आगरा: केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) आगरा में हुए हादसे में बाल-बाल बच गए. केंद्रीय मंत्री यहां डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित भीम नगरी के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए थे. वहीं, जिस वक्त हादसा हुआ, उस समय केंद्रीय मंत्री मंच से लोगों को संबोधित कर रहे थे. तभी तूफान आया और बिजली चली गई. इस बीच कुछ लाइटें गिर गईं, जिससे छह लोग जख्मी हो गए तो वहीं, एक व्यक्ति की मौत हो गई. इस हादसा के बाद इलाके में हड़कंप मच गया. अगर केंद्रीय मंत्री मंच से अपना भाषण नहीं दे रहे होते तो वो भी जख्मी हो सकते थे. हादसे के वक्त लाइटिंग स्टैंड आंधी के चलते गिर गया था.
जिस वक्त हादसा हुआ, उस समय केंद्रीय मंत्री भाषण दे रहे थे. हादसे के चलते वहां अफरा-तफरी मच गया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इसके लिए इनविटेशन भेज गया था. संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल कार्यक्रम का शेड्यूल फाइनल होने के बाद यहां पहुंचे थे. वहीं, इस कार्यक्रम के लिए प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण 16 और 17 अप्रैल को आगरा में रहेंगे. इनका भी कार्यक्रम जारी कर दिया गया था.
इसे भी पढ़ें - सपा नेता आजम खां की मुश्किलें बढ़ीं, गैर जमानती वारंट जारी
ऐसे तो 14 अप्रैल को पूरे देश में डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती मनाई जाती है. लेकिन आगरा के नाला काजीपाड़ा में शोभायात्रा निकलती है और 15, 16 और 17 अप्रैल को भीम नगरी में खास कार्यक्रम आयोजित होती है. वहीं, अबकी इस कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बतौर अतिथि ताज नगरी पहुंचे थे, जहां उनके कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान शुक्रवार रात 9:30 बजे अचानक तेज आंधी के कारण बिजली चली गई और इसी दरम्यां कुछ लाइटें नीचे गिर गई. जिसमें से एक खंभा स्टेज के सामने जा गिरा. जिसमें छह लोग जख्मी हो गए तो एक की मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक हादसे के दौरान मंच पर धर्मेंद्र सोनी, राजू पंडित, पूर्व विधायक गुटियारी लाल दुबे सहित अन्य 6 लोग बैठे थे, जो इस घटना में जख्मी हो गए तो वहीं, राजू प्रधान नाम के शख्स की मौत हो गई.
वहीं, प्रत्यक्षदर्शी मनीष कुमार ने बताया कि जब यह हादसा हुआ, उस समय न तो कोई एंबुलेंस थी और न ही घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए कोई व्यवस्था की गई. खुद ही बाइक और अपने वाहनों से घायलों को इलाज पहुंचाया गया. वहीं एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि मौसम खराब होने की सूचना लगातार मिल रही थी. इसके बावजूद लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.
इधर, पूर्व प्रधान की मौत पर नगला पद्मा छावनी में तब्दील हो गया है. बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती गई है. रात में ही पूर्व प्रधान का पोस्टमार्टम करा दिया गया और उनके शव को परिजनों को सौंप दिया गया. जिसके बाद परिजनों व अन्य ग्रामीणों ने शव को नगला पद्मा ग्वालियर रोड के किनारे रख दिया. वहीं, पुलिस को आशंका है कि कहीं ग्रामीण बवाल न कर दें, जिसे देखते हुए पहले से ही नगला पद्मा में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप