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आगरा: बाजरा की बाली में लगी गिडार, बारिश न होने से किसानों पर दोहरी मार

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Published : Sep 28, 2020, 3:34 PM IST

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले मे बारिश न होने से किसान काफी परेशान हैं. यहां बाजरा की फसल में फॉल आर्मी वर्म लग गया है, जिससे किसानों की बाजरा की फसल बर्बाद हो गई है. वहीं अब किसान बाजरा की फसल में पानी देने को मजबूर हैं, ताकि कम से कम चारा तो मिल सके.

कीट लगने से किसानों की फसल बर्बाद.
कीट लगने से किसानों की फसल बर्बाद.

आगरा: जिले में अन्नदाता दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं. पहले इंद्रदेव के रूठने से जिले में बारिश कम हुई, जिससे अब खेतों में खड़ी बाजरा की फसल सूख रही है. वहीं बारिश की कमी से बाजरा की बाली में फॉल आर्मी वर्म लग गया, जो बाजरा की फसल चौपट कर रहा है. मजबूरन किसान बाजरा की फसल में पानी लगाने को मजबूर हैं, जिससे किसानों की जेब खाली हो रही है. इससे किसान परेशान हैं. किसानों को अब बस यही उम्मीद है कि बाजरा की फसल में पानी लगाने से पशुओं के लिए चारा मिल जाएगा, यही बहुत है.

आगरा में करीब सवा लाख हेक्टेयर रकबा में बाजरा की फसल है. जिले में बाजरा की बुवाई 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच में हुई. मानसून देरी आने के कारण पहले बाजरा की बुवाई हुई. अब हाल में बारिश नहीं होने से खेतों में खड़ी बाजरे की फसल सूख रही है. अब बाजरा की बालियों में फूल आ रहा और दाना बनने लगा है. मगर बारिश कम होने से बालियों में गिडार लग गई है. अंग्रेजी में इस गिडार या सूड़ी को फॉल आर्मीवर्म कहते हैं. यह बाजरे की बालियों और दाना को खत्म कर रही है, इससे किसान परेशान हैं.

उधार की रकम से काम
गांव समोगर के किसान सुभाष का कहना है कि बिजली आ नहीं रही है. बाजरा सूख रहे हैं. उधार रुपये से डीजल पंपसेट को बना रहा हूं, जिससे बाजरा की फसल में पानी लगाया जा सके. तीन घंटे में एक बीघा खेत में पानी लगेगा. इससे कुछ तो बाजरा हो जाएगा, जिससे कम से कम पशुओं के लिए चारा और दाना तो हो जाएगा.

कीट लगने से किसानों की फसल बर्बाद.

डीजल खर्च बढ़ गया
किसान एवरन सिंह यादव का कहना है कि पिछले साल बारिश सही हुई थी. इसलिए बाजरा में एक भी पानी नहीं देना पड़ा था और एक बीघा में 15 से 16 मन बाजरा हो गया था. इस बार उम्मीद चार से पांच मन की ही लग रही है. मैंने डीजल पंप सेट से बाजरा की फसल में पानी दिया है, जिससे पक्के एक बीघा में 15 से 16 लीटर डीजल खर्च हुआ है.

शरीर पर बन रहे फफोले
किसान छोटे लाल का कहना है कि बाजरा की फसल में यह गिडार कम बारिश होने की वजह से लगी है. यह बाजरा का दाना खत्म कर रही है. जब किसान बाजरा की फसल में पानी लगा रहा होता है तो यह ऊपर से टपकती है. इससे किसान के शरीर पर फफोले बन जाते हैं. खुजली हो जाती है.

पशुओं के चारे की हो जाएगी व्यवस्था
किसान कोमल सिंह का कहना है कि बारिश नहीं होने से बहुत समस्याएं किसान के सामने खड़ी हो गई हैं. बाजरे की फसल में पानी देना पड़ रहा है और बिजली बहुत कम आ रही है. इस थोड़ी बहुत फसल में ही पानी लग जाएगा. बाकी की यूं ही सूख जाएगी. पानी देने से कम से कम पशुओं के लिए चारा तो हो जाएगा. वैसे बाजरा नहीं होगा, लेकिन सर्दियों के लिए चारा हो जाएगा.

बाजरा की फसल में लगे फॉल आर्मी वर्म को लेकर किसान अपनी पीड़ा जिला प्रशासन से साझा कर चुके हैं. किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर सीएम के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन भी दिया है, लेकिन किसानों को न अभी भरपूर बिजली मिल रही है और न ही जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी ठोस आश्वासन.

आगरा: जिले में अन्नदाता दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं. पहले इंद्रदेव के रूठने से जिले में बारिश कम हुई, जिससे अब खेतों में खड़ी बाजरा की फसल सूख रही है. वहीं बारिश की कमी से बाजरा की बाली में फॉल आर्मी वर्म लग गया, जो बाजरा की फसल चौपट कर रहा है. मजबूरन किसान बाजरा की फसल में पानी लगाने को मजबूर हैं, जिससे किसानों की जेब खाली हो रही है. इससे किसान परेशान हैं. किसानों को अब बस यही उम्मीद है कि बाजरा की फसल में पानी लगाने से पशुओं के लिए चारा मिल जाएगा, यही बहुत है.

आगरा में करीब सवा लाख हेक्टेयर रकबा में बाजरा की फसल है. जिले में बाजरा की बुवाई 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच में हुई. मानसून देरी आने के कारण पहले बाजरा की बुवाई हुई. अब हाल में बारिश नहीं होने से खेतों में खड़ी बाजरे की फसल सूख रही है. अब बाजरा की बालियों में फूल आ रहा और दाना बनने लगा है. मगर बारिश कम होने से बालियों में गिडार लग गई है. अंग्रेजी में इस गिडार या सूड़ी को फॉल आर्मीवर्म कहते हैं. यह बाजरे की बालियों और दाना को खत्म कर रही है, इससे किसान परेशान हैं.

उधार की रकम से काम
गांव समोगर के किसान सुभाष का कहना है कि बिजली आ नहीं रही है. बाजरा सूख रहे हैं. उधार रुपये से डीजल पंपसेट को बना रहा हूं, जिससे बाजरा की फसल में पानी लगाया जा सके. तीन घंटे में एक बीघा खेत में पानी लगेगा. इससे कुछ तो बाजरा हो जाएगा, जिससे कम से कम पशुओं के लिए चारा और दाना तो हो जाएगा.

कीट लगने से किसानों की फसल बर्बाद.

डीजल खर्च बढ़ गया
किसान एवरन सिंह यादव का कहना है कि पिछले साल बारिश सही हुई थी. इसलिए बाजरा में एक भी पानी नहीं देना पड़ा था और एक बीघा में 15 से 16 मन बाजरा हो गया था. इस बार उम्मीद चार से पांच मन की ही लग रही है. मैंने डीजल पंप सेट से बाजरा की फसल में पानी दिया है, जिससे पक्के एक बीघा में 15 से 16 लीटर डीजल खर्च हुआ है.

शरीर पर बन रहे फफोले
किसान छोटे लाल का कहना है कि बाजरा की फसल में यह गिडार कम बारिश होने की वजह से लगी है. यह बाजरा का दाना खत्म कर रही है. जब किसान बाजरा की फसल में पानी लगा रहा होता है तो यह ऊपर से टपकती है. इससे किसान के शरीर पर फफोले बन जाते हैं. खुजली हो जाती है.

पशुओं के चारे की हो जाएगी व्यवस्था
किसान कोमल सिंह का कहना है कि बारिश नहीं होने से बहुत समस्याएं किसान के सामने खड़ी हो गई हैं. बाजरे की फसल में पानी देना पड़ रहा है और बिजली बहुत कम आ रही है. इस थोड़ी बहुत फसल में ही पानी लग जाएगा. बाकी की यूं ही सूख जाएगी. पानी देने से कम से कम पशुओं के लिए चारा तो हो जाएगा. वैसे बाजरा नहीं होगा, लेकिन सर्दियों के लिए चारा हो जाएगा.

बाजरा की फसल में लगे फॉल आर्मी वर्म को लेकर किसान अपनी पीड़ा जिला प्रशासन से साझा कर चुके हैं. किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर सीएम के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन भी दिया है, लेकिन किसानों को न अभी भरपूर बिजली मिल रही है और न ही जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी ठोस आश्वासन.

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