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आगरा: हाईटेक हुआ बिजली विभाग, उपभोक्ता नहीं रहेंगे परेशान - बिजली कनेक्शन

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं को सुविधा देने के लिए नई शुरूआत की है. अब मैनुअल रसीदों की जगह ऑनलाइन रसीदें दी जाएंगी, इससे भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी.

बिजली विभाग की नई शुरुआत.
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Published : Jul 5, 2019, 9:22 AM IST

आगरा: उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रहा है. जिसके तहत विभाग ने उपभोक्ताओं की परेशानी को देखते हुए बिजली कनेक्शन की ऑनलाइन व्यवस्था की है. विभाग ने अब मैनुअल रसीदों की जगह ऑनलाइन रसीद बनाने की शुरुआत की है.

बिजली विभाग की नई शुरूआत

  • बिजली विभाग ने डिजिटल इंडिया के तहत मैनुअल रसीद की जगह ऑनलाइन रसीद बनाने की शुरुआत की है.

  • इससे उपभोक्ताओं को फायदा होने के साथ भ्रष्टाचार और घोटाले पर भी लगाम लगेगी.
  • अभी तक समन शुल्क, राजश्व निर्धारण और नए आवेदन के लिए मैनुअली रसीद काटी जाती थी.
  • एक जुलाई से विभाग में मैनुअल रसीद की जगह ऑनलाइन रसीद बनाई जा रही है.
    बिजली विभाग की नई शुरुआत.

इस नई शुरूआत से उपभोक्ताओं को कनेक्शन लेने के लिए कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं. ऑनलाइन कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं को पहले संदेश के जरिए यह जानकारी दी जाती है कि कितना शुल्क जमा कराना है. उपभोक्ताओं को फिर दूसरा संदेश दिया जाता है कि उपभोक्ता कब घर पर मौजूद हैं, जिससे बिजली विभाग कर्मचारी के घर जाने पर बिजली कनेक्शन और मीटर समेत अन्य तमाम कार्य पूरे किए जा सकें.

रसीदों की बाद में ऑनलाइन एंट्री करने पर तमाम अनियमितताएं सामने आती थीं. बहुत सी रसीदों की एंट्री छूट जाती थी. एक जुलाई से यह प्रभावी रूप से पूरे प्रदेश में विभाग की ओर से लागू की गई है.
-एस के वर्मा, एमडी, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम

आगरा: उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रहा है. जिसके तहत विभाग ने उपभोक्ताओं की परेशानी को देखते हुए बिजली कनेक्शन की ऑनलाइन व्यवस्था की है. विभाग ने अब मैनुअल रसीदों की जगह ऑनलाइन रसीद बनाने की शुरुआत की है.

बिजली विभाग की नई शुरूआत

  • बिजली विभाग ने डिजिटल इंडिया के तहत मैनुअल रसीद की जगह ऑनलाइन रसीद बनाने की शुरुआत की है.

  • इससे उपभोक्ताओं को फायदा होने के साथ भ्रष्टाचार और घोटाले पर भी लगाम लगेगी.
  • अभी तक समन शुल्क, राजश्व निर्धारण और नए आवेदन के लिए मैनुअली रसीद काटी जाती थी.
  • एक जुलाई से विभाग में मैनुअल रसीद की जगह ऑनलाइन रसीद बनाई जा रही है.
    बिजली विभाग की नई शुरुआत.

इस नई शुरूआत से उपभोक्ताओं को कनेक्शन लेने के लिए कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं. ऑनलाइन कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं को पहले संदेश के जरिए यह जानकारी दी जाती है कि कितना शुल्क जमा कराना है. उपभोक्ताओं को फिर दूसरा संदेश दिया जाता है कि उपभोक्ता कब घर पर मौजूद हैं, जिससे बिजली विभाग कर्मचारी के घर जाने पर बिजली कनेक्शन और मीटर समेत अन्य तमाम कार्य पूरे किए जा सकें.

रसीदों की बाद में ऑनलाइन एंट्री करने पर तमाम अनियमितताएं सामने आती थीं. बहुत सी रसीदों की एंट्री छूट जाती थी. एक जुलाई से यह प्रभावी रूप से पूरे प्रदेश में विभाग की ओर से लागू की गई है.
-एस के वर्मा, एमडी, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम

Intro:आगरा.
प्रदेश में बिजली विभाग डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रहा है. पहले विभाग ने उपभोक्ताओं की परेशानी को देख करके बिजली कनेक्शन की ऑनलाइन व्यवस्था की. और अब मैनुअल रसीदों की जगह ऑनलाइन रसीद बनाने की शुरुआत की है. विभाग का तर्क है कि मैनुअल रसीद बनाने से कई बार उनकी एंट्री नहीं हो पाती थी. इससे भ्रष्टाचार और घोटाले की संभावना बनी रहती थी. इसलिए बिजली विभाग ने अब हर काम ऑनलाइन शुरू कर दिया है. जिससे जहां उपभोक्ताओं को फायदा होगा. वहीं, भ्रष्टाचार और घोटाले पर भी लगाम लगेगी.


Body:दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी एसके वर्मा ने बताया कि एक जुलाई से विभाग में मैनुअल रसीद की जगह ऑनलाइन रसीद बनाई जा रही है. अभी तक यह था कि समन शुल्क, राजश्व निर्धारण और नए आवेदन के लिए मैनुअली रसीद काटी जाती थी. इन रसीदों की बाद में ऑनलाइन एंट्री की जाती थी. इसमें तमाम अनियमितताएं सामने आती थीं. बहुत सी रसीदों की एंट्री छूट जाती थी. एक जुलाई से यह प्रभावी रूप से पूरे प्रदेश में विभाग की ओर से लागू की गई है. जिससे उपभोक्ता को नया कनेक्शन लेने के लिए विभाग की वेबसाइट पर जाकर के नए कनेक्शन के लिए पंजीकरण कराएगा या झटपट कनेक्शन योजना में पंजीकरण कराएगा. उपभोक्ता को कनेक्शन शुल्क को भी आरटीजीएस के माध्यम से ऑनलाइन ही जमा करना होगा.

पहले उपभोक्ताओं को ऑनलाइन कनेक्शन के लिए झटपट कनेक्शन योजना शुरू गई. इससे उपभोक्ताओं को कनेक्शन लेने के लिए कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं. ऑनलाइन कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं को पहले मैसेज के जरिए यह जानकारी दी जाती है कि कितना शुल्क जमा कराना है. उपभोक्ताओं को फिर दूसरा मैसेज यह किया जाता है कि, उपभोक्ता कब घर पर मौजूद हैं. जिससे बिजली विभाग का कर्मचारी जाए तो बिजली कनेक्शन और मीटर समेत अन्य तमाम कार्य पूरे किए जाएं. क्योंकि, कई कई बार ऐसा देखा गया है कि उपभोक्ता ऑनलाइन आवेदन कर देते हैं. ऑनलाइन फीस भी जमा कर देते हैं. लेकिन जब बिजली विभाग के अधिकारी या कर्मचारी कनेक्शन करने और मीटर लगाने के लिए घर पहुंचते हैं तो उपभोक्ता नहीं मिलता है. इसलिए उपभोक्ता की उपलब्धता को देखते हुए विभाग मैसेज से उनसे संपर्क करता है और पता करता है कि कि वह कब घर पर मौजूद होंगे. उसी समय ही कनेक्शन और मीटर लगाया जाए.

दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी एसके वर्मा ने बताया कि विभाग में अभी हाथ मैनुअल रशीद बनाई जाती थी. लेकिन अब इसे भी ऑनलाइन कर दिया गया है. कई बार यह शिकायतें आती थी.कि, मैनुअल बनाई गई रसीदों से घपला होने की शिकायत आती थीं. तमाम शिकायत जांच में सच मिलती थी. इसे देखते हुए विभाग में अब ऑनलाइन कनेक्शन के साथ ही मैनुअल रसीदों को भी ऑनलाइन करने का कदम उठाया है. और एक जुलाई से यह काम दक्षिणांचल में शुरू हो गया है. अब किसी भी उपभोक्ता को ना मैनुअल रसीद दी जाएगी. ना ही किसी को ऑनलाइन पंजीकरण कराने पर ही ऑनलाइन ही शुल्क जमा कर सकते हैं. विभाग की ओर से व्यवस्था की गई है. फिर चाहे नया कनेक्शन हो, कनेक्शन का आभार बढ़ाना समेत अन्य तमाम कार्य अब पोर्टल पर ऑनलाइन देखेंगे.


Conclusion:उपभोक्ताओं को सुविधा देने के लिए और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए बिजली विभाग डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रहा है. इसी कड़ी में विभाग में ऑनलाइन कनेक्शन पंजीकरण, ऑनलाइन बिल के बाद अब ऑनलाइन रसीद की व्यवस्था शुरू की है. विभाग का दावा है कि, इससे उपभोक्ताओं को जहां सुविधा मिलेगी. वहीं, भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाई जा सकेगी.

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दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी इंजीनियर एसके वर्मा की बाइट.

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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