आगरा : ताजमहल देखने आने वाले इन दिनों शानदार इमारत के साथ गोल्डमैन स्टैच्यू की चर्चा भी कर रहे हैं. सिर से लेकर पांव तक सुनहरे रंग में रंगे गोल्डमैन से हाथ मिलाकर हर पर्यटक खुश होता है. इस गोल्डमैन की खासियत है कि वह तीन घंटे तक बिना हिले-डुले एक ही पोज में खड़ा रहता है. उसके साथ सेल्फी लेकर लोग ताज के दीदार को और यादगार बना रहे हैं. मगर गोल्डमैन स्टैच्यू (Living Statue Goldman) बनकर लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने वाले स्माइल (17) की कहानी संघर्षों से भरी हुई है.
गोल्डमैन की असली दुनिया में गोल्ड नहीं गरीबी है : इस्माइल (17) जनपद महाराजगंज के निवासी हैं. उनके परिवार में 7 सदस्य हैं. पिता इब्राहिम एक विद्यालय में परिचालक का काम करते हैं. इस्माइल घर में सबसे बड़े हैं. उनके अलावा 4 छोटे भाई-बहन हैं. पिता की कमाई घर की जरूरतें पूरी नहीं होती थी. कच्चा घर बारिश की वजह से जर्जर हो गया है.अब छोटे भाई-बहनों की पढ़ाई का बोझ भी इस्माइल के कंधों पर हैं. इस्माइल भी 12वीं पास हैं, लेकिन घर की जिम्मेदारियों की वजह से दिल्ली और आगरा के रुख किया. स्माइल आगरा में फिलहाल ग्वालियर रोड स्थित सेवला क्षेत्र में रहते हैं और रोज सुबह घर से गोल्डन सूट पहन कर ताजमहल या आगरा किले पर आ जाते हैं. वह सैलानियों के सामने अपनी स्टैच्यू बनने की कला का प्रदर्शन करते हैं. उससे जो दिन भर की कमाई होती हैं, उसमें से कुछ पैसे अपने गांव भेज देते हैं. कमाई ज्यादा नहीं होती है, इसलिए पूरे शहर में पैदल ही घूमते हैं.
इस्माइल ने बताया कि इस सुनहरे सूट-बूट को उन्होंने अपने मामा की शादी में खरीदा था. बाद में उसी सूट पर ही गोल्डन कलर से पोतकर कॉस्ट्यूम बना ली. फिलहाल वह भी आगरा घूमने आने वाले सैलानी उनके साथ सेल्फी लेने से खुश हैं. उन्हें लगता है कि जब लोग उनके साथ फोटो और वीडियो बनाकर इंटरनेट पर डालेंगे तो दुनिया में उनकी पहचान बनेगी.
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