आगरा : केंद्रीय जीएसटी विभाग के आगरा कार्यालय ने सोमवार को 134 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का आरोपित मास्टरमाइंड अक्षय गोयल को गिरफ्तार किया है. उसके साथियों की तलाश जारी है. जीएसटी टीम के मुताबिक, मास्टरमाइंड और उसके साथियों ने 227 बोगस फर्में बनाईं, जिनसे करीब 755 करोड़ के नकली चालान जारी करके कारोबार दिखाया. इसके बाद इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेने के लिए 134 करोड़ रुपये का क्लेम भी कर दिया. हकीकत में एक भी बोगस फर्म से माल नहीं बेचा गया. मास्टरमाइंड और उसके साथियों के खिलाफ अधिनियम में कार्रवाई की विभाग ने तैयारी कर ली है.
आरोपी के पास से दस्तावेज बरामद : बता दें कि जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्त कार्यालय आगरा की निवारक इकाइयों को खुफिया जानकारी मिली थी कि बोगस फर्म बनाकर करोड़ों रुपये के आईटीसी क्लेम का आवेदन किया गया है. जीएसटी टीम के मुताबिक, इस पर टीमों ने एक साथ कई परिसरों में तलाशी ली, जिसमें बेलनगंज निवासी मास्टरमाइंड अक्षय गोयल के फर्जी फर्मों को बनाकर व्यापार चलाने का खुलासा हुआ. मास्टरमाइंड अक्षय गोयल और उसका गैंग बोगस फर्मोें से करोड़ों रुपये की माल की बिक्री दिखाकर माल की आपूर्ति नहीं करता था. इस तरह मास्टमाइंड अक्षय गोयल और उसका नेटवर्क आईटीसी क्लेम ले रहा था. उसने अब तक कितना आईटीसी क्लेम लिया है. इसकी छानबीन की जा रही है. जीएसटी टीम के मुताबिक, मास्टरमाइंड अक्षय गोयल दूसरों के नाम का उपयोग करके व्यक्तिगत चालू बैंक खाते को ऑपरेट करता था. उसके पास से कई फर्मों के लेटर हेड पर जारी फर्जी चालान की प्रति, चेक बुक, बैंक पास बुक, रबर स्टांप, मोबाइल सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं.
आधार कार्ड और पैन कार्ड से बनाईं फर्में : आगरा में जीएसटी चोरी को लेकर कार्रवाई सीजीएसटी आयुक्त शरद चंद श्रीवास्तव के दिशा निर्देशन में अपर आयुक्त भवन मीना एवं उपायुक्त पल्लव सक्सेना के मार्ग दर्शन में अधीक्षक ऋषि देव सिंह की एंटी इवेजन की टीम ने की. सीजीएसटी आयुक्त शरद चंद श्रीवास्तव ने बताया कि, 'जीएसटी चोरी के मास्टरमाइंड अक्षय गोयल ने परिवार के सदस्यों, कर्मचारियों, रिश्तेदार और दोस्तों को अपने खेल में मोहरा बनाया है. उसने इनके आधार कार्ड और पैन कार्ड से बोगस फर्मे बनाईं. इसके बाद करोड़ों रुपये के वारे न्यारे कर लिए हैं. टैक्स जमा करने के नाम पर ठेंगा दिखा दिया. विभागीय पड़ताल में ऐसे अन्य चौंकाने वाले तथ्य निकल कर सामने आए हैं.' बता दें कि आगरा में बोगस फर्म बनाकर जीएसटी क्लेम करने का पहला मामला नहीं है. आगरा में पहले भी ऐसे ही दर्जनों बोगस फर्म बनाकर 350 करोड़ रुपये की जीएसटी क्लेम का मामला सामने आया था.'
रजिस्टर कराईं फर्में : सीजीएसटी आयुक्त शरद चंद श्रीवास्तव ने बताया कि, 'बोगस फर्मों के आईटीसी क्लेम करने वाले रैकेट ने आगरा के लोगों के नाम पर ही ये फर्में रजिस्टर कराई थीं, जिन लोगों के नाम से फर्में रजिस्टर कराईं हैं, उनमें अधिकतर गरीब हैं. मास्टरमाइंड और उसके रैकेट ने इन गरीब लोगों के नाम से बोगस फर्में बनाने के साथ ही उनसे निजी बैंक में खाता खुलवाने के लिए 15-15 हजार रुपये भी दिए. बोगस फर्म से तीन से चार माह तक काम किया. आईटीसी क्लेम लिया और उन्हें बंद कर दिया जाता था.'