आगरा: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से ताजमहल में एयरपोर्ट की तर्ज पर अंडरवाटर सेविंग की जा रही है. पहले ताजमहल परिसर में बारिश के पानी को एक कुएं और बाबड़ी में स्टोरेज किया जाने का काम किया गया. अब एक पहल के तहत 'ड्रिंकिंग वाटर' की सेविंग की जा रही है. टोटियों से पीने के पानी की अधिक बर्बादी होती थी. इसलिए अब ताजमहल परिसर में वाटर सेविंग के लिए एएसआई की ओर से 'ड्रिंकिंग वाटर फाउंटेन' लगाए गए हैं. इस पर एएसआई की ओर से करीब 28 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं. यह 'ड्रिंकिंग वाटर फाउंटेन' पर्यटकों को भी खूब पसंद आ रहे हैं.
इनोवेशन की हर जगह जरूरत है. हमने अभी हाल में ही एयरपोर्ट पर भी इसी तरह के ड्रिंकिंग वाटर फाउंटेन देखे थे. ताजमहल पर ऐसे ड्रिंकिंग वाटर फाउंटेन मिलेंगे यह उम्मीद नहीं थी. यहां ड्रिंकिंग वाटर फाउंटेन देखे तो बहुत खुशी हुई है. यह बहुत अच्छा है.
-बर्मेश कुमार, पर्यटक
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि हम दो प्रकार से ताजमहल में वाटर सेविंग कर रहे हैं. पहले हमने पायलट प्रोजेक्ट के तहत मेहमानखाने के पास ड्रिंकिंग वाटर फाउंटेन लगाए. इनसे उतना ही पानी आता है, जितना पर्यटक को पीने की जरूरत है. इसके परिणाम बहुत ही अच्छे आए हैं. इनसे करीब 45 से 50 प्रतिशत वाटर की सेविंग हो रही है. पहले कई बार लोग नल खोल करके चले जाते थे, वाटर वेस्ट जाता था.
ड्रिंकिंग वाटर फाउंटेन से ऐसा नहीं होगा, इनकी अब डिजाइन में भी कुछ बदलाव किया जा रहा है. इसके साथ ही ताजमहल में वाटर सेविंग और ग्राउंडवाटर रिचार्ज किया जा रहा है. ताजमहल परिसर के बारिश के पानी को ग्राउंड वाटर सेविंग के लिए कुंए और बाबड़ी में डाला जाता है. इसके साथ ही जितने भी आरओ प्लांट लगे हैं, उसके वेस्टेज वाटर को भी ग्राउंड वाटर रिचार्ज किया जा रहा है.