इसके साथ ही अब एएसआई ने बंदर भगाने के लिए कर्मचारियों को गुलेल थमा दी है. एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि, ताजमहल में बंदरों के प्रवेश को लेकर कहीं पहलुओं पर काम किया जा रहा है. कई विभाग मिलकर के इस पर काम कर रहे हैं. हमने अभी भी तो दिनों उन क्षेत्रों को देखा. जहां से बंदर ताजमहल परिसर में प्रवेश करते हैं.
ताजमहल में कई ऐसे पॉइंट हैं. जहां से बंदरों के झुंड प्रवेश करते हैं. इसे देखते हुए बंदरों की ताजमहल में एंट्री वाले संभावित प्वाइंट्स पर कटीले तार की फेंसिंग कराई जाएगी. इसके साथ ही ताजमहल परिसर की दीवारों से सटे पेड़ों की टहनियों की छंटाई भी होगी. क्योंकि, टहनियों से जहां स्मारक की दीवार को नुकसान होता है. वहीं, बंदर पेड़ की टहनियों से कूद करके दीवार पर पहुंचते हैं और फिर ताजमहल में परिसर में प्रवेश करते हैं. इससे पेड़ और परिसर की दीवार के बीच में गैप बन जाएगा. और बंदर ताजमहल परिसर में नहीं पहुंचेंगे. इसके साथ ही वन विभाग और नगर निगम को भी बंदरों के आतंक और उत्पात के स्थाई समाधान के लिए पत्राचार भी किया है.
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