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आगरा में पेश की गई अमन-चैन की मिसाल, नहीं निकाला गया बारावफात जुलूस - राम मंदिर बाबरी मस्जिद का फैसला

यूपी के आगरा में मुस्लिम समुदाय ने अमन-चैन की मिसाल पेश की है, मुस्लिम समुदाय ने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बारावफात का जुलूस नहीं निकाला. वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है ऐसा करने से देश में अमन-चैन का संदेश जाएगा.

आगरा में पेश की गई अमन चैन की मिसाल.
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Published : Nov 10, 2019, 8:26 PM IST

आगरा: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ताजनगरी आगरा में मुस्लिम समुदाय ने अमन-चैन की अनूठी मिसाल पेश की है. जिले में मुस्लिम समुदाय ने बारावफात पर निकाले जाने वाले ऐतिहासिक जुलूस को नहीं निकाला है. मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है, कि यह फैसला उन्होंने शहर में अमन-चैन कायम रखने के लिए लिया है.

मुस्लिम समुदाय ने नहीं निकाला बारावफात का जुलूस.

मुस्लिमों ने नहीं निकाला बारावफात जुलूस
अयोध्या प्रकरण पर फैसला आने के बाद सर्वदलीय मुस्लिम एक्शन कमेटी और अन्य मुस्लिम संस्था के नेताओं द्वारा जामा मस्जिद पर एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें तय किया गया कि बारावफात का जुलूस नहीं निकाला जाएगा. ऐसा फैसला इसलिए लिया गया, ताकि कोई भी युवक भीड़ का फायदा उठाकर फिजा बिगाड़ने की कोशिश न कर पाए. हालांकि प्रशासन ने मुस्लिम समुदाय को सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही थी.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आगरा के चेयरमैन असलम कुरैशी ने कहा कि बराह वफात का जुलूस पूरी दुनिया में मनाया जाता है, लेकिन शनिवार को ही अयोध्या का फैसला आया है, जिस पर समुदाय के लोगों ने बहुत ही एहतियात बरती. इसको लेकर हम लोगों ने बारावफात का जुलूस नहीं निकालने का फैसला किया है. हालांकि प्रशासन ने हम लोगों को पूरी सुरक्षा प्रदान करने की बात कही थी.

पढ़ें: राम मंदिर के लिए सोने की ईंट देगा मुगल शासक का वंशज

आगरा: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ताजनगरी आगरा में मुस्लिम समुदाय ने अमन-चैन की अनूठी मिसाल पेश की है. जिले में मुस्लिम समुदाय ने बारावफात पर निकाले जाने वाले ऐतिहासिक जुलूस को नहीं निकाला है. मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है, कि यह फैसला उन्होंने शहर में अमन-चैन कायम रखने के लिए लिया है.

मुस्लिम समुदाय ने नहीं निकाला बारावफात का जुलूस.

मुस्लिमों ने नहीं निकाला बारावफात जुलूस
अयोध्या प्रकरण पर फैसला आने के बाद सर्वदलीय मुस्लिम एक्शन कमेटी और अन्य मुस्लिम संस्था के नेताओं द्वारा जामा मस्जिद पर एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें तय किया गया कि बारावफात का जुलूस नहीं निकाला जाएगा. ऐसा फैसला इसलिए लिया गया, ताकि कोई भी युवक भीड़ का फायदा उठाकर फिजा बिगाड़ने की कोशिश न कर पाए. हालांकि प्रशासन ने मुस्लिम समुदाय को सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही थी.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आगरा के चेयरमैन असलम कुरैशी ने कहा कि बराह वफात का जुलूस पूरी दुनिया में मनाया जाता है, लेकिन शनिवार को ही अयोध्या का फैसला आया है, जिस पर समुदाय के लोगों ने बहुत ही एहतियात बरती. इसको लेकर हम लोगों ने बारावफात का जुलूस नहीं निकालने का फैसला किया है. हालांकि प्रशासन ने हम लोगों को पूरी सुरक्षा प्रदान करने की बात कही थी.

पढ़ें: राम मंदिर के लिए सोने की ईंट देगा मुगल शासक का वंशज

Intro:आगरा।ताजनगरी आगरा में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अमन चैन की अनूठी मिसाल पेश करते हुए बारह वफात पर निकलने वाले ऐतिहासिक जुलूस को निकलने से रोक दिया है।मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि ऐसा उन्होंने शहर में अमन चैन कायम रखने के लिए किया है।

Body:कल अयोध्या प्रकरण पर फैसला आने के बाद सर्व दलीय मुस्लिम एक्शन कमेटी और अन्य मुस्लिम संस्थाओ के नेताओं द्वारा जामा मस्जिद पर एक बैठक की गई और बैठक में तय किया गया कि जामा मस्जिद से निकलने वाले ऐतिहासिक जुलूस को अमन चैन कायम रखने के लिए इस बार न निकाला जाए,क्योंकि जुलूस के दौरान कोई भी व्यक्ति भीड़ का फायदा उठा कर फिजां बिगाड़ने का प्रयास कर सकता है।प्रशाशन द्वारा सुरक्षा मुहैया कराने का वायदा किया गया पर तब भी मुस्लिम समाज ने इस बार जुलूस न निकालने की बात कही।आज जामा मस्जिद में नमाज अता की गई।इस दौरान वहां तैनात पुलिस कर्मी भी काफी सहज दिखाई दिए और बच्चो को प्यार दुलार करते नजर आए।इस दौरान शहर में कई अन्य जगह जुलूस निकले पर प्रशाशन की मुस्तैदी के साथ अमन चैन के साथ सभी जुलूस आराम से निकाले गए।

बाईट-चैयरमैन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आगरा

बाईट- एसपी सिटी बोत्रे रोहनConclusion:
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