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आगरा: ताजमहल देखने जाएंगे ट्रंप और मेलानिया, इस खतरे से अनजान अधिकारी - आगरा खबर

यूपी के आगरा में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को आ रहे हैं. इसको सुरक्षा व्यवस्था के भी खूब इंतजाम किए जा रहे हैं. मगर ताजमहल परिसर में डोनाल्ड ट्रंप और मेलानिया की सुरक्षा को खतरा है. मधुमक्खियां और बंदर डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में खलबली डाल सकते हैं.

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इस खतरे से अनजान अधिकारी.
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Published : Feb 20, 2020, 11:38 PM IST

आगरा: दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को आगरा आ रहे हैं. ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया के साथ ताजमहल का दीदार करेंगे. इसको लेकर आगरा के साथ ताजमहल को भी चमकाने का काम तेजी से चल रहा है. सुरक्षा व्यवस्था के भी खूब इंतजाम किए जा रहे हैं. मगर ताजमहल परिसर में डोनाल्ड ट्रंप और मेलानिया की सुरक्षा को खतरा है. जिससे जिम्मेदार अधिकारी अभी अनजान हैं. ईटीवी भारत ने ताजमहल में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया तो सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुली.

ताजमहल में पर्यटकों के बीच खलबली और दहशत फैला चुकी मधुमक्खियों की ओर किसी का ध्यान नहीं है. ताजमहल के एक ओर शाही मस्जिद और दूसरी ओर मेहमान खाने में मधुमक्खियों के बड़े-बड़े छत्ते हैं. जिनसे एएसआई और सीआईएसएफ के अधिकारी अनजान है इतना ही नहीं तमाम बार मंदिर परिसर में घूमने वाले बंदरों के झुंड भी पर्यटकों को निशाना बना चुके हैं. इस ओर भी अधिकारियों का ध्यान नहीं है.

इस खतरे से अनजान अधिकारी.

डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में खलबली डाल सकती है मधुमक्खियां
ताजमहल और उसके आसपास के क्षेत्र में बंदरों का आतंक है. हर आदमी बंदर को से परेशान है. फिर चाहे वह स्थानीय आमजन हों या पर्यटक. सभी पर बंदर हमला कर चुके हैं. मगर अभी तक नगर निगम की ओर से कोई भी ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं. ताजमहल में बंदरों के झुंड से पर्यटक भी दहशत में रहते हैं. ताजमहल में सबसे ज्यादा बंदर सुबह और शाम के वक्त झुंडों में दिखाई देते हैं. शाही मस्जिद और मेहमानखाना के आसपास बंदरों का सबसे ज्यादा आतंक रहता है. ऐसे में जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ताजमहल का दीदार करेंगे. उस समय बंदर सुरक्षा व्यवस्था में खलल डाल सकते हैं. यही इतना ही नहीं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में मधुमक्खियों भी खलल डाल सकती हैं.

दिल्ली के पर्यटक तनवीर अहमद ने बताया कि मधुमक्खियां जब तक बैठी हैं. तब तक सब कुछ ठीक-ठाक है. लेकिन जब वो वहां से उड़ी और पर्यटकों को काटना शुरू किया तो खलबली मच सकती है. मधुमक्खियों को यहां से हटाना चाहिए , क्योंकि अभी हाल में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का भी दौरा है. इस और अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए. यह काफी खतरनाक साबित हो सकती हैं.

ताजमहल स्थित शाही मस्जिद के इमाम सादिक अली ने बताया कि यह एएसआई के कर्मचारी समय-समय पर केमिकल लगाकर मधुमक्खियों को हटाते रहते हैं. यहां पर बंदर बहुत हैं, जो सुबह शाम परेशान करते हैं. कई बार नमाजी और पर्यटकों पर भी हमलावर हो जाते हैं. वैसे एएसआई के कर्मचारी उन्हें भगाते भी रहते हैं.

इसे भी पढ़ें-आगरा: ट्रंप को बदला-बदला सा दिखेगा ताज

टूरिस्ट गाइड रत्नेश कुमार ने बताया कि, ताजमहल में देसी विदेशी पर्यटकों की हजारों की भीड़ रहती है. तमाम बार ऐसा हुआ है कि भीड़ में बंदर आते हैं. जिससे भगदड़ मच जाती है. बंदर लोगों के सामान को भी छीन ले जाते हैं. बंदर करो काट भी लेते हैं. जो पर्यटक हो को डराने का काम करते हैं. इन्हें पकड़ने की व्यवस्था होनी चाहिए.

ताजगंज निवासी डॉ. एसके बंसल ने बताया कि क्षेत्र में बंदरों का आतंक है. हमे डर लगता है, कि राह चलते बंदर हमला न कर दें. इसलिए घरों से निकलना बंद कर दिया है. बच्चे और बड़े सभी पर बंदर हमला कर देते हैं. डंडा लेकर निकलना पड़ता है.

6 माह में बंदरों का आतंक हुआ कम
सीआईएसएफ के कंपनी कमांडेंट ब्रज भूषण ने बताया कि ताजमहल में बीते 6 माह से बंदरों का आतंक कम है. बहुत कम ही बंदर ताजमहल में दिखाई देते हैं. वीआईपी की विजिट के समय भीड़ कम होगी. कोई भी खाने का आइटम किसी के पास नहीं होगा. इस वजह से बंदर नहीं आएंगे. क्योंकि बंदर हमेशा आइटम के लिए ही आते हैं. इसलिए वीवीआईपी को ताजमहल में बंदरों से खतरा नहीं है.

एएसआई लगातार ताजमहल परिसर के में बंदरों के आतंक को लेकर नगर निगम से पत्राचार कर रहा है. एक बार फिर एएसआई ने बंदरों की समस्या को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा से पहले पत्र लिखा है और मांग की है कि ताजमहल को बंदरों से मुक्त किया जाए.

आगरा: दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को आगरा आ रहे हैं. ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया के साथ ताजमहल का दीदार करेंगे. इसको लेकर आगरा के साथ ताजमहल को भी चमकाने का काम तेजी से चल रहा है. सुरक्षा व्यवस्था के भी खूब इंतजाम किए जा रहे हैं. मगर ताजमहल परिसर में डोनाल्ड ट्रंप और मेलानिया की सुरक्षा को खतरा है. जिससे जिम्मेदार अधिकारी अभी अनजान हैं. ईटीवी भारत ने ताजमहल में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया तो सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुली.

ताजमहल में पर्यटकों के बीच खलबली और दहशत फैला चुकी मधुमक्खियों की ओर किसी का ध्यान नहीं है. ताजमहल के एक ओर शाही मस्जिद और दूसरी ओर मेहमान खाने में मधुमक्खियों के बड़े-बड़े छत्ते हैं. जिनसे एएसआई और सीआईएसएफ के अधिकारी अनजान है इतना ही नहीं तमाम बार मंदिर परिसर में घूमने वाले बंदरों के झुंड भी पर्यटकों को निशाना बना चुके हैं. इस ओर भी अधिकारियों का ध्यान नहीं है.

इस खतरे से अनजान अधिकारी.

डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में खलबली डाल सकती है मधुमक्खियां
ताजमहल और उसके आसपास के क्षेत्र में बंदरों का आतंक है. हर आदमी बंदर को से परेशान है. फिर चाहे वह स्थानीय आमजन हों या पर्यटक. सभी पर बंदर हमला कर चुके हैं. मगर अभी तक नगर निगम की ओर से कोई भी ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं. ताजमहल में बंदरों के झुंड से पर्यटक भी दहशत में रहते हैं. ताजमहल में सबसे ज्यादा बंदर सुबह और शाम के वक्त झुंडों में दिखाई देते हैं. शाही मस्जिद और मेहमानखाना के आसपास बंदरों का सबसे ज्यादा आतंक रहता है. ऐसे में जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ताजमहल का दीदार करेंगे. उस समय बंदर सुरक्षा व्यवस्था में खलल डाल सकते हैं. यही इतना ही नहीं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में मधुमक्खियों भी खलल डाल सकती हैं.

दिल्ली के पर्यटक तनवीर अहमद ने बताया कि मधुमक्खियां जब तक बैठी हैं. तब तक सब कुछ ठीक-ठाक है. लेकिन जब वो वहां से उड़ी और पर्यटकों को काटना शुरू किया तो खलबली मच सकती है. मधुमक्खियों को यहां से हटाना चाहिए , क्योंकि अभी हाल में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का भी दौरा है. इस और अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए. यह काफी खतरनाक साबित हो सकती हैं.

ताजमहल स्थित शाही मस्जिद के इमाम सादिक अली ने बताया कि यह एएसआई के कर्मचारी समय-समय पर केमिकल लगाकर मधुमक्खियों को हटाते रहते हैं. यहां पर बंदर बहुत हैं, जो सुबह शाम परेशान करते हैं. कई बार नमाजी और पर्यटकों पर भी हमलावर हो जाते हैं. वैसे एएसआई के कर्मचारी उन्हें भगाते भी रहते हैं.

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टूरिस्ट गाइड रत्नेश कुमार ने बताया कि, ताजमहल में देसी विदेशी पर्यटकों की हजारों की भीड़ रहती है. तमाम बार ऐसा हुआ है कि भीड़ में बंदर आते हैं. जिससे भगदड़ मच जाती है. बंदर लोगों के सामान को भी छीन ले जाते हैं. बंदर करो काट भी लेते हैं. जो पर्यटक हो को डराने का काम करते हैं. इन्हें पकड़ने की व्यवस्था होनी चाहिए.

ताजगंज निवासी डॉ. एसके बंसल ने बताया कि क्षेत्र में बंदरों का आतंक है. हमे डर लगता है, कि राह चलते बंदर हमला न कर दें. इसलिए घरों से निकलना बंद कर दिया है. बच्चे और बड़े सभी पर बंदर हमला कर देते हैं. डंडा लेकर निकलना पड़ता है.

6 माह में बंदरों का आतंक हुआ कम
सीआईएसएफ के कंपनी कमांडेंट ब्रज भूषण ने बताया कि ताजमहल में बीते 6 माह से बंदरों का आतंक कम है. बहुत कम ही बंदर ताजमहल में दिखाई देते हैं. वीआईपी की विजिट के समय भीड़ कम होगी. कोई भी खाने का आइटम किसी के पास नहीं होगा. इस वजह से बंदर नहीं आएंगे. क्योंकि बंदर हमेशा आइटम के लिए ही आते हैं. इसलिए वीवीआईपी को ताजमहल में बंदरों से खतरा नहीं है.

एएसआई लगातार ताजमहल परिसर के में बंदरों के आतंक को लेकर नगर निगम से पत्राचार कर रहा है. एक बार फिर एएसआई ने बंदरों की समस्या को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा से पहले पत्र लिखा है और मांग की है कि ताजमहल को बंदरों से मुक्त किया जाए.

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