लखनऊ : अब कार बाजार मालिक बिना आरटीओ को जानकारी दिए पुराने वाहन अपने बाजार में नहीं रख सकेंगे. जैसे ही पुरानी गाड़ी बेचने वाला मालिक कार बाजार को अपनी गाड़ी सौंपेगा, बाजार मालिक को परिवहन विभाग में पंजीकरण करना होगा. जिससे न सिर्फ उस गाड़ी का अवैध इस्तेमाल होगा और न ही पुरानी गाड़ी की खरीद फरोख्त से जुड़े टैक्स की चोरी ही हो सकेगी.
दरअसल, राजधानी समेत राज्य के सभी जिलों में सैकड़ों कार बाजार मौजूद हैं. यहां पुरानी कारें और बाइक बेचने वालों से कार बाजार डीलर सेल लेटर फॉर्म संख्या 29 पर साइन करवा लेते हैं और गाड़ी अपने कब्जे में रख लेते हैं. इस गाड़ी को बिकने में महीनों लगते हैं. इस बीच गाड़ी का इस्तेमाल कहां, कैसे और कब होता है इसकी जानकारी वाहन मालिक को नहीं होती है. हालांकि परिवहन विभाग ने इसे रोकने के लिए नई व्यवस्था पर कार्य कर रही है. इसके तहत पुरानी कार और बाइक बाजार डीलर्स को वाहन पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा. इसको लेकर रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्ट्री (MORTH) ने नोटिफिकेशन जारी किया था. जिसको लेकर यूपी परिवहन विभाग ने प्रस्ताव शासन भेजा है.
अब मिलेगी यह सहूलियत:
- डिफॉल्टर तय करने में होने वाली परेशानी दूर होगी.
- MORTH ने केंद्रीय मोटरयान वाहन नियम 1989 के अध्याय 3 में किया है संशोधन.
- संसोधन के अनुसार गाड़ी ट्रांसफर में होने मे देरी, कार डीलर से बकाया वसूलने संबंधी विवाद से मुक्ति मिलेगी.
- कार बाजार मालिक को पुरानी गाड़ी रीसेल के लिए करना होगा वाहन पोर्टल पर रजिस्टर.
अपर परिवहन आयुक्त राजस्व यूपी डॉ. आरके विश्वकर्मा ने बताया कि जब गाड़ी की बिक्री होती है तो नियमानुसार विक्रेता सेल पेपर फॉर्म 29 और क्रेता फॉर्म संख्या 28 पर सिग्नेचर करता है और RTO के सामने पहुंच कर वेरीफिकेशन करने के बाद गाड़ी की बिक्री कर लेता है. हालांकि यह कार बाजार में नहीं होता है, वहां गाड़ी किसको बेची जानी है, यह गाड़ी मालिक उस वक़्त जान पाता है जब उसकी गाड़ी कार बाजार कोई कस्टमर ढूंढ कर बेचता है.
वह सिर्फ गाड़ी मालिक से 29 फॉर्म पर साइन करवाता था. अब तक इन कार बाजार की जांच कौन करेगा, उनकी मॉनिटरिंग कौन करेगा यह तय नहीं है. हालांकि यदि यह नियम लागू होता है और कार बाजार भी कानून के दायरे में आते हैं तो पारदर्शिता के लिए यह व्यवस्था की जाएगी.
टैक्स की नहीं कर सकेंगे चोरी: बीते दिनों यूज्ड कार को बेचने पर लगने वाला जीएसटी 12 से बढ़ कर 18 फीसदी कर दिया गया. यह नियम आम लोगों पर नहीं, बल्कि उनके लिए जो पुरानी गाड़ियों की खरीद फरोख्त करते है. हालांकि अब तक ये डील सीधे क्रेता विक्रेता के बीच होती है. जिससे यह टैक्स चोरी होता है, लेकिन परिवहन विभाग के इस नये नियम से यह संभव नहीं हो सकेगा. क्योंकि अब सीधे क्रेता विक्रेता नहीं, बल्कि इन डीलर को भी गाड़ी खुद के कब्जे को लेकर परिवहन विभाग मे रजिस्टर करना होगा.
यह भी पढ़ें : पुष्पक एक्सप्रेस हादसा, रेलवे ने जारी किया हेल्प लाइन नंबर, सीएम योगी ने जताया दुख