आगरा: दिल्ली, एनसीआर और राजस्थान में एक्टिव तस्कर फ्लाइट में सफर करके परफ्यूम की खुशबू में गांजा तस्करी कर रहे हैं. जी हां तस्कर पहले फ्लाइट पकड़ कर विशाखापत्तनम और ओडिशा पहुंचते हैं. वहां से गांजा की खेप लेकर ट्रेन के यात्री बनकर एसी या स्लीपर कोच में सफर करते हैं. पुलिस, जीआरपी और आरपीएफ को गांजा तस्करी की भनक न लगे. इसके लिए गांजा के पैकेट वाले बैग में परफ्यूम की पूरी शीशी खोल देते हैं या परफ्यूम छिडक देते हैं. इसके साथ ही ट्रकों में रूई के बोरे, बोतल और अन्य सामान के बीच में गांजा की तस्करी के कारोबार को खूब अंजाम दिया जा रहा है.
इस मामले का खुलासा जीआरपी, आरपीएफ और पुलिस की गांजा तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई में हुआ है. आगरा की बात करें तो यहां पर जीआरपी और पुलिस ने बीते 135 दिन में दस करोड़ रुपये से ज्यादा का गांजा बरामद करके 90 से ज्यादा तस्करों को जेल भेजा है. वहीं, ईटीवी भारत अपनी इन्वेस्टीगेशन स्टोरी में आपको गांजा तस्करी की हर वो कड़ी और तस्कारों के चौंकाने वाले खुलासे बताने जा रहा है, जिसे सुन आप भी एक बार को हैरान हो जाएंगे.
बता दें कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से गांजा की तस्करी आगरा, मथुरा, दिल्ली, एनसीआर, राजस्थान और अन्य जिलों में की जा रही है. गांजा तस्करों ने आगरा को अपना डंपिंग स्टेशन और डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर बना लिया है. आगरा में ट्रेन, बस, ट्रक और कार से हाई प्रोफाइल महिलाएं, बच्चे और दिव्यांग गांजे की तस्करी में जेल गए हैं.
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एसपी जीआरपी मुश्ताक अहमद ने बताया कि, आगरा कैंट और मथुरा जीआरपी थाना ने गांजा की तस्करी गिरोह का खुलासा किया है. साथ ही 83 गांजा तस्कर को दबोचकर जेल भेजा गया हैं. लगभग 800 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया है. गांजा तस्करी में जेल गए लोगों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि, अलग-अलग राज्यों से गांजा खरीदा जाता था. इसमें अधिकतर गांजा विशाखापत्तनम और उडीसा से गांजा खरीदा जाता था. हर नेटवर्क का अलग सरगना है. इसके बाद दिल्ली, एनसीआर, आगरा, मथुरा के साथ ही यूपी के अन्य जिलों में इसकी आपूर्ति की जाती थी.
गांजा तस्करी में महिला, बच्चे और दिव्यांग शामिल
एसपी जीआरपी मुश्ताक अहमद ने बताया कि ट्रेन में गांजा तस्करी में जेल गए आरोपियों से पूछताछ में यह बात भी सामने आई थी कि, तस्करी में दर्जनों महिलाएं, बच्चे और दिव्यांगों का इस्तेमाल किया गया. कई ऐसे अपराधी के नाम भी सामने आए हैं कि, जो दिल्ली और एनसीआर से फ्लाइट का टिकट बुक कराकर विशाखापत्तनम और उडीसा जाते थे. वहां से गांजा की खेप लेकर एसी, थर्ड एसी या स्लीपर कोच में सफर करके दिल्ली और अन्य जगह पहुंचाते थे, जिससे उन पर कोई संदेह न करे. एसपी जीआरपी ने बताया कि गांजा तस्करी में जेल गए लोग वे थे, जो दिल्ली, आगरा और मथुरा के साथ अन्य जिलों में गांजा की खेप पहुंचते थे. इसलिए आगरा कैंट या मथुरा जंक्शन पर उतरे. जहां पर उन्हें पकडा गया.
परफ्यूम की गंध से टूटी गांजा तस्करों की कमर
एसपी जीआर मुश्ताक अहमद ने कहा कि गांजा तस्करी की ट्रेन से मिली शिकायत पर जीआरपी के जवानों को विशेष ट्रेनिंग दी गई. उन्हें बताया गया कि, कैसे गांजा तस्करों पर नजर रखनी है और कैसे पहचानना है. इस बारे में उन्होंने बताया कि, हमने जीआरपी के जवान और अधिकारियों को बताया कि, गांजा में बदबू आती है, इसलिए जिस बैग या बोरे से बदबू आए तो उसे जरूर चैक करें. इसके साथ ही ऐसे संदिग्ध बैग, जिन पर आप को संदेह है. उसे खुलवाकर चैक करे. इसके साथ ही अधिकतर गांजा तस्कर उनके बैग से रही परफ्यूम की गंध से दबोचे गए.
विशाखापत्तनम और दिल्ली पुलिस को भेजी रिपोर्ट
जीआरपी एसपी मुश्ताक अहमद ने बताया कि, उन्होंने गांजा तस्करी के नेटवर्क में जुडे करियर, सप्लायर, डिस्ट्रीब्यूटर और पुडिया बनाकर भेजने वालों के नाम और उनके नेटवर्क की हर जानकारी दिल्ली और विशाखापत्तनम पुलिस को भेजी है, जिससे गांजा तस्करों पर लगाम लगाई जा सके. क्योंकि, गांजा ट्रेन के साथ ही ट्रक और लग्जरी कारों से तस्करी करके दिल्ली, एनसीआर, राजस्थान और अन्य यूपी में आ रहा है. इस बारे में जीआरपी एडीजी को भी रिर्पोर्ट भेजी है.
एसटीएफ की सूचना पर पुलिस भी आई हरकत में
एसएसपी आगरा सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि, मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर एसटीएफ के साथ मिलकर 8 अप्रैल को ओडिशा से राजस्थान के भरतपुर जा रहे गांजा के ट्रक को बरामद किया. ट्रक में रूई की बोरियों के नीचे छिपाकर तस्कर 40 बोरियों में गांजा लेकर जा रहे थे. इस गांजे की खेप का वजन करीबन 12.31 क्विंटल था. पुलिस ने कौशांबी के मोहम्मदपुर निवासी दिलीप कुमार यादव, सह चालक फतेहपुर के निवासी विष्णु दत्त मिश्र उर्फ गोलू और कौशांबी निवासी दिव्यांशु जेल भेजा है.
दो हजार का गांजा बिकता है 20 हजार रुपये
पुलिस और जीआपी की पूछताछ में गांजा तस्करों ने खुलासा किया है कि, विशाखापत्तनम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दो हजार रुपए किलोग्राम के हिसाब से गांजा मिलता है. जो दिल्ली, एनसीआर, आगरा, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा में पुडिया में बेचने पर 20 हजार रुपए किलोग्राम का रेट मिलता है. गांजा तस्करी में माल बुकिंग, ट्रांसपोर्ट और डिस्ट्रीब्यूशन के बाद पुडिया में बेचने वाले सब अगल-अलग हैं. इसलिए उनकी कड़ियां जोडना मुश्किल है.
2022 में गांजा बरामदगी की बड़ी कार्रवाई
8 जनवरी 2022 को पुलिस ने सैयां थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद 10 लोग गिरफ्तार करके कार और ट्रक से 800 किलोग्रमा गांजा बरामद किया था. 6 फरवरी 2022 को पुलिस ने आगरा दिल्ली हाईवे पर 4 लोग दबोचकर ट्रक में खाली बोतलों के नीचे दबा 805 किग्रा. गांजा बरामद किया था. 17 फरवरी 2022 को जीआरपी और आरपीएफ ने आगरा कैंट स्टेशन पर विशाखापत्तनम से ट्रॉली बैग में ले जा रहे 60 किग्रा गांजा बराकद करके 3 महिला और एक पुरुष गिरफ्तार किया था. 4 मार्च 2020 को आगरा पुलिस ने हरीपर्वत में लग्जरी कार से 28 किलोग्राम गांजा के साथ गिरफ्तार किया था. 4 अप्रैल 2022 को पुलिस ने 20 किलोग्राम गांजा के साथ दो तस्कर गिरफ्तार किए थे. 7 अप्रैल 2022 को पुलिस ने थाना एत्माउद्दौला पुलिस ने 472 किग्रा गांजा संग दो तस्कर और जीआरपी ने आगरा कैंट ने 40 किग्रा. गांजा के साथ चार तस्कर गिरफ्तार किए थे. 8 अप्रैल 2022 को एसटीएफ और पुलिस ने बाह थाना के गांव जरार में ट्रक में 12000 किग्रा के साथ तीन तस्कर दबोचे थे.
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