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सोसायटियों पर गेहूं रखने की नहीं जगह, खरीद न होने से किसान परेशान

आगरा में किसान अपनी गेहूं की फसल को बेचने के लिए परेशान है. किसानों को अपनी गेहूं की फसल बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को सोसायटियों से गेहूं बेचने के लिए टोकन दे दिए गए हैं. लेकिन किसानों को इंतजार करना पड़ा रहा है. वहीं सोसायटी कर्मियों का कहना है कि उनके पास खरीदे गए गेहूं को रखने की जगह नहीं है.

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Published : Apr 23, 2021, 4:24 AM IST

आगरा: जिले में वैश्विक महामारी कोरोना का कहर लगातार जारी है. वहीं किसान अपनी गेहूं की फसल को बेचने के लिए परेशान है. जगनेर क्षेत्र में किसानों को अपनी गेहूं की फसल बेचने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को सोसायटियों से गेहूं बेचने के लिए टोकन दे दिए गए हैं. जिसके लिए उन्हें काफी समय का इंतजार करना पड़ा रहा है. सोसायटी कर्मियों का कहना है कि उनके पास खरीदे गए गेहूं को रखने की जगह नहीं है, तो वे कैसे गेहूं की खरीददारी करें.

पंद्रह दिन में 1357 कुंतल की हुई खरीदारी

तांतपुर स्थित होलीपुरा जोगीपुरा साधन सहकारी समिति पर एफसीआई का गेहूं खरीद केंद्र है. जिस पर सात अप्रैल से बीस अप्रैल तक 1357 कुंतल गेहूं की खरीदारी हो चुकी है. गेहूं खरीद केंद्र पर गेहूं रखने के लिए अब जगह नहीं बची है, जिसके कारण बीते दो दिनों से गेहूं की खरीदारी नहीं हो पाई है.

चार गाड़ी का माल हुआ रिजेक्ट

गेहूं खरीद केंद्र के प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि 17 अप्रैल को गेहूं से भरी हुई दो गाड़ियां आगरा गोदाम से लौटा दी गई. आज दो गाड़ी के लौटाने की जानकारी मिल रही है. अब ऐसे में वे खरीदे गए गेहूं को रखने के लिए कहा ले जाएं.

एक गाड़ी लौटाने पर होता हजारों का नुकसान

केंद्र प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि केंद्र से एक गाड़ी गेंहू की भेजने पर करीब नौ हजार रुपए का भाड़ा बनता है, और वापसी का करीब पांच हजार. जिससे एक गाड़ी लौटाने पर करीब पंद्रह हजार का नुकसान होता है.

इसे भी पढ़ें-जबरदस्त भिड़ंत के बाद ट्रक में लगी भीषण आग, चालक की झुलसने से मौत

खराब गेहूं बताकर लौटा रहे
सचिव श्रीकेश गौड़ ने बताया कि केंद्र से गेहूं भरकर ले जा रही गाड़ियों को आगरा से यह कहकर लौटाया जा रहा है कि गेंहू की क्वालिटी सही नहीं है. वे मानक के अनुरूप ही गेहूं को लेंगे.

केंद्रों पर किसानों से झगड़े की बनती है संभावनाएं
सोसायटी कर्मियों का कहना है कि जब वे गेहूं की क्वालिटी सही नहीं होने की बात किसानों से करते है तो किसान आक्रोशित हो उठते हैं और झगड़ा करने पर आमदा हो उठते हैं. किसानों का कहना है कि प्राकृतिक आपदा बारिश और हवा के कारण गेहूं हल्का पतला हो गया है. ये उन्होंने जानबूझकर तो किया नहीं है. होलीपुरा जोगीपुरा साधन सहकारी समिति पर गेहूं की बिक्री के लिए 86 किसान लाइन में लगे हुए हैं.

केंद्र प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि अब वे करें तो क्या करें. ऊपर से गेहूं को लौटाया जा रहा है और केंद्र पर गेहूं रखने के लिए जगह नहीं है. किसान लगातार फोन करके परेशान कर रहे हैं.

आगरा: जिले में वैश्विक महामारी कोरोना का कहर लगातार जारी है. वहीं किसान अपनी गेहूं की फसल को बेचने के लिए परेशान है. जगनेर क्षेत्र में किसानों को अपनी गेहूं की फसल बेचने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को सोसायटियों से गेहूं बेचने के लिए टोकन दे दिए गए हैं. जिसके लिए उन्हें काफी समय का इंतजार करना पड़ा रहा है. सोसायटी कर्मियों का कहना है कि उनके पास खरीदे गए गेहूं को रखने की जगह नहीं है, तो वे कैसे गेहूं की खरीददारी करें.

पंद्रह दिन में 1357 कुंतल की हुई खरीदारी

तांतपुर स्थित होलीपुरा जोगीपुरा साधन सहकारी समिति पर एफसीआई का गेहूं खरीद केंद्र है. जिस पर सात अप्रैल से बीस अप्रैल तक 1357 कुंतल गेहूं की खरीदारी हो चुकी है. गेहूं खरीद केंद्र पर गेहूं रखने के लिए अब जगह नहीं बची है, जिसके कारण बीते दो दिनों से गेहूं की खरीदारी नहीं हो पाई है.

चार गाड़ी का माल हुआ रिजेक्ट

गेहूं खरीद केंद्र के प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि 17 अप्रैल को गेहूं से भरी हुई दो गाड़ियां आगरा गोदाम से लौटा दी गई. आज दो गाड़ी के लौटाने की जानकारी मिल रही है. अब ऐसे में वे खरीदे गए गेहूं को रखने के लिए कहा ले जाएं.

एक गाड़ी लौटाने पर होता हजारों का नुकसान

केंद्र प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि केंद्र से एक गाड़ी गेंहू की भेजने पर करीब नौ हजार रुपए का भाड़ा बनता है, और वापसी का करीब पांच हजार. जिससे एक गाड़ी लौटाने पर करीब पंद्रह हजार का नुकसान होता है.

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खराब गेहूं बताकर लौटा रहे
सचिव श्रीकेश गौड़ ने बताया कि केंद्र से गेहूं भरकर ले जा रही गाड़ियों को आगरा से यह कहकर लौटाया जा रहा है कि गेंहू की क्वालिटी सही नहीं है. वे मानक के अनुरूप ही गेहूं को लेंगे.

केंद्रों पर किसानों से झगड़े की बनती है संभावनाएं
सोसायटी कर्मियों का कहना है कि जब वे गेहूं की क्वालिटी सही नहीं होने की बात किसानों से करते है तो किसान आक्रोशित हो उठते हैं और झगड़ा करने पर आमदा हो उठते हैं. किसानों का कहना है कि प्राकृतिक आपदा बारिश और हवा के कारण गेहूं हल्का पतला हो गया है. ये उन्होंने जानबूझकर तो किया नहीं है. होलीपुरा जोगीपुरा साधन सहकारी समिति पर गेहूं की बिक्री के लिए 86 किसान लाइन में लगे हुए हैं.

केंद्र प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि अब वे करें तो क्या करें. ऊपर से गेहूं को लौटाया जा रहा है और केंद्र पर गेहूं रखने के लिए जगह नहीं है. किसान लगातार फोन करके परेशान कर रहे हैं.

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