आगरा: पीएम मोदी ने सन् 2025 तक टीबी मुक्त भारत मिशन शुरू किया है. इसको लेकर देश में टीबी अभियान चलाया जा रहा है. ताकि जल्द से जल्द टीबी के मरीजों को आइडेंटीफाई करके इलाज शुरू करके टीबी का संक्रमण रोका जा सके. इसके साथ ही देश में लगातार एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्ट्रेशन) के मरीज बढ़ रहे हैं. जिसकी वजह से पीएम मोदी के मिशन में मुश्किले आ रही हैं. क्योंकि, एमडीआर टीबी के मरीजों से सरकार का खर्च भी बढ़ रहा है. सामान्य टीबी के मरीज के मुकाबले एक एमडीआर टीबी के मरीज का खर्च 100 गुना अधिक जाता है.
दरअसल, आगरा में ट्यूबरक्लोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया की नेटकॉन 2022 यानी 77 वीं नेशनल कांफ्रेंस ऑफ ट्यूबरक्लोसिस एंड चेस्ट डिजीज हो रही है. जिसमें डिपार्टमेंट ऑफ ट्यूबरक्लोसिस एंड रेस्पीरेटरी डिजीज, एसएन मेडिकल कॉलेज और यूपी टीबी एसोसिएशन एंड द यूनियन साउथ ईस्ट एशिया रीजन के सहयोग है. जिसमें मुख्य अतिथि ट्यूबरक्लोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. वी एम कटोच ने कहा कि, टीबी मुक्त भारत के लिए सरकार ने अपना पूरा काम कर दिया है. ट्रीटमेंट की गाइडलाइन भी उपलब्ध हैं. फिर भी मरीजों में रेजिस्टेंट कम नहीं हो रहा है. इसलिए, टीबी के ट्रीटमेंट में किसी भी स्तर पर बदलाव जरूरी है. भले ही आज देश में टीबी मुक्त अभियान जन आंदोलन बन चुका है. मगर, अभी भी एमडीआर टीबी के मरीज बढ़ी समस्या बनी हुई है.
21% हुए एमडीआर टीबी के मरीज
पटियाला मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के एचओडी प्रोफेसर डॉ विशाल सिन्हा ने बताया कि, देश में एमडीआर टीबी के मरीजों का ग्राफ तेजी से बढ रहा है. देश की बात करें तो सन् 1990 में एमडीआर टीबी के 2 % मरीज थे. लेकिन, आज एमडीआर टीबी के 21% मरीज हैं. यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. इसलिए, एमडीआर टीबी से पीएम मोदी का सन् 2025 तक टीबी मुक्त अभियान को लेकर और काम करना होगा. देश में मेडिकल कॉलेज भी अब पीएम मोदी के टीबी मुक्त भारत अभियान में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
एक घंटे में आ रही एमडीआर टीबी की रिपोर्ट
एसएन मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि, सरकार की ओर से टीबी मुक्त भारत के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार की गाइडलाइन हैं कि, टीबी के मरीजों को चिन्हित करने के साथ ही अब उपचार और जांच पर जोर है. जिससे पता चले कि, टीबी के बैक्टीरिया की वजह से टीबी हुई है. इसको लेकर तमाम नई मशीनें भी आईं हैं, जो जल्द से जल्द टीबी की जांच का सही रिजल्ट देती हैं. हम बात करें तो एमडीआर टीबी की जांच रिपोर्ट आने में तीन से चार माह लगते थे. लेकिन, अब 1 घंटे में एमडीआर टीबी के मरीज की जांच रिपोर्ट आ जाती है. जिससे जल्द से जल्द एमडीआर टीबी के मरीजों का उपचार शुरू करके दूसरे लोगों को भी टीबी के संक्रमण से बचाया जा सकता है.
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