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हाईकोर्ट में दयालबाग के कब्जे पर सुनवाई आज, पुलिस-प्रशासन, ग्रामीणों और सत्संगियों की निगाहें टिकी

आगरा के दयालबाग के कब्जे के (Dayalbagh case) मामले की सुनवाई आज हाईकोर्ट में हैं. इस सुनवाई पर पुलिस-प्रशासन, ग्रामीणों और सत्संगियों की निगाहें टिकी हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 5, 2023, 10:27 AM IST

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आगराः ताजनगरी के बहुचर्चित दयालबाग प्रकरण (Dayalbagh case) में इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) में गुरुवार को सुनवाई होगी. आम रास्ता पर गेट लगाने और कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम पर राधा स्वामी सत्संग सभा से जुडे लोगों ने हमला किया था. पथराव और मारपीट हुआ था. इसमें पुलिसकर्मी, पत्रकार और सत्संगी भी चोटिल हो गए थे. इस पर राधा स्वामी सत्संग सभा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुलिस और प्रशासन के खिलाफ याचिका दायर की थी. इसे स्वीकार करके हाईकोर्ट ने पुलिस और प्रशासन को यथास्थित बनाए रखने और पांच अक्टूबर यानी गुरुवार की सुनवाई की तिथि दी थी. दयालबाग प्रकरण की हाईकोर्ट में सुनवाई पर पुलिस, प्रशासन, ग्रामीण और सत्संगियों की नजर टिकी हुई हैं.

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दयालबाग मामले की सुनवाई पर आज कई लोगों की निगाहें टिकी हैं.
बता दें कि, 23 सितंबर 2023 को जिला प्रशासन ने राधा स्वामी सत्संग सभा की ओर से आम रास्तों पर लगाए गए गेटों को ध्वस्त कर दिया था. इस पर राधा स्वामी सत्संग सभा ने फिर से गेट लगा लिए. इस पर 24 सितंबर 2023 को फिर से प्रशासनिक अधिकारी मय पुलिसबल के दयालबाग पहुंचे, जहां पर बवाल हो गया और जमकर पथराव भी हुआ. पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. पथराव और लाठीचार्ज में 12 से ज्यादा पुलिसकर्मी समेत 40 लोग घायल हो गए थे. हाईकोर्ट ने यथास्थित बनाने के दिए थे निर्देश पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में राधा स्वामी सत्संग सभा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. राधा स्वामी सत्संग सभा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. इस पर हाईकोर्ट ने पहले दो दिन और फिर बाद में आठ दिन का स्थगन आदेश देकर प्रशासनिक कार्रवाई पर रोक लगाई थी. राधा स्वामी सत्संग सभा ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में किसी भी सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं करने की जानकारी दी है. इसके साथ ही सत्संग सभा की ओर से 23 और 24 सितंबर को दयालबाग में हुए घटनाक्रम के फोटो भी लगाए गए हैं. 225 पेजों की है सत्संग सभा की याचिकाराधा स्वामी सत्संग सभा की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका 225 पेजों की है. जिसमें 14 सितंबर 1935 को वादी और सचिव गवर्मेंट आफ प्रोवेंसिस के बीच हुए एग्रीमेंट सन 1943 में हुईं पांच लीज डीड, 28 जुलाई 1992 को हुए आदेश, 31 मार्च 2012 को हुए आदेशों की कापी भी लगाई गई है. इसके साथ ही 19 सितंबर 2023 को तहसीलदार सदर की ओर से दिए गए नोटिस की कापी और उसमें दिए गए जवाब की कापी के अलावा संबंधित भूखंडों के राजस्व रिकार्ड को भी याचिका में शामिल किया गया है. याचिका में राजस्व टीम की ओर से ध्वस्त किए निर्माण, घटना, घायल सत्संगियों के चित्रों की प्रति भी लगाई है. ग्रामीणों की शिकायतें भी शामिल दयालबाग प्रकरण में प्रशासन ने कई अहम दस्तावेज जुटाएं हैं. जिन्हें लेकर तहसीलदार समेत अन्य कर्मचारी प्रयागराज पहुंच गए हैं. प्रशासन ने अपने पक्ष में ग्रामीणों की शिकायतों को भी शामिल किया है. लिखित शिकायतों का लेखा जोखा लेकर भी प्रशासनिक टीम प्रयागराज गई है. इस मामले में पुलिस की ओर से एक एसआई को भेजा गया है. जिससे सुनवाई के दौरान घटनाक्रम भी पुलिस को सही पता हो. सुनवाई पर टिकी सभी की निगाहेंइलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को दयालबाग प्रकरण की सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. प्रशासनिक से लेकर पुलिस और ग्रामीण भी न्यायालय का फैसला जानना चाहते हैं. तहसीलदार सदर ने बताया कि पूरी तैयारी के साथ गए हैं. प्रशासन की टीम हाईकोर्ट में सबूतों के आधार पर अपना पक्ष रखेगा. जिससे आम रास्तों पर हुए कब्जे को हटाया जा सके. ये भी पढ़ेंः दयालबाग में बवाल के बाद हाईकोर्ट पहुंचे सत्संगी, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, दो दिन टला ध्वस्तीकरण

ये भी पढ़ेंः Lathicharge in Agra : सत्संगियों पर पुलिस ने बरसाए डंडे, 20 से अधिक पुलिसकर्मी भी घायल, छतों से पत्थरबाजी

आगराः ताजनगरी के बहुचर्चित दयालबाग प्रकरण (Dayalbagh case) में इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) में गुरुवार को सुनवाई होगी. आम रास्ता पर गेट लगाने और कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम पर राधा स्वामी सत्संग सभा से जुडे लोगों ने हमला किया था. पथराव और मारपीट हुआ था. इसमें पुलिसकर्मी, पत्रकार और सत्संगी भी चोटिल हो गए थे. इस पर राधा स्वामी सत्संग सभा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुलिस और प्रशासन के खिलाफ याचिका दायर की थी. इसे स्वीकार करके हाईकोर्ट ने पुलिस और प्रशासन को यथास्थित बनाए रखने और पांच अक्टूबर यानी गुरुवार की सुनवाई की तिथि दी थी. दयालबाग प्रकरण की हाईकोर्ट में सुनवाई पर पुलिस, प्रशासन, ग्रामीण और सत्संगियों की नजर टिकी हुई हैं.

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दयालबाग मामले की सुनवाई पर आज कई लोगों की निगाहें टिकी हैं.
बता दें कि, 23 सितंबर 2023 को जिला प्रशासन ने राधा स्वामी सत्संग सभा की ओर से आम रास्तों पर लगाए गए गेटों को ध्वस्त कर दिया था. इस पर राधा स्वामी सत्संग सभा ने फिर से गेट लगा लिए. इस पर 24 सितंबर 2023 को फिर से प्रशासनिक अधिकारी मय पुलिसबल के दयालबाग पहुंचे, जहां पर बवाल हो गया और जमकर पथराव भी हुआ. पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. पथराव और लाठीचार्ज में 12 से ज्यादा पुलिसकर्मी समेत 40 लोग घायल हो गए थे. हाईकोर्ट ने यथास्थित बनाने के दिए थे निर्देश पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में राधा स्वामी सत्संग सभा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. राधा स्वामी सत्संग सभा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. इस पर हाईकोर्ट ने पहले दो दिन और फिर बाद में आठ दिन का स्थगन आदेश देकर प्रशासनिक कार्रवाई पर रोक लगाई थी. राधा स्वामी सत्संग सभा ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में किसी भी सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं करने की जानकारी दी है. इसके साथ ही सत्संग सभा की ओर से 23 और 24 सितंबर को दयालबाग में हुए घटनाक्रम के फोटो भी लगाए गए हैं. 225 पेजों की है सत्संग सभा की याचिकाराधा स्वामी सत्संग सभा की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका 225 पेजों की है. जिसमें 14 सितंबर 1935 को वादी और सचिव गवर्मेंट आफ प्रोवेंसिस के बीच हुए एग्रीमेंट सन 1943 में हुईं पांच लीज डीड, 28 जुलाई 1992 को हुए आदेश, 31 मार्च 2012 को हुए आदेशों की कापी भी लगाई गई है. इसके साथ ही 19 सितंबर 2023 को तहसीलदार सदर की ओर से दिए गए नोटिस की कापी और उसमें दिए गए जवाब की कापी के अलावा संबंधित भूखंडों के राजस्व रिकार्ड को भी याचिका में शामिल किया गया है. याचिका में राजस्व टीम की ओर से ध्वस्त किए निर्माण, घटना, घायल सत्संगियों के चित्रों की प्रति भी लगाई है. ग्रामीणों की शिकायतें भी शामिल दयालबाग प्रकरण में प्रशासन ने कई अहम दस्तावेज जुटाएं हैं. जिन्हें लेकर तहसीलदार समेत अन्य कर्मचारी प्रयागराज पहुंच गए हैं. प्रशासन ने अपने पक्ष में ग्रामीणों की शिकायतों को भी शामिल किया है. लिखित शिकायतों का लेखा जोखा लेकर भी प्रशासनिक टीम प्रयागराज गई है. इस मामले में पुलिस की ओर से एक एसआई को भेजा गया है. जिससे सुनवाई के दौरान घटनाक्रम भी पुलिस को सही पता हो. सुनवाई पर टिकी सभी की निगाहेंइलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को दयालबाग प्रकरण की सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. प्रशासनिक से लेकर पुलिस और ग्रामीण भी न्यायालय का फैसला जानना चाहते हैं. तहसीलदार सदर ने बताया कि पूरी तैयारी के साथ गए हैं. प्रशासन की टीम हाईकोर्ट में सबूतों के आधार पर अपना पक्ष रखेगा. जिससे आम रास्तों पर हुए कब्जे को हटाया जा सके. ये भी पढ़ेंः दयालबाग में बवाल के बाद हाईकोर्ट पहुंचे सत्संगी, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, दो दिन टला ध्वस्तीकरण

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