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आगरा में डेंगू की दस्तक: अधिकतर बच्चो में डेंगू के लक्षण, शहर में फैली दहशत - dengue fever symptoms

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में डेंगू संक्रमण ने दस्तस्क दे दी है. एस.एन. मेडिकल में बीते तीन दिनों में दो दर्जन से अधिक नवजात और बच्चे भर्ती हुए हैं. जिनमें अधिकतर बच्चो में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं. आगरा के गांव और देहातों की लचर चिकित्सा व्यवस्था के कारण अधिकांश मरीज एसएन इमरजेंसी पहुंच रहे हैं.

शहर में फैली दहशत
शहर में फैली दहशत
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Published : Sep 2, 2021, 2:28 PM IST

आगरा: यूपी के आगरा में कोरोना के तांडव के बाद डेंगू ने दस्तक दे दी है. इस संक्रमण से सबसे ज्यादा नवजात और बच्चे प्रभावित हैं. जिसको लेकर एसएन प्रबंधन ने डेंगू के दो स्पेशल वार्ड तैयार किये है. जहां मथुरा और फिरोजाबाद सहित आगरा के दो दर्जन से अधिक बच्चे पिछले तीन दिनों में भर्ती किये गए है. डेंगू से संक्रमित बच्चों में तेज बुखार, कमजोरी और उल्टी-दस्त के लक्षण पाए गए हैं. जो डेंगू की पुष्टि करते हैं. एस.एन. प्रबंधन ने बच्चों के बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों की एक स्पेशल टीम का गठन भी किया है. जिनकी देख-रेख में नवजातों और संक्रमित बच्चों का इलाज किया जा रहा है.



एस.एन. प्रबंधन के प्रचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता का कहना है कि डेंगू मच्छरों की प्रजाति के एक विशेष एडीज मच्छर के काटने से होता है. जो साफ पानी में पनपता है. यह मच्छर मनुष्य के कमर के निचले हिस्से पर काटता है. जिससे लोग डेंगू से संक्रमित हो जाते हैं. मरीज को शुरुआत में कमजोरी, तेज भुखार ओर उल्टी-दस्त की समस्या होती है. वहीं, डेंगू के अन्य मामलों में शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं, जो एक गंभीरता के संकेत है. ऐसे में डेंगू और भी गंभीर हो जाता है. उस अवस्था मे मरीज को तत्काल चिकित्सक सलाह ओर उपचार लेना चाहिए. सही समय पर उपचार न मिलने पर मरीज की मृत्यु भी हो सकती है.

आगरा में डेंगू की दस्तक
ऐसे करें बचाव
एस.एन. प्रबंधन के डेंगू वार्ड के नोडल इंचार्ज मृदुल चतुर्वेदी का कहना है कि बरसात के मौसम में डेंगू संक्रमण फैलता है. इसका मुख्यता कारण जलभराव है. लोग घरों में साफ पानी का भंडारण करते हैं. एडीज प्रजाति का मच्छर साफ पानी पर रहता है. यह मच्छर दिन में लोंगो को अपना शिकार बनाता है. जिससे बचने की जरूरत है. फुल स्लीव्स के कपड़े पहने, पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें. डेंगू के लक्षण दिखने पर शुरुआत में घर पर ही तरल प्रदार्थो का जैसे-छाछ, जूस ओर नींबू पानी का अत्यधिक सेवन करें. वहीं बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह से पेरासिटामोल के इस्तेमाल किया जा सकता है.
आगरा के देहातों में बुरा हाल
आगरा के आस-पास के इलाकों में डेंगू जबरदस्त तरीके से पैर पसार रहा है. प्राथमिक स्वास्थ केंद्रों पर डेंगू से बचाव के लिए संसाधनों की भारी कमी है. ऐसे में आगरा के आस-पास के इलाकों में बच्चे ज्यादा डेंगू से संक्रमित हैं. गांव ओर देहातों की लचर चिकित्सा व्यवस्था के कारण अधिकांश मरीज एस एन इमरजेंसी पहुंच रहे हैं.
माता-पिता दहशत में
डेंगू से आगरा के पड़ोसी जिले फिरोजाबाद और मथुरा के बिगड़े हालात किसी से छिपे नहीं हैं. अब धीरे-धीरे आगरा भी डेंगू के मामलों में उसी रफ्तार से आगे बढ़ रहा हैं. जिसको लेकर बच्चों के माता-पिता दहशत में हैं. वह अपने बच्चों की देखभाल के लिए अस्पतालों में रात-दिन एक कर रहे हैं. जिससे उनके बच्चे जल्द स्वस्थ होकर घर लौट पाएं.

आगरा: यूपी के आगरा में कोरोना के तांडव के बाद डेंगू ने दस्तक दे दी है. इस संक्रमण से सबसे ज्यादा नवजात और बच्चे प्रभावित हैं. जिसको लेकर एसएन प्रबंधन ने डेंगू के दो स्पेशल वार्ड तैयार किये है. जहां मथुरा और फिरोजाबाद सहित आगरा के दो दर्जन से अधिक बच्चे पिछले तीन दिनों में भर्ती किये गए है. डेंगू से संक्रमित बच्चों में तेज बुखार, कमजोरी और उल्टी-दस्त के लक्षण पाए गए हैं. जो डेंगू की पुष्टि करते हैं. एस.एन. प्रबंधन ने बच्चों के बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों की एक स्पेशल टीम का गठन भी किया है. जिनकी देख-रेख में नवजातों और संक्रमित बच्चों का इलाज किया जा रहा है.



एस.एन. प्रबंधन के प्रचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता का कहना है कि डेंगू मच्छरों की प्रजाति के एक विशेष एडीज मच्छर के काटने से होता है. जो साफ पानी में पनपता है. यह मच्छर मनुष्य के कमर के निचले हिस्से पर काटता है. जिससे लोग डेंगू से संक्रमित हो जाते हैं. मरीज को शुरुआत में कमजोरी, तेज भुखार ओर उल्टी-दस्त की समस्या होती है. वहीं, डेंगू के अन्य मामलों में शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं, जो एक गंभीरता के संकेत है. ऐसे में डेंगू और भी गंभीर हो जाता है. उस अवस्था मे मरीज को तत्काल चिकित्सक सलाह ओर उपचार लेना चाहिए. सही समय पर उपचार न मिलने पर मरीज की मृत्यु भी हो सकती है.

आगरा में डेंगू की दस्तक
ऐसे करें बचाव
एस.एन. प्रबंधन के डेंगू वार्ड के नोडल इंचार्ज मृदुल चतुर्वेदी का कहना है कि बरसात के मौसम में डेंगू संक्रमण फैलता है. इसका मुख्यता कारण जलभराव है. लोग घरों में साफ पानी का भंडारण करते हैं. एडीज प्रजाति का मच्छर साफ पानी पर रहता है. यह मच्छर दिन में लोंगो को अपना शिकार बनाता है. जिससे बचने की जरूरत है. फुल स्लीव्स के कपड़े पहने, पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें. डेंगू के लक्षण दिखने पर शुरुआत में घर पर ही तरल प्रदार्थो का जैसे-छाछ, जूस ओर नींबू पानी का अत्यधिक सेवन करें. वहीं बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह से पेरासिटामोल के इस्तेमाल किया जा सकता है.
आगरा के देहातों में बुरा हाल
आगरा के आस-पास के इलाकों में डेंगू जबरदस्त तरीके से पैर पसार रहा है. प्राथमिक स्वास्थ केंद्रों पर डेंगू से बचाव के लिए संसाधनों की भारी कमी है. ऐसे में आगरा के आस-पास के इलाकों में बच्चे ज्यादा डेंगू से संक्रमित हैं. गांव ओर देहातों की लचर चिकित्सा व्यवस्था के कारण अधिकांश मरीज एस एन इमरजेंसी पहुंच रहे हैं.
माता-पिता दहशत में
डेंगू से आगरा के पड़ोसी जिले फिरोजाबाद और मथुरा के बिगड़े हालात किसी से छिपे नहीं हैं. अब धीरे-धीरे आगरा भी डेंगू के मामलों में उसी रफ्तार से आगे बढ़ रहा हैं. जिसको लेकर बच्चों के माता-पिता दहशत में हैं. वह अपने बच्चों की देखभाल के लिए अस्पतालों में रात-दिन एक कर रहे हैं. जिससे उनके बच्चे जल्द स्वस्थ होकर घर लौट पाएं.
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