आगरा: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ताजनगरी आगरा में मुस्लिम समुदाय ने अमन-चैन की अनूठी मिसाल पेश की है. जिले में मुस्लिम समुदाय ने बारावफात पर निकाले जाने वाले ऐतिहासिक जुलूस को नहीं निकाला है. मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है, कि यह फैसला उन्होंने शहर में अमन-चैन कायम रखने के लिए लिया है.
मुस्लिमों ने नहीं निकाला बारावफात जुलूस
अयोध्या प्रकरण पर फैसला आने के बाद सर्वदलीय मुस्लिम एक्शन कमेटी और अन्य मुस्लिम संस्था के नेताओं द्वारा जामा मस्जिद पर एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें तय किया गया कि बारावफात का जुलूस नहीं निकाला जाएगा. ऐसा फैसला इसलिए लिया गया, ताकि कोई भी युवक भीड़ का फायदा उठाकर फिजा बिगाड़ने की कोशिश न कर पाए. हालांकि प्रशासन ने मुस्लिम समुदाय को सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही थी.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आगरा के चेयरमैन असलम कुरैशी ने कहा कि बराह वफात का जुलूस पूरी दुनिया में मनाया जाता है, लेकिन शनिवार को ही अयोध्या का फैसला आया है, जिस पर समुदाय के लोगों ने बहुत ही एहतियात बरती. इसको लेकर हम लोगों ने बारावफात का जुलूस नहीं निकालने का फैसला किया है. हालांकि प्रशासन ने हम लोगों को पूरी सुरक्षा प्रदान करने की बात कही थी.