आगराः ताजगंज थाना की तोरा पुलिस चौकी में आगजनी और पुलिसकर्मियों की पिटाई से तमाम सवाल उठ रहे हैं. यमुना में जब खनन बंद है तो फिर कैसे हर दिन सैकड़ों ट्रॉली खनन की निकलती हैं. मृतक चालक पवन के परिजनों और ग्रामीणों का भी आरोप है कि भाजपा के बड़े नेता और पुलिस की मिलीभगत से अवैध खनन हो रहा है. हर ट्रॉली के हिसाब से पुलिस के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को भी पैसा पहुंचता है. सफेदपोश की वजह से पुलिस और प्रशासन के अधिकारी चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते हैं. यही वजह है कि अवैध खनन की वजह से पुलिस पर हमला हुआ और पुलिस चौकी को फूंक भी दिया गया. मगर प्रशासन के अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं.
अवैध खनन पर बोलने से बच रहे अधिकारी
बता दें कि जब आईजी ए सतीश गणेश से खनन के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कुछ भी नहीं बोला. बिना कुछ बात किए आगे चले गए. इसी तरह से आगरा के डीएम प्रभु नारायण सिंह से भी जब खनन को लेकर सवाल किया तो वह भी चुप्पी साध गए. जनपद के बड़े पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी खनन को लेकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. लेकिन, जिस वजह से हादसा हुआ उसकी सबसे बड़ी वजह यमुना से अवैध खनन ही है. अवैध खनन की वसूली की वजह से ही पुलिस की किरकिरी हुई है.
पहले भी कई बार यमुना से अवैध खनन को लेकर मामला उछला. कुछ दिन शांत रहने के बाद फिर सफेदपोश के इशारे पर यमुना से बालू का अवैध खनन होने लगा. इसमें पुलिस की बराबर की भागीदारी रही.