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लखनऊ में ट्रेन के पहियों से चिंगारी निकलती देख सहमे ग्रामीण, आग लगने की आशंका से जुटी भीड़ - RAILWAY TRACK GRINDING

गेटमैन ने बताया- ट्रेन में नहीं लगी आग, घर्षण के लिए पटरियों पर चल रही ग्राइंडिंग मशीन.

लखनऊ में रेलवे पटरियों की ग्राइंडिंग.
लखनऊ में रेलवे पटरियों की ग्राइंडिंग. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 4, 2025, 6:31 AM IST

लखनऊ : रहमानखेड़ा रेलवे फाटक के पास ट्रेन के पहियों से चिंगारियां निकलती देख ग्रामीण सहम गए. ग्रामीण ट्रेन में आग लगने का अनुमान लगाने लगे. खेत में काम कर रहे ग्रामीण यह नजारा देखने के लिए रेल की पटरियों के किनारे तक पहुंच गए. इस पर रेलवे गेटमैन ने परेशान ग्रामीणों को बताया कि यह आग नहीं है. बल्कि ग्राइडिंग के कारण यह चिंगारी निकल रही है. चिकनी हो चुकी रेल की पटरियों में फिर से घर्षण पैदा करने के लिए ग्राइंडिंग की जा रही है. इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली.

लखनऊ में रेलवे पटरियों की ग्राइंडिंग. (Video Credit; ETV Bharat)

दरअसल, पटरी ट्रेनों के आवागमन के कारण चिकनी हो जाती है. इससे ट्रेनों के संचालन में दिक्कत होती है. कई बार ये सुरक्षित ट्रेन संचालन में भी बाधक बन जाती हैं. ऐसे में आवश्यक घर्षण की जरूरत होती है. इस घर्षण को ग्राइंडिंग से फिर से पैदा किया जाता है. यह ग्राइंडिंग एक विशेष प्रकार की ट्रेन से किया जाता है. यह ट्रेन पटरी पर चलती जाती है, और ग्राइंडिंग भी करती रहती है.

रेलवे अफसरों के मुताबिक इस खास ट्रेन को रेल ग्राइंडिंग मशीन यानी आरजीएम कहा जाता है. यह पूरी ट्रेन एक मशीननुमा होती है. इस पर पानी का बड़ा टैंक भी होता है. इसमें पहियों के पास ग्राइंडिंग मशीन लगी रहती है, जो पटरी को रगड़ कर घर्षण बनाती है. इस प्रक्रिया में रेल की पहियों के पास बहुत तेज चिंगारी निकलती है. इसे देखकर लगता है कि ट्रेन में आग लग गई है.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025: लखनऊ से प्रयागराज तक चलेगी स्पेशल पैसेंजर ट्रेन, रेलवे ने जारी किया टाइमटेबल

लखनऊ : रहमानखेड़ा रेलवे फाटक के पास ट्रेन के पहियों से चिंगारियां निकलती देख ग्रामीण सहम गए. ग्रामीण ट्रेन में आग लगने का अनुमान लगाने लगे. खेत में काम कर रहे ग्रामीण यह नजारा देखने के लिए रेल की पटरियों के किनारे तक पहुंच गए. इस पर रेलवे गेटमैन ने परेशान ग्रामीणों को बताया कि यह आग नहीं है. बल्कि ग्राइडिंग के कारण यह चिंगारी निकल रही है. चिकनी हो चुकी रेल की पटरियों में फिर से घर्षण पैदा करने के लिए ग्राइंडिंग की जा रही है. इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली.

लखनऊ में रेलवे पटरियों की ग्राइंडिंग. (Video Credit; ETV Bharat)

दरअसल, पटरी ट्रेनों के आवागमन के कारण चिकनी हो जाती है. इससे ट्रेनों के संचालन में दिक्कत होती है. कई बार ये सुरक्षित ट्रेन संचालन में भी बाधक बन जाती हैं. ऐसे में आवश्यक घर्षण की जरूरत होती है. इस घर्षण को ग्राइंडिंग से फिर से पैदा किया जाता है. यह ग्राइंडिंग एक विशेष प्रकार की ट्रेन से किया जाता है. यह ट्रेन पटरी पर चलती जाती है, और ग्राइंडिंग भी करती रहती है.

रेलवे अफसरों के मुताबिक इस खास ट्रेन को रेल ग्राइंडिंग मशीन यानी आरजीएम कहा जाता है. यह पूरी ट्रेन एक मशीननुमा होती है. इस पर पानी का बड़ा टैंक भी होता है. इसमें पहियों के पास ग्राइंडिंग मशीन लगी रहती है, जो पटरी को रगड़ कर घर्षण बनाती है. इस प्रक्रिया में रेल की पहियों के पास बहुत तेज चिंगारी निकलती है. इसे देखकर लगता है कि ट्रेन में आग लग गई है.

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