आगरा : आगरा विश्वविद्यालय में सोमवार को एमबीबीएस के छात्रों ने विरोध जताया. इनमें तीन मेडिकल कॉलेज के छात्र शामिल हुए थे. जिन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपनी उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की मांग की है.
आगरा विश्वविद्यालय में सोमवार को एमबीबीएस सत्र 2016, 19 और 20 के विद्यार्थियों ने जमकर हंगामा काटा. छात्रों ने आरोप लगाया कि हमारी उत्तर पुस्तिकाओं को गलत तरीके से जांचा गया है. उत्तर पुस्तिका में उत्तर सही होने के बावजूद उसके नंबर नहीं दिए गए. सही उत्तर होने के बावजूद उतने नंबर नहीं मिले जितने मिलने चाहिए थे. सोमवार को तीन मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस विद्यार्थियों ने आगरा विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मथुरा के केएम मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र नवीन ने बताया कि हम बीते 30 दिनों से आगरा विश्वविद्यालय के चक्कर काट रहे हैं. एमबीबीएस में सप्लीमेंट्री आने के बाद हमने परीक्षा दी थी, लेकिन उन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन ठीक तरीके से नहीं किया. ऐसे करीब 100 से ज्यादा छात्र हैं जो अपनी उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन चाहते हैं. सूचना के अधिकार के तहत हमने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की मांग की थी उसे भी आगरा विश्वविद्यालय पूरे 30 दिनों बाद हमें उपलब्ध करा पाया. उन पुस्तिकाओं में मूल्यांकन के दौरान तमाम तरीके की त्रुटियां हैं. जिसकी वजह से 100 से अधिक छात्र और छात्राओं पर फेल होने का संकट मंडरा रहा है. उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में सही उत्तर देने के बावजूद हमें नंबर नहीं दिए गए. एमबीबीएस के रिजल्ट घोषित करने में भी आगरा विश्वविद्यालय ने कई महीने लगा दिए. ऐसे में अब हमारा एमबीबीएस का आगे का सत्र प्रभावित हो गया है. हम चाहते हैं कि हमारी उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन किया जाये, जिससे भविष्य में हमारी शिक्षा प्रभावित न हो सके.
आगरा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि 'हमने छात्रहित में एसएन मेडिकल के प्राचार्य को पत्र लिखकर सूचना के अधिकार के अंतर्गत उत्तर पुस्तिका प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं की पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कराने का आग्रह किया है. इस विषय को लेकर आगरा विश्वविद्यालय की तरफ से एसएन मेडिकल के प्राचार्य को एक पत्र भी भेजा गया है. विद्यार्थी लंबे समय से सप्लीमेंट्री उत्तर पुस्तिकाओं में गलत मूल्यांकन होने की शिकायत करते आ रहे हैं. आगरा विश्वविद्यालय ने समिति के निर्णय के बाद शिकायत करने वाले सभी छात्र-छात्राओं की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कराने की बात कही है. हम विद्यार्थियों से कहना चाहते हैं, कि थोड़ा धैर्य बनाए रखें. जिससे उनकी शिकायत का ठीक तरीके से निराकरण हो सके.'
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