आगराः जिले के हरीपर्वत थाना क्षेत्र में आत्महत्या करने जा रही एक किशोरी को पुलिसकर्मियों ने अपनी सूझबूझ से बचा लिया. क्षेत्र के रिंग रोड चौकी क्षेत्र में गुरुवार की रात किशोरी ने खुद को कमरे बंद कर लिया. इसके बाद वह आत्महत्या करने की कोशिश करने लगी. यह देखकर परिजनों ने डायल 112 पर काॅल कर पुलिस को इसकी सूचना दी. सूचना मिलते ही पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे. आनन-फानन में उन्होंने कमरे का दरवाजा तोड़ा और किशोरी को बचा लिया. पुलिसकर्मियों के क्विक रिस्पांस से किशोरी मरते-मरते बची.
पुलिस कमिश्ननर डाॅ. प्रीतेंदर सिंह ने बताया कि डाॅयल 112 नंबर पर गुरुवार रात एक सूचना मिली थी. इसके आधार पर पीआरवी 4095 मौके पर पहुंची थी. पीआरवी पर तैनात सिपाही नितिन कुमार और होम गार्ड देवी सिंह ने देखा कि घरवाले दरवाजा तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. मगर, दरवाजा नहीं खुल रहा था. इस पर पीआरवी के जवान ने वहां रखा गैस सिलेंडर उठाया और उससे दरवाजे पर प्रहार कर दरवाजा तोड़ दिया.
छटपटा रही थी किशोरीः जब पुलिसकर्मी और परिजन दरवाजा टूटने पर कमरे के अंदर घुसे, तो उन्होंने देखा कि किशोरी छटपटा रही थी. पुलिसकर्मी और परिजन ने पहले उसके पैर पकड़ लिए. इसके बाद उसे उतारकर तत्काल हॉस्पिटल लेकर गए. वहां पर चिकित्सक ने किशोरी की हालत खतरे से बाहर बताई. इस तरह उसकी जान बच गई. पुलिस कमिश्नर ने पीआरवी पर तैनात मुख्य आरक्षी नितिन कुमार और होमगार्ड देवी सिंह के बेतहर रिस्पांस टाइम और सूझबूझ की तारिफ की. उन्होंने कहा कि किशोरी की जान बचाने के लिए उन्हें प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा.
किशोरी ने बताई वजहः पीआरवी जवान नितिन कुमार के अनुसार, जब उन्होंने किशोरी से इस आत्मघाती कदम उठाने का वजह पूछा तो उसने बताया कि, परिजनों से विवाद होने पर उसने आत्मघाती कदम उठाया था. इसके बाद उन्होंने परिजन और किशोरी दोनों को समझाया. नितिन कुमार कहा, 'बच्चों को समझाएं. उन्हें बताएं कि क्या गलत है. क्या सही है. बच्चे भी परिजन की बात मानें.'
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