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आगरा में फूटी चंबल नहर, आलू और गेहूं की सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद

उत्तर प्रदेश के आगरा में चंबल नहर के टूटने से ग्रामीणों का गुस्सा सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर फूटा. किसानों का आरोप है कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते ही उनकी फसल खराब हुई है.

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चंबल नहर के टूटने से अधिकारियों पर फूटा किसानों का गुस्सा.
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Published : Feb 3, 2020, 9:54 AM IST

आगरा: ग्राम पंचायत रजौरा में चंबल नहर के टूटने से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से सैकड़ों बीघा आलू और गेहूं की फसल जलमग्न हो गई है. किसानों का कहना है कि पहले बेमौसम बारिश से नुकसान हुआ तो अब सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से उनकी फसल खराब हो गई. मामले की कई बार शिकायत करने के बाद भी नहर को पूरी तरह से ठीक नहीं किया गया है.

चंबल नहर के टूटने से अधिकारियों पर फूटा किसानों का गुस्सा.
किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते ही उनकी महीनों की मेहनत बेकार गई है. अब वे दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले चंबल नहर टूट गई थी. इस दौरान ग्रामीणों ने खुद ही नहर के माइनर को बंद किया था.
सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नहर टूटने की बात पता थी, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने इसकी मरम्मत नहीं करवाई. तीन महीने में चौथी बार नहर टूटी है. इसमें हमारी आलू और गेहूं की सैकड़ों बीघा फसल नहर के पानी से जलमग्न होकर खराब हो गई है.
विजय सिंह वर्मा, किसान

हम अपनी पीड़ा विभाग के अधिकारियों के साथ एसडीएम और डीएम से साझा कर चुके हैं. मगर कोई समाधान नहीं हुआ. न ही कोई अधिकारी अभी तक गांव के हालात देखने पहुंचा है.
हरिओम, किसान

आगरा: ग्राम पंचायत रजौरा में चंबल नहर के टूटने से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से सैकड़ों बीघा आलू और गेहूं की फसल जलमग्न हो गई है. किसानों का कहना है कि पहले बेमौसम बारिश से नुकसान हुआ तो अब सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से उनकी फसल खराब हो गई. मामले की कई बार शिकायत करने के बाद भी नहर को पूरी तरह से ठीक नहीं किया गया है.

चंबल नहर के टूटने से अधिकारियों पर फूटा किसानों का गुस्सा.
किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते ही उनकी महीनों की मेहनत बेकार गई है. अब वे दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले चंबल नहर टूट गई थी. इस दौरान ग्रामीणों ने खुद ही नहर के माइनर को बंद किया था.
सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नहर टूटने की बात पता थी, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने इसकी मरम्मत नहीं करवाई. तीन महीने में चौथी बार नहर टूटी है. इसमें हमारी आलू और गेहूं की सैकड़ों बीघा फसल नहर के पानी से जलमग्न होकर खराब हो गई है.
विजय सिंह वर्मा, किसान

हम अपनी पीड़ा विभाग के अधिकारियों के साथ एसडीएम और डीएम से साझा कर चुके हैं. मगर कोई समाधान नहीं हुआ. न ही कोई अधिकारी अभी तक गांव के हालात देखने पहुंचा है.
हरिओम, किसान

Intro:आगरा।
जिले में ब्लॉक पिनाहट की ग्राम पंचायत रजौरा में स्थित गांव गजोर के पास से चंबल नहर फूट गई है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से सैकड़ों बीघा आलू और गेंहू की फसल जलमग्न हो गई है। किसानों का कहना है कि, पहले बेमौसम बारिश ने नुकसान हुआ और अब सिंचाई विभाग कर्मचारियों पर लापरवाही से फसल खराब हो गई है। कई बार शिकायत की, लेकिन नहर को पूरी तरह ठीक नहीं किया गया। जिसके कारण एक बार चंबल नहर फिर फूट गई। कुछ दिनों पूर्व भी इसी जगह चंबल नहर टूट गई थी, जिसे ग्रामीणों ने खुद ही नहर के माइनर को बंद किया था और माइनर के पानी को मिट्टी डालकर रोका था।

Body:किसानों का आरोप है कि, सिंचाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी जानकारी दी। मगर कोई मौके पर नहीं पहुंचा। इस बारे में अब शिकायत जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों से की गई। इसके बाद सिंचाई विभाग के कुछ कर्मचारी आऐ और मिट्टी की बोरियां रखकर चले गए। नहर विभाग के कर्मचारियों ने उसे बिल्कुल पूरी तरह से ठीक नहीं किया था । इसी के चलते एक बार फिर चंबल नहर टूट गई और जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
किसान विजय सिंह वर्मा ने बताया कि, तीन माह में चौथी बार नहर टूटी है। इसमें किसानों की आलू और गेहूं की सैकड़ों बीघा फसल नहर के पानी से जलमग्न होकर खराब हो गई है।

किसान हरिओम ने बताया कि, किसान अपनी पीड़ा विभाग के अधिकारियों के साथ ही एसडीएम और डीएम से भी साझा कर चुके हैं। मगर कोई सामाधान नहीं हुआ। न ही, कोई अधिकारी अभी तक गांव में मौके पर देखने भी नहीं आया है। नहर को सही तरह से नहीं रोका गया तो फसल तो बर्बाद हुई हैं। गांव और घरों में भी पानी भर जाएगा। किसानों में नहर विभाग की लापरवाही पर रोष व्याप्त है।


Conclusion:आलू और गेहूं की खड़ी फसल में पानी भरने से किसानों का नुकसान हुआ है। इस वजह से किसानों में आक्रोश है। लगातार शिकायत करने के बाद भी नहर को दुरुस्त नहीं किया जा रहा है।
।।।।।
पहली बाइट। विजय सिंह वर्मा किसान

दूसरी बाइट। हरिओम किसान

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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