आगरा: ताजनगरी में यमुना की तलहटी में मकर संक्रांति पर गुरुवार शाम पतंग उत्सव में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. यहां पर बच्चे और बुजुर्ग पतंगबाजी करते नजर आए. युवा, महिलाओं और पुरुष में पतंगबाजी का जोश देखते ही बन रहा था. हर ओर से एक अलग आवाज आ रही थी. पतंग उत्सव में लोगों ने पतंगबाजी के साथ खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया. पतंगों के जरिए कोरोना से बचाव का लोगों को संदेश दिया गया. वहीं यमुना की साफ-सफाई के बारे में भी लोगों को बताया गया, जिससे दम तोड़ती यमुना को स्वच्छ और साफ रखा जा सके.
आगरा में दिखा पतंग उत्सव. मकर संक्रांति पर आगरा में आयोजित पतंग उत्सव में सभी पार्टियों के नेताओं, पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने मिल जुल कर पतंग उड़ाई. देखते ही देखते आसमान में पतंग अठखेलियां करने लगी. लोग एक दूसरे की पतंग काटने के लिए दांवपेच लगाने लगे. यह सिलसिला देर शाम तक यूं ही चलता रहा. बच्चों को संस्कृति से करा रहे रूबरू
डॉ. सपना गोयल का कहना है कि इस पतंग उत्सव के जरिए हम अपने बच्चों को अपनी संस्कृति से रूबरू कराते हैं. इसके साथ ही अपने बच्चों को यमुना के हालात के बारे में भी बताते हैं. किस तरह से यमुना प्रदूषित हो रही हैं. हमें अपना दायित्व समझना चाहिए और यमुना की साफ-सफाई पर भी ध्यान देना चाहिए, जो रिवर कनेक्ट का अभियान शुरू किया गया है. उसके बेहतर परिणाम आएंगे.
हर्ष और उल्लास के साथ मना त्योहार
पतंग महोत्सव के आयोजक वरिष्ठ पत्रकार ब्रज खंडेलवाल का कहना है कि कोरोना के बाद लोग आठ दस बाद लोग एक बार घरों से निकले हैं, जो घुटन थी, वह आज मकर संक्रांति पर गायब हो गई है. आजादी से सभी हर्ष और उल्लास के साथ त्योहार मना रहे हैं. पतंगबाजी भी कर रहे हैं. लोगों के चेहरे की खुशी इस बात का इजहार कर रही है कि वह पतंगबाजी में कितने खुश हैं.
अलग-अलग पार्टी के नेता काट रहे एक-दूसरे की पतंग
आगरा महापौर नवीन जैन का कहना है कि इस पतंग महोत्सव में शहर के सभी सामाजिक संगठनों के साथ ही राजनीतिक दलों बसपा, सपा, भाजपा और अन्य तमाम एनजीओ के लोग शामिल होते हैं. सभी पतंगबाजी करते हैं. एक-दूसरे की पतंग काटते हैं. पतंगबाजी में सभी का उत्साह देखने के लिए ही बनता है. मेरी आशा है कि जल्द ही यह महोत्सव सभी लोगों का प्रसिद्ध महोत्सव बन जाएगा.
बच्चों का शौक हो रहा पूरा
सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस का कहना है कि यहां पर सभी समाज के लोग आए हैं. बच्चे जो मकर संक्रांति पर पतंगबाजी करते हैं. उनका यह शौक इस उत्सव में पूरा हो रहा है. ऐसे आयोजन कुछ लोगों को जोड़ने का काम करते हैं. वे समय-समय पर होते रहने चाहिए.
वहीं, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शबाना खंडेलवाल का कहना है कि यहां आसमान में जिस तरह से रंग बिरंगी पतंग इतरा रही हैं. उसी तरह से इस पतंग उत्सव में सभी पार्टियों के लोग शामिल हुए हैं. एक दूसरे की पतंग काट रहे हैं. ऐसे उत्सव लगातार होने चाहिए. जो बीता साल जिस तरह की विपदा से गुजरा है. ईश्वर न करे फिर ऐसी बताएं हम ऐसी दुआ करते हैं.