आगराः तीर्थ बटेश्वर में मकर संक्रांति के पर्व पर 10 महीने बाद मुख्य मंदिर के पट खोले गए. पट खोले जाने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान भोले के दर्शन करने पहुंचे. श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया. इस दौरान मंदिर में कोरोना गाइडलाइन का विशेष ध्यान रखा गया.
10 महीने बाद खुला मंदिर का पट
उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बटेश्वर के मुख्य मंदिर के पट को मकर संक्रांति के दिन 10 महीने बाद खोला गया. इस दौरान बड़ी संख्या में भगवान भोले के भक्त दर्शन करने पहुंचे. भगवान शिव के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे थे. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का भी विशेष ध्यान रखा गया. कोरोना गाइडलाइन के साथ भक्त भगवान के दर्शन करते नजर आए.
कोरोना के चलते बंद किये गये थे पट
जानकारी के अनुसार बाह क्षेत्र के प्रमुख तीर्थ स्थल बटेश्वर में यमुना किनारे भगवान भोले के एक से एक मंदिर चंद्राकार में बने हुए हैं. मान्यता है कि यहां के प्राचीन मंदिरों में भगवान भोले विराजते हैं. हर साल लाखों की संख्या में भगवान भोले के दर्शन करने यहां पहुंचते हैं. लेकिन कोरोना काल में पिछले साल 19 मार्च को तीर्थ बटेश्वर के मुख्य मंदिर ब्रह्म लाल जी महाराज के शासनादेश के बाद पट बंद कर दिए गए थे. जिसके चलते भोले के भक्तों को मंदिर के बाहर से ही पूजा अर्चना कर वापस लौटना पड़ रहा था. आखिरकार पूरे 10 महीने बाद मकर संक्रांति के पर्व के दिन बटेश्वर ट्रस्ट एवं प्रशासन के निर्णय के बाद मुख्य मंदिर के पट खोले गए.
बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
10 महीने बाद मंदिर खुलने पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. भक्तों ने मंदिर परिसर में कोरोना गाइडलाइंस के अनुपालन में भगवान के दर्शन किए और पूजा अर्चना कर अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की. वहीं मुख्य मंदिर के गर्भ गृह में भगवान के दर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई. संक्रांति पर्व पर श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में स्नान कर खिचड़ी गुड़ तिल दान किया. साथ ही भोले के दर पहुंचे श्रद्धालुओं में खुशी देखने को मिली.
राजा अरिदमन सिंह ने किये दर्शन
बटेश्वर मंदिर ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह मंदिर खुलने पर पहुंचे. जहां उन्होंने अपने समर्थकों के साथ भोले ब्रह्म लाल महाराज भगवान की पूजा अर्चना की. साथ ही मकर संक्रांति पर्व के मौके पर दान पुण्य किया. इस दौरान उपजिलाधिकारी बाह अब्दुल बासित मौजूद रहे.