आगरा: जिले के पिनाहट ब्लॉक के अंतर्गत गांव देवगढ़ रामनगर के पास शुक्रवार को अचानक चंबल नहर का माइनर फूट गया, जिस कारण किसानों की करीब 60 बीघा फसल जलमग्न होकर हो गई. किसानों ने नहर कार्यालय पर पहुंचकर मामले से अवगत कराया. किसानों की समस्या को देखते हुए चंबल नहर को बंद कर फूटे हुए माइनर को ठीक किया गया. नुकसान को लेकर किसानों ने मुआवजे की गुहार लगाई है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, पिनाहट कस्बा से सटी चंबल नदी से निकली चंबल डाल नहर परियोजना से इटावा के बॉर्डर तक किसानों की हजारों हेक्टेयर बीघा फसल की सिंचाई की जाती है. पिछले साल चंबल में आई भयंकर बाढ़ के कारण नहर की इमारत पानी में डूब जाने से इमारत में लगी नहर की मशीनें जंग लगकर खराब हो गईं, जिस कारण नहर नहीं चालू होने से किसानों की समस्या गहरा गई थी. शासन से स्वीकृत 20 करोड़ की लागत से नई मशीनों को चंबल नहर की इमारत में शिफ्टिंग किया गया.
वहीं गुरुवार की शाम को नई मशीनों के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री अरिदमन सिंह ने हरी झंडी दिखाकर नहर को चालू को दोबारा चालू कराया. गुरुवार को नहर चालू हुई, तो किसानों के चेहरे पर खुशी दौड़ गई, लेकिन शुक्रवार को चंबल नहर का माइनर देवगढ़ रामनगर के पास फूट गया, जिस कारण किसानों की करीब 60 बीघा सरसों और गेहूं(बोवाई) की फसल जलमग्न हो गई.
किसानों के खेत लबालब
इसकी सूचना तत्काल नहर विभाग के कर्मचारियों को दी गई. काफी घंटे तक कोई मौके पर नहीं पहुंचा, तो एकत्रित ग्रामीण नहर विभाग कार्यालय पहुंचे और मामले से अवगत कराया, जिस पर किसानों की समस्या को देखते हुए नहर विभाग कर्मचारियों ने नहर को बंद कर फूटे हुए माइनर को ठीक कराया. खेतों में भरे पानी से खराब फसल को लेकर किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.
माइनर सफाई को लेकर उठाए सवाल
चंबल नहर का माइनर अचानक फूट जाने से किसानों के खेतों में बोई हुई फसल जलमग्न होकर खराब हो गई. किसानों का आरोप है कि कई साल बाद नहर माइनर की सफाई हुई, मगर सफाई ठीक से नहीं हुई, जिसके कारण माइनर फूट गया. किसानों ने नहर सफाई को लेकर आला अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
किसानों की फसल हुई जलमग्न
चंबल नहर का माइनर फूटने से किसान हरिओम शर्मा, राजेश बघेल, सुरेश, अशोक, मोहन, रामनिवास शर्मा की करीब 60 बीघा गेहूं और सरसों की बोई हुई फसल जलमग्न होकर खराब हो गई. किसानों ने मुआवजे की गुहार लगाई है.