आगराः ताजनगरी में मिलावटखोर खुलेआम लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. धनिया पाउडर, मिर्ची पाउडर, गरमा मसाले के बाद दूध, पनीर, खोआ, घी, तेल समेत अन्य कई खाद्य पदार्थ में मिलावट के कई मामले सामने आए हैं. यह खुलासा फूड सेफ्टी विभाग की छह माह की रिपोर्ट में हुआ है. इन छह माह में विभाग की टीमों ने 3038 सैंपल लिए. इसमें से 766 सैंपल की रिपोर्ट आई है. इसमें 264 सब स्टैंडर्ड और 88 सैंपल की रिपोर्ट असुरक्षित आई है. इसमें सबसे ज्यादा दूध के नमूनों में मिलावट मिली है. जांच में दूध सिंथेटिक, पनीर, मावा और घी असुरक्षित मिला है. इतना ही नहीं, सुपारी, पान मसाला, नमक, चाय की पत्ती, पानी, ब्रेड, बेकरी प्रोडक्ट समेत 54 सामग्रियों के नमूने फेल मिले हैं.
दूध से बने पदार्थों के सैंपल असुरक्षितः सहायक आयुक्त द्वितीय अमित कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक हमें लैब को भेजे गए सैंपल में से 766 सैंपल की ही रिपोर्ट मिली है. इसमें 264 सैंपल की रिपोर्ट सब स्टैंडर्ड, 88 सैंपल की रिपोर्ट असुरक्षित और 102 सैंपल मिस ब्रांड के मिले हैं. इन सभी रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय में मुकदमे दायरे कर कार्रवाई की जा रही है. इसमें सबसे बड़ी बात यह सामने आई है कि ज्यादातर असुरक्षित दूध और दूधे से बने पदार्थ हैं. लोगों को मिलावट से जागरुक करने के लिए विभाग की ओर से जन जागरुकता अभियान भी चलाया जाता है.
गौरतलब है कि दीपावली के त्योहार को लेकर विभाग ने 7 टीमें बनाईं हैं जो मिलावटखोरों की धरपकड़ में अभियान चला रही हैं. वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एसएन यादव ने बताया कि मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने से हेल्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इससे लोगों की रोग प्रतिरोधक (इम्युनिटी) में कमी आती है, इसके चलते लोग जल्दी बीमार हो रहे हैं. मिलावटी दूध, पनीर, मावा और घी का सेवन करने से हार्ट की बीमारी, हाई बीपी, दिमाग में सूजन, पेट में समस्या, अपच, एसिडिटी, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, किडनी और लीवर भी खराब हो सकते हैं. इसके साथ ही इन अंगों में संक्रमण होने से लोगों को सिर दर्द, पेट दर्द व त्वचा रोग भी हो रहे हैं.
यूं बनते हैं सिंथेटिक दूध व पनीरः विशेषज्ञों की मानें तो तमाम केमिकल के अलावा रिफाइंड ऑयल या वनस्पति, साबुन, यूरिया से सिंथेटिक दूध बनाते हैं. दूध में वसा नापने वाला लैक्टोमीटर भी मिलावटी को पकड नहीं पाता है. इस सिंथोटिक दूध से ही सिंथेटिक पनीर भी बनाया जाता है. इसमें सिंथेटिक दूध या खराब दूध, आटा, डिटर्जेंट पाउडर, पामोलिन तेल, ग्लिसरॉल मोनोस्टियरेट पाउडर और सल्फ्यूरिक एसिड जैसे केमिकल मिलाए जाते हैं.
मिलावट बेहद खतरनाकः वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) मिलावटी दूध, पनीर और घी को लेकर भारत सरकार को अलर्ट कर चुका है. इस पर सरकार भी दूध और दूध से बने प्रोडेक्ट में मिलावट को लेकर बेहद सर्तक है मगर मिलावटखोरों पर अकुंश नहीं लग पा रहा है. अगर यही हाल रहा तो देश में सन 2025 तक 87% लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो जाएंगे. WHO के मुताबिक, भारत में डिटर्जेंट, यूरिया, स्टार्च, दीवार रंगने वाला सफेद पेंट, रिफाइंड तेल और ग्लूकोज से सिंथेटिक दूध बनाया जा रहा है. यह दूध एक तरह से स्लो पॉइजन है. जो किडनी फेल, कैंसर, लिवर सिरोसिस, स्ट्रोक जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं.
एक नजर आंकड़ों पर
- 3038 सैंपल लिए गए छह माह में जांच के लिए.
- 766 सैंपल की अभी तक मिली जांच रिपोर्ट.
- 264 सैंपल की रिपोर्ट आई सब स्टैंडर्स की.
- 102 सैंपल की रिपोर्ट में आए मिसब्रांड की रिपोर्ट.
- 88 सैंपल की रिपोर्ट में हुआ अनसेफ का खुलासा.
खाद्य पदार्थ | सैंपल | असुरक्षित खाद्य पदार्थों के नाम | सैंपल | स्टैंडर्ड वाले खाद्य पदार्थ | सैंपल |
दूध | 483 | रिफाइंड | 01 | दूध | 87 |
मिठाई | 228 | गरम मसाला | 02 | सरसों का तेल | 22 |
पनीर | 148 | घी | 03 | पनीर | 21 |
मावा | 59 | पान मसाला | 03 | मावा | 17 |
घी | 28 | सरसों का तेल | 05 | दालें | 13 |
अन्य मिल्क प्रोडेक्ट | 256 | दालें | 06 | नमक | 11 |
सरसों का तेल | 24 | दूध | 07 | ||
रिफाइंड | 123 | नमकीन | 07 | ||
गरम मसाला | 186 | पनीर | 14 | ||
बेकरी प्रोडेक्ट | 165 | मावा | 14 | ||
दालें | 156 | अन्य | 26 | ||
नमकीन | 117 | नोट- यह आंकडे़ एक अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक के हैं. | |||
सुपारी व पान मसाला | 11 |
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